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कोरोना की मार! फूलों का कारोबार ठप, कारोबारियों को हो रहा भारी नुकसान

कोरोना के मामलों में गिरावट आने के बाद भी फूलों का कारोबार अभी भी पटरी पर नहीं आ पाया है. शादी समेत किसी भी तरह के आयोजनों के बड़े स्तर पर न होने के कारण फूलों की डिमांड में कमी आई, जिसके कारण फूल कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

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Published : Jan 20, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 5:27 PM IST

flower business in shimla
फूलों का कारोबार

शिमला: कोविड 19 की वजह से हर एक कारोबार प्रभावित हुआ. उन्हीं में फूलों का कारोबार भी शामिल है. कोरोना के मामलों में गिरावट आने के बाद भी फूलों का कारोबार अभी भी पटरी पर नहीं आ पाया है. शादी समेत किसी भी तरह के आयोजनों के बड़े स्तर पर न होने के कारण फूलों की डिमांड में कमी आई, जिसके कारण फूल कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

फूलों की डिमांड में भारी गिरावट

कोरोना से पहले फूलों की डिमांड जिस तरह होती थी उसमें अब 70 फीसदी से ज्यादा कमी आ चुकी है. महज 30 फीसदी ही फूलों का कारोबार रह गया है. पहले शादियों में डेकोरेशन के लिए फूलों की भारी डिमांड रहती थी. अब वो डिमांड बिल्कुल कम हो चुकी है. इसके अलावा सरकारी आयोजनों में भी इस्तेमाल होने वाले फूलों के बुके भी अब ना के बराबर ही लग रहे है, क्योंकि ज्यादातर आयोजन वर्चुअली ही किए जा रहे हैं. इस कारण फूल कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

बाहरी राज्यों से लाने पड़ते हैं फूल

शिमला में फूलों की कोई लोकल मंडी नहीं है, जिसकी वजह से बाहरी राज्यों से ही फूल खरीद कर कारोबारियों को लाने पड़ते है. शिमला में फूल के कारोबारी दिल्ली, कोलकाता और अन्य बाहरी जगहों से ही फूल लेकर आते है. बाहरी राज्यों में फूलों की कीमतों में 30 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे इस कारोबार में मुनाफा कम लेकिन नुकसान ज्यादा हो रहा है. ये कारोबार सिमट कर 30 फ़ीसदी तक रह गया है.

फूलों के इस्तेमाल ना होने से तीन चार दिन बाद फूल मुरझा जाते हैं और उन्हें फेंकना पड़ता हैं. ऐसे में ज्यादा कीमतों में लाए गए इन फूलों के खराब होने से फूल कारोबारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. फूल कारोबारियों का कहना है कि कोविड से पहले जहां दिन में 20 से 21 बुके लगते थे. वहीं, अब दिन में इनकी संख्या 2 से 3 हो गई है और कभी कभी एक भी बुके नहीं बिकता है.

आयोजनों का छोटे स्तर पर होने से कारोबार में आई गिरावट

शिमला के सब्जी मंडी में फूलों की दुकान चला रहे राजकुमार ने बताया कि कोविड की वजह से उनके कारोबार को सबसे ज्यादा झटका लगा है. लॉकडाउन के बाद कुछ समय तक समारोहों में ज्यादा लोगों के आने को लेकर प्रशासन की ओर से अनुमति दी गई. इस दौरान फूलों का काम भी बढ़ा, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिर से छोटे स्तर पर समारोहों का आयोजन किया जाने लगा. इसके चलते फिर से फूलों के कारोबार में गिरावट देखने को मिली.

फूल कारोबारियों का कहना है कि ज्यादा फूल बाहर से नहीं मंगवाए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी कम मांग के चलते फूल दुकानों में खराब हो रहे है और उन्हें फेंकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों से ही फूल यहां लाए जाते है और मंडियों में फूलों की कीमतें भी बढ़ चुकी है. ऐसे में मुनाफे से ज्यादा नुकसान ही फूल कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है.

वेतन निकालने में भी हो रही मुश्किलें

वहीं, गंज बाजार में फूलों की दुकान पर काम करने वाले अनिमेष पाल ने बताया कि फूलों का कारोबार कोविड-19 की वजह से मंदा चल रहा है. उन्होंने कहा कि पहले शिमला के होटलों में फूलों की डिमांड ज्यादा रहती थी, जो अब बिल्कुल खत्म हो चुकी है. साथ ही शादियों में डेकोरेशन के लिए भी फूलों की डिमांड नहीं आ रही है. ये सभी आयोजन सादे तरीके से हो रहे हैं. इसके चलते मुनाफा तो दूर फूल के कारोबार से जुड़े लोगों का वेतन भी बड़ी मुश्किल से निकल पा रहा है.

