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बड़ी राहत: IGMC में पहले 10 मरीजों का निशुल्क होगा किडनी ट्रांसप्लांट, एचएम ने किया ऐलान

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Published : Aug 22, 2019, 11:23 PM IST

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन इस संबंध में सदन में अपने वक्तव्य में ये घोषणा की. यही नहीं, साधनहीन मरीजों के प्रत्यारोपण भी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत किए जाएंगे. किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलने से अब मरीजों को चंडीगढ़ और बाहरी राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा.

विपिन सिंह परमार

शिमला: किडनी की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए राज्य सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है. आईजीएमसी अस्पताल में शुरू हुई किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा के तहत पहले दस मरीजों का प्रत्यारोपण निशुल्क किया जाएगा.


स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन इस संबंध में सदन में अपने वक्तव्य में ये घोषणा की. यही नहीं, साधनहीन मरीजों के प्रत्यारोपण भी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत किए जाएंगे. परमार ने अपने वक्तव्य में बताया कि हिमाचल में इस समय 500 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है. प्रदेश में कुल 1200 मरीज किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं. हाई ब्लड प्रेशर व शूगर किडनी रोगों का प्रमुख कारण है.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक हिमाचल के मरीजों को किडनी के रोगों की एडवांस चिकित्सा के लिए निकटतम संस्थान पीजीआई चंडीगढ़ है, लेकिन अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए प्रदेश के मरीजों को यहीं सुविधा मिलेगी. एम्स दिल्ली की सहायता से शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में दो मरीजों का सफल गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया है.


विपिन सिंह परमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2018 के बजट भाषण में आईजीएमसी अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि हाल ही में 12 अगस्त को आईजीएमसी अस्पताल में दो मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कुल चार ऑपरेशन किए गए थे. अब डोनर व रिसीवर सभी स्वस्थ हैं.


आईजीएमसी अस्पताल में शुरुआती 20 प्रत्यारोपण एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों की मदद से होंगे. एक तरह से आंख एम्स की और हाथ आईजीएमसी के होंगे यानी निगरानी एम्स के डॉक्टर्स की होगी और ऑपरेशन आईजीएमसी अस्पताल के डॉक्टर्स करेंगे. किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था अब प्रदेश सरकार हिमकेयर और आयुष्मान योजना में शामिल करेगी. प्रदेश सराकर गरीब परिवार के पहले दस किडनी रोगियों के ट्रांसप्लांट के लिए आने वाले चार लाख रुपए तक का खर्चा उठाएगी.

शिमला: किडनी की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए राज्य सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है. आईजीएमसी अस्पताल में शुरू हुई किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा के तहत पहले दस मरीजों का प्रत्यारोपण निशुल्क किया जाएगा.


स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन इस संबंध में सदन में अपने वक्तव्य में ये घोषणा की. यही नहीं, साधनहीन मरीजों के प्रत्यारोपण भी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत किए जाएंगे. परमार ने अपने वक्तव्य में बताया कि हिमाचल में इस समय 500 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है. प्रदेश में कुल 1200 मरीज किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं. हाई ब्लड प्रेशर व शूगर किडनी रोगों का प्रमुख कारण है.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक हिमाचल के मरीजों को किडनी के रोगों की एडवांस चिकित्सा के लिए निकटतम संस्थान पीजीआई चंडीगढ़ है, लेकिन अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए प्रदेश के मरीजों को यहीं सुविधा मिलेगी. एम्स दिल्ली की सहायता से शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में दो मरीजों का सफल गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया है.


विपिन सिंह परमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2018 के बजट भाषण में आईजीएमसी अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि हाल ही में 12 अगस्त को आईजीएमसी अस्पताल में दो मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कुल चार ऑपरेशन किए गए थे. अब डोनर व रिसीवर सभी स्वस्थ हैं.


आईजीएमसी अस्पताल में शुरुआती 20 प्रत्यारोपण एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों की मदद से होंगे. एक तरह से आंख एम्स की और हाथ आईजीएमसी के होंगे यानी निगरानी एम्स के डॉक्टर्स की होगी और ऑपरेशन आईजीएमसी अस्पताल के डॉक्टर्स करेंगे. किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था अब प्रदेश सरकार हिमकेयर और आयुष्मान योजना में शामिल करेगी. प्रदेश सराकर गरीब परिवार के पहले दस किडनी रोगियों के ट्रांसप्लांट के लिए आने वाले चार लाख रुपए तक का खर्चा उठाएगी.

बड़ी राहत: आईजीएमसी अस्पताल में पहले 10 मरीजों का निशुल्क होगा किडनी ट्रांसप्लांट, एचएम ने किया ऐलान
शिमला। किडनी की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए राज्य सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है। आईजीएमसी अस्पताल में शुरू हुई किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा के तहत पहले दस मरीजों का प्रत्यारोपण निशुल्क किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन इस संबंध में सदन में अपने वक्तव्य में ये घोषणा की। यही नहीं, साधनहीन मरीजों के प्रत्यारोपण भी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत किए जाएंगे। परमार ने अपने वक्तव्य में बताया कि हिमाचल में इस समय 500 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है। प्रदेश में कुल 1200 मरीज किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। हाई ब्लड प्रेशर व शूगर किडनी रोगों का प्रमुख कारण है। अब तक हिमाचल के मरीजों को किडनी के रोगों की एडवांस चिकित्सा के लिए निकटतम संस्थान पीजीआई चंडीगढ़ है। लेकिन अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए प्रदेश के मरीजों को यहीं सुविधा मिलेगी। एम्स दिल्ली की सहायता से शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में दो मरीजों का सफल गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2018 के बजट भाषण में आईजीएमसी अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में 12 अगस्त को आईजीएमसी अस्पताल में दो मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कुल चार आपरेशन किए गए थे। अब डोनर व रिसीवर सभी स्वस्थ हैं। आईजीएमसी अस्पताल में शुरुआती 20 प्रत्यारोपण एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों की मदद से होंगे। एक तरह से आंख एम्स की और हाथ आईजीएमसी के होंगे यानी निगरानी एम्स के डॉक्टर्स की होगी और ऑपरेशन आईजीएमसी अस्पताल के डॉक्टर्स करेंगे। किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था अब प्रदेश सरकार हिमकेयर और आयुष्मान योजना में शामिल करेगी। प्रदेश सराकर गरीब परिवार के पहले दस किडनी रोगियों के ट्रांसप्लांट के लिए आने वाले चार लाख रूपए तक का खर्चा उठाएगी।
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