रामपुर: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद पेड़-पौधों एक बार फिर बर्फ से लकदक हो गए हैं. भारी बर्फबारी से पेड़ों के टूटने का खतरा भी बना हुआ है. बागवानों को पेड़ों नुकसान पहुंचने का डर सता रहा है.
उद्यान विभाग के विशेषज्ञ बलवीर चौहान ने बागवानों को सलह दी है कि वह सेब के छोटे पेड़-पौधों के आस-पास बर्फ को समय-समय पर हटाते रहें. जिससे पेड़ों की टहनियों को नुकसान न हो. सेब की टहनियां सर्दियों के समय नाजुक हो जाती है, क्योंकि इनमें नई कोंपलें आने का समय नजदीक आ जाता है. इसलिए यह ज्यादा भार उठाने में सक्षम नहीं रहती है.
गौर रहे कि बर्फबारी वैसे तो सेब की फसल के लिए संजीवनी का काम करती है क्योंकि यह पर्याप्त मात्रा में पेड़ों को चिलिंग आवर्स देने में सहायता करती है, लेकिन जरुरत से ज्यादा बर्फबारी भी पेड़ों पर भारी पड़ सकती है. प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बीते कुछ समय से लगातार हो रही बर्फबारी इन पेड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है.
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