कारोबारियों को राहत मिलने का इंतजार

हालांकि, अब कोरोना के मामलों में कमी आ रही है. ऐसे में आने वाले समय में फूल कारोबारियों को राहत मिलने का इंतजार है, ताकि वे भी अपने कारोबार में मुनाफा कमा सकें.

शिमला: कोविड 19 की वजह से हर एक कारोबार प्रभावित हुआ. उन्हीं में फूलों का कारोबार भी शामिल है. कोरोना के मामलों में गिरावट आने के बाद भी फूलों का कारोबार अभी भी पटरी पर नहीं आ पाया है. शादी समेत किसी भी तरह के आयोजनों के बड़े स्तर पर न होने के कारण फूलों की डिमांड में कमी आई, जिसके कारण फूल कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

फूलों की डिमांड में भारी गिरावट

कोरोना से पहले फूलों की डिमांड जिस तरह होती थी उसमें अब 70 फीसदी से ज्यादा कमी आ चुकी है. महज 30 फीसदी ही फूलों का कारोबार रह गया है. पहले शादियों में डेकोरेशन के लिए फूलों की भारी डिमांड रहती थी. अब वो डिमांड बिल्कुल कम हो चुकी है. इसके अलावा सरकारी आयोजनों में भी इस्तेमाल होने वाले फूलों के बुके भी अब ना के बराबर ही लग रहे है, क्योंकि ज्यादातर आयोजन वर्चुअली ही किए जा रहे हैं. इस कारण फूल कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

बाहरी राज्यों से लाने पड़ते हैं फूल

शिमला में फूलों की कोई लोकल मंडी नहीं है, जिसकी वजह से बाहरी राज्यों से ही फूल खरीद कर कारोबारियों को लाने पड़ते है. शिमला में फूल के कारोबारी दिल्ली, कोलकाता और अन्य बाहरी जगहों से ही फूल लेकर आते है. बाहरी राज्यों में फूलों की कीमतों में 30 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे इस कारोबार में मुनाफा कम लेकिन नुकसान ज्यादा हो रहा है. ये कारोबार सिमट कर 30 फ़ीसदी तक रह गया है.

फूलों के इस्तेमाल ना होने से तीन चार दिन बाद फूल मुरझा जाते हैं और उन्हें फेंकना पड़ता हैं. ऐसे में ज्यादा कीमतों में लाए गए इन फूलों के खराब होने से फूल कारोबारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. फूल कारोबारियों का कहना है कि कोविड से पहले जहां दिन में 20 से 21 बुके लगते थे. वहीं, अब दिन में इनकी संख्या 2 से 3 हो गई है और कभी कभी एक भी बुके नहीं बिकता है.

आयोजनों का छोटे स्तर पर होने से कारोबार में आई गिरावट

शिमला के सब्जी मंडी में फूलों की दुकान चला रहे राजकुमार ने बताया कि कोविड की वजह से उनके कारोबार को सबसे ज्यादा झटका लगा है. लॉकडाउन के बाद कुछ समय तक समारोहों में ज्यादा लोगों के आने को लेकर प्रशासन की ओर से अनुमति दी गई. इस दौरान फूलों का काम भी बढ़ा, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिर से छोटे स्तर पर समारोहों का आयोजन किया जाने लगा. इसके चलते फिर से फूलों के कारोबार में गिरावट देखने को मिली.

फूल कारोबारियों का कहना है कि ज्यादा फूल बाहर से नहीं मंगवाए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी कम मांग के चलते फूल दुकानों में खराब हो रहे है और उन्हें फेंकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों से ही फूल यहां लाए जाते है और मंडियों में फूलों की कीमतें भी बढ़ चुकी है. ऐसे में मुनाफे से ज्यादा नुकसान ही फूल कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है.

वेतन निकालने में भी हो रही मुश्किलें

वहीं, गंज बाजार में फूलों की दुकान पर काम करने वाले अनिमेष पाल ने बताया कि फूलों का कारोबार कोविड-19 की वजह से मंदा चल रहा है. उन्होंने कहा कि पहले शिमला के होटलों में फूलों की डिमांड ज्यादा रहती थी, जो अब बिल्कुल खत्म हो चुकी है. साथ ही शादियों में डेकोरेशन के लिए भी फूलों की डिमांड नहीं आ रही है. ये सभी आयोजन सादे तरीके से हो रहे हैं. इसके चलते मुनाफा तो दूर फूल के कारोबार से जुड़े लोगों का वेतन भी बड़ी मुश्किल से निकल पा रहा है.

कारोबारियों को राहत मिलने का इंतजार

हालांकि, अब कोरोना के मामलों में कमी आ रही है. ऐसे में आने वाले समय में फूल कारोबारियों को राहत मिलने का इंतजार है, ताकि वे भी अपने कारोबार में मुनाफा कमा सकें.

Last Updated : Jan 20, 2021, 5:27 PM IST
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