शिमला: हिमाचल की राजनीति में वरिष्ठ नेता के रूप में यादगार पहचान बनाने वाले पूर्व मंत्री मनसा राम का शनिवार को निधन हो (Former minister Mansaram passed away) गया. उन्होंने आईजीएमसी शिमला में अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. मनसा राम पिछले तीन हफ्तों से आईजीएमसी में भर्ती थे. उनको किडनी की बीमारी थी. आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल राव ने उनके निधन की पुष्टि की है. वह मंडी जिला के करसोग के रहने वाले थे. मनसा राम की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव ले जाया गया है. रविवार को उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में होगा.
करीब 82 वर्षीय मनसा राम प्रदेश के एक मात्र ऐसे नेता थे जो यशवंत सिंह परमार सहित 4 मुख्यमंत्री की कैबिनेट में काम कर चुके थे. उस दौरान वे रामलाल की सरकार में मंत्री बने. वहीं, 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी का दामन थामा व पार्टी टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल कर भाजपा को समर्थन देकर प्रेम कुमार धूमल की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. (Former Minister Mansaram passed away in IGMC)(Former MLA Karsog Mansaram passed away).
उसके बाद 1972 में मनसा राम ने कांग्रेस टिकट पर अपना चुनाव लड़ा और परमार सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री बन गए. वर्ष 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की और वीरभद्र सरकार में सीपीएस के रूप में कार्य किया. ऐसे में अपने 56 साल के राजनीतिक सफर में पूर्व मंत्री ने कई उतार चढ़ाव भी देखे. मनसा राम ने करसोग से 12 विधानसभा चुनाव लड़े और 6 बार जीत हासिल कर विधानसभा में करसोग का नेतृत्व किया. करसोग विधानसभा क्षेत्र से मनसा राम के अतिरिक्त कोई मंत्री नहीं रहा. मनसा राम को जनता मंत्री जी कहकर संबोधित करती थी.
CM ने पूर्व मंत्री के निधन पर किया शोक व्यक्त: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मनसा राम के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि मनसा राम ने लंबे समय तक प्रदेश की सेवा की और अपने क्षेत्र के विकास के लिए भी उल्लेखनीय योगदान दिया. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के साथ गहरी संवेदनाएं प्रकट की हैं.
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