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राजधानी शिमला के फायर हाईड्रेंट की हो रही है मैपिंग, 20 फीसदी हैं खराब

शिमला नगर निगम ने शहर में फायर हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया है. शहर में आगजनी की दृष्टि से कई वार्ड संवेदनशील है और आग लगने पर न तो यहां अग्निशमन के वाहन पहुंच सकते हैं और न ही इन क्षेत्रों में फायर हाईड्रेंट लगे हैं और जहां है वहां पर भी अधिकतर हाईड्रेंट खराब पड़े हैं.

Fire hydrant Shimla news, फायर हाइड्रेंट शिमला खबर
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Published : Mar 18, 2021, 6:14 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों का फायर हाइड्रेंट की लोकेशन का पता लगाने के लिए अब समय खराब नहीं होगा. नगर निगम ने शहर में फायर हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया है. शहर में आगजनी की दृष्टि से कई वार्ड संवेदनशील है और आग लगने पर न तो यहां अग्निशमन के वाहन पहुंच सकते हैं और न ही इन क्षेत्रों में फायर हाईड्रेंट लगे हैं और जहां है वहां पर भी अधिकतर हाईड्रेंट खराब पड़े हैं.

समाज सेवी संस्था डुअर्स इन दिनों शहर में फायर हाईड्रेंट की मैपिंग करने में लगा है. वीरवार को शिमला के बचत भवन में नगर निगम जल निगम और अग्निशमन विभाग के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया. संस्था ने इस इस दौरान शहर में फायर खराब पड़े हाईड्रेंफ़ट ठीक करने और वार्डो में नए हाईड्रेंट लगाने का सुझाव दिया.

वीडियो.

530 फायर हाइड्रेंट की शिनाख्त हुई है

संस्था द्वारा शहर में किए गए मैट्रिक के दौरान 530 फायर हाइड्रेंट की शिनाख्त हुई है जिसमें से तकरीबन 20 फीसदी से भी ज्यादा हाइड्रेंट खराब पड़े हैं. शहर में अधिकतर फायर हाइड्रेंट अंग्रेजों के समय बने थे लेकिन सही रखरखाव न होने के चलते यह खराब हो गए हैं.

संस्था सदस्य नवनीत यादव का कहना है कि शहर के काफी क्षेत्र आगजनी की दृष्टि से काफी संवेदनशील है शहर के राम बाजार , कृष्णा नगर, रुलदू भट्टा संजौली इजनघर, समिट्री के साथ ही कच्ची घाटी के क्षेत्र में आग बुझाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.

हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य किया जा रहा है

इन क्षेत्रों में न तो अग्निशमन की गाड़ियां जा सकती हैं और न ही फायर हाईड्रेंट की व्यवस्था है ऐसे में यहां पर आग लगती है तो काफी ज्यादा नुकसान भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि शहर में इन दिनों संस्था की ओर से सभी फायर हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य किया जा रहा है और अब तक 530 के करीब फायर हाईड्रेंट मिले हैं जिसमें से 20 फीसदी तक खराब पड़े हैं. जिसमें से अधिकतर अग्रेजों के समय के हैं.

अंग्रेजों ने जगह-जगह फायर हाईड्रेंट लगाए थे

उन्होंने कहा कि नगर निगम, अग्निशमन विभाग के साथ कार्यशाला की गई है और उन्हें शहर में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सुझाव भी दिए गए हैं. बता दें कि राजधानी शिमला में अंग्रेजों ने आग पर काबू पाने के लिए जगह-जगह फायर हाईड्रेंट लगाए थे, लेकिन सही देख रेख न होने पर ये फायर हाईड्रेंट खराब हो गए हैं जिससे शहर में आगजनी होने पर आग पर काबू पाने के लिए काफी मुशक्कत करनी पड़ती है.

बारूद के ढेर पर खड़ा है शिमला

राजधानी शिमला में अधिकतर भवन लकड़ी के बने हुए हैं. ऐसे में यहां यहां पर आगजनी की घटना होती है तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. लोअर बाजार राम बाजार सब्जी मंडी में एक दूसरे के साथ मकान सट्टे हुए हैं. ऐसे में यदि एक भवन में आग लगती है तो काफी बड़ा नुकसान हो सकता है.

