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बर्फबारी अब पड़ सकती है 'भारी', बागवानों को सता रहा ये डर

प्रदेश में बर्फबारी अब लोगों के ऊपर भारी पड़ रही है. ज्यादा हिमपात होने से किसानों और बागवानों को फसले खराब होने की चिंता सताने लगी है. बर्फबारी से सेब के पेड़ों को नुकसान पहुंच रहा है.

Farmers fearing crop failure due to snowfall
बर्फबारी अब लोगों के ऊपर पड़ रही 'भारी'
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Published : Jan 21, 2020, 1:59 PM IST

रामपुर: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद पेड़-पौधों एक बार फिर बर्फ से लकदक हो गए हैं. भारी बर्फबारी से पेड़ों के टूटने का खतरा भी बना हुआ है. बागवानों को पेड़ों नुकसान पहुंचने का डर सता रहा है.

उद्यान विभाग के विशेषज्ञ बलवीर चौहान ने बागवानों को सलह दी है कि वह सेब के छोटे पेड़-पौधों के आस-पास बर्फ को समय-समय पर हटाते रहें. जिससे पेड़ों की टहनियों को नुकसान न हो. सेब की टहनियां सर्दियों के समय नाजुक हो जाती है, क्योंकि इनमें नई कोंपलें आने का समय नजदीक आ जाता है. इसलिए यह ज्यादा भार उठाने में सक्षम नहीं रहती है.

वीडियो रिपोर्ट

गौर रहे कि बर्फबारी वैसे तो सेब की फसल के लिए संजीवनी का काम करती है क्योंकि यह पर्याप्त मात्रा में पेड़ों को चिलिंग आवर्स देने में सहायता करती है, लेकिन जरुरत से ज्यादा बर्फबारी भी पेड़ों पर भारी पड़ सकती है. प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बीते कुछ समय से लगातार हो रही बर्फबारी इन पेड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला के उपरी इलाकों में बर्फबारी, ठंड से कांपे लोग

रामपुर: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद पेड़-पौधों एक बार फिर बर्फ से लकदक हो गए हैं. भारी बर्फबारी से पेड़ों के टूटने का खतरा भी बना हुआ है. बागवानों को पेड़ों नुकसान पहुंचने का डर सता रहा है.

उद्यान विभाग के विशेषज्ञ बलवीर चौहान ने बागवानों को सलह दी है कि वह सेब के छोटे पेड़-पौधों के आस-पास बर्फ को समय-समय पर हटाते रहें. जिससे पेड़ों की टहनियों को नुकसान न हो. सेब की टहनियां सर्दियों के समय नाजुक हो जाती है, क्योंकि इनमें नई कोंपलें आने का समय नजदीक आ जाता है. इसलिए यह ज्यादा भार उठाने में सक्षम नहीं रहती है.

वीडियो रिपोर्ट

गौर रहे कि बर्फबारी वैसे तो सेब की फसल के लिए संजीवनी का काम करती है क्योंकि यह पर्याप्त मात्रा में पेड़ों को चिलिंग आवर्स देने में सहायता करती है, लेकिन जरुरत से ज्यादा बर्फबारी भी पेड़ों पर भारी पड़ सकती है. प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बीते कुछ समय से लगातार हो रही बर्फबारी इन पेड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है.

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Intro:रामपुर बुशहर Body:
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में हुई बर्फबारी से एक बार फिर से पेड-पौधे बर्फ से लद चुके है। जहां बर्फ सेब की फसल के लिए अनिवार्य है वहीं अधिक बर्फ से पेड़-पौधे बर्फ से लद जाने से उन्हें टूटने व गीरने का भी खतरा बना रहा है। वहीं इस बर्फबारी से कई नाजुक पेड़ भी गीर जाते है जिनमें सफेदे का पेड़ प्रमुख है ऐसे में इस पेड़ से अपने आप को सुरक्षीत रखना जरूरी है।
जिसको लेकर उद्यान विभाग के विशेषज्ञ बलवीर चौहान की बागवानों को सलाह दी गई है कि वे छोटे पधौ के पास से बर्फ को समय रहते हटा दें और बड़े पेड़ों से भी बर्फ को हटा दें ताकि सेब की टहनियों को कोई नुकसान न हो । सेब की टहनियां इस समय नाजुक बनी होती है। क्योंकि इनमें नई कोंपले आने का समय हो चुका है इसलिए यह ज्यादा भार उठाने में सक्षम नहीं रहती है। जिस कारण सेब व अन्य फलों की टहनियां टूट सकती है और बागवानों की महेनत पर पानी फिर सकता है। ऐसे में समय रहते इसका ख्यान रखना आवश्यक है।


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