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बेमौसमी मखनी बीन ने भरी किसानों की जेब, बिक रही 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल

सब्जी मंडियों में इन दिनों मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है. बरसात के दिनों में पैदा होने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग के चलते बेमौसमी बीन का अभी तक 40 रुपये तक औसत रेट मिलने से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं.

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Published : Sep 21, 2019, 5:34 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 7:39 PM IST

farmers are happy with whole sale rate of beans

शिमलाः सब्जी मंडियों में इन दिनों मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है. बरसात के दिनों में उगाई जाने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग है. इस ये बेमौसमी बीन मंडियों में 40 रुपये प्रति किलो के औसत दाम से बिक रही है.

अच्छे दाम मिलने से किसान मालामाल हो रहे हैं. हिमाचल प्रदेश से रोजाना सैकड़ों टन बीन सीधे कोलकता और दिल्ली की मंडियों में भेजी जा रही हैं. करसोग के सब्जी बहुल क्षेत्रों में बेमौसमी बीन किसानों की मुख्य फसल है. इन दिनों अधिकतर क्षेत्रों में बीन का सीजन चरम सीमा पर है.

शिमला ढली सब्जी मंडी के आढ़ती एसोसिएशन के सलाहकार नाहर सिंह का कहना है. ये पहली बार है कि मंडियों में किसानों को बीन का अभी तक 40 रुपये तक औसत रेट मिला है. उन्होंने कहा कि इन दिनों मैदानी इलाकों में प्रदेश की बेमौसनी बीन की अधिक मांग है. मौसम की बेरुखी से करसोग में इस बार बीन की फसल कम बताई जा रही है, लेकिन मंडियों में अच्छा भाव मिलने से किसानों पर इसकी ज्यादा मार नहीं पड़ी है.

शिमलाः सब्जी मंडियों में इन दिनों मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है. बरसात के दिनों में उगाई जाने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग है. इस ये बेमौसमी बीन मंडियों में 40 रुपये प्रति किलो के औसत दाम से बिक रही है.

अच्छे दाम मिलने से किसान मालामाल हो रहे हैं. हिमाचल प्रदेश से रोजाना सैकड़ों टन बीन सीधे कोलकता और दिल्ली की मंडियों में भेजी जा रही हैं. करसोग के सब्जी बहुल क्षेत्रों में बेमौसमी बीन किसानों की मुख्य फसल है. इन दिनों अधिकतर क्षेत्रों में बीन का सीजन चरम सीमा पर है.

शिमला ढली सब्जी मंडी के आढ़ती एसोसिएशन के सलाहकार नाहर सिंह का कहना है. ये पहली बार है कि मंडियों में किसानों को बीन का अभी तक 40 रुपये तक औसत रेट मिला है. उन्होंने कहा कि इन दिनों मैदानी इलाकों में प्रदेश की बेमौसनी बीन की अधिक मांग है. मौसम की बेरुखी से करसोग में इस बार बीन की फसल कम बताई जा रही है, लेकिन मंडियों में अच्छा भाव मिलने से किसानों पर इसकी ज्यादा मार नहीं पड़ी है.

Intro:मंडियों में इन दिनों मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। बरसात के दिनों में पैदा होने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग हैBody:बेमौसमी बीन ने भरी किसानों की जेब, मंडियों में इन दिनों बिक रहा है ये रेट
करसोग
करसोग क्षेत्र में बेमौसमी बीन की फसल ने किसानों को इस बार मालामाल कर दिया है। मंडियों में इन दिनों मखनी बीन 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। बरसात के दिनों में पैदा होने वाली बीन की देश की बड़ी मंडियों में इन दिनों भारी मांग है। इसलिए प्रदेश