ये भी पढ़ें- दो साल बाद कालका शिमला ट्रैक पर दौड़ी रेल मोटर कार, 7 यात्रियों ने लिया सफर का मजा

शिमला: राजधानी शिमला में अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों का फायर हाइड्रेंट की लोकेशन का पता लगाने के लिए अब समय खराब नहीं होगा. नगर निगम ने शहर में फायर हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया है. शहर में आगजनी की दृष्टि से कई वार्ड संवेदनशील है और आग लगने पर न तो यहां अग्निशमन के वाहन पहुंच सकते हैं और न ही इन क्षेत्रों में फायर हाईड्रेंट लगे हैं और जहां है वहां पर भी अधिकतर हाईड्रेंट खराब पड़े हैं.

समाज सेवी संस्था डुअर्स इन दिनों शहर में फायर हाईड्रेंट की मैपिंग करने में लगा है. वीरवार को शिमला के बचत भवन में नगर निगम जल निगम और अग्निशमन विभाग के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया. संस्था ने इस इस दौरान शहर में फायर खराब पड़े हाईड्रेंफ़ट ठीक करने और वार्डो में नए हाईड्रेंट लगाने का सुझाव दिया.

वीडियो.

530 फायर हाइड्रेंट की शिनाख्त हुई है

संस्था द्वारा शहर में किए गए मैट्रिक के दौरान 530 फायर हाइड्रेंट की शिनाख्त हुई है जिसमें से तकरीबन 20 फीसदी से भी ज्यादा हाइड्रेंट खराब पड़े हैं. शहर में अधिकतर फायर हाइड्रेंट अंग्रेजों के समय बने थे लेकिन सही रखरखाव न होने के चलते यह खराब हो गए हैं.

संस्था सदस्य नवनीत यादव का कहना है कि शहर के काफी क्षेत्र आगजनी की दृष्टि से काफी संवेदनशील है शहर के राम बाजार , कृष्णा नगर, रुलदू भट्टा संजौली इजनघर, समिट्री के साथ ही कच्ची घाटी के क्षेत्र में आग बुझाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.

हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य किया जा रहा है

इन क्षेत्रों में न तो अग्निशमन की गाड़ियां जा सकती हैं और न ही फायर हाईड्रेंट की व्यवस्था है ऐसे में यहां पर आग लगती है तो काफी ज्यादा नुकसान भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि शहर में इन दिनों संस्था की ओर से सभी फायर हाईड्रेंट की मैपिंग का कार्य किया जा रहा है और अब तक 530 के करीब फायर हाईड्रेंट मिले हैं जिसमें से 20 फीसदी तक खराब पड़े हैं. जिसमें से अधिकतर अग्रेजों के समय के हैं.

अंग्रेजों ने जगह-जगह फायर हाईड्रेंट लगाए थे

उन्होंने कहा कि नगर निगम, अग्निशमन विभाग के साथ कार्यशाला की गई है और उन्हें शहर में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सुझाव भी दिए गए हैं. बता दें कि राजधानी शिमला में अंग्रेजों ने आग पर काबू पाने के लिए जगह-जगह फायर हाईड्रेंट लगाए थे, लेकिन सही देख रेख न होने पर ये फायर हाईड्रेंट खराब हो गए हैं जिससे शहर में आगजनी होने पर आग पर काबू पाने के लिए काफी मुशक्कत करनी पड़ती है.

बारूद के ढेर पर खड़ा है शिमला

राजधानी शिमला में अधिकतर भवन लकड़ी के बने हुए हैं. ऐसे में यहां यहां पर आगजनी की घटना होती है तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. लोअर बाजार राम बाजार सब्जी मंडी में एक दूसरे के साथ मकान सट्टे हुए हैं. ऐसे में यदि एक भवन में आग लगती है तो काफी बड़ा नुकसान हो सकता है.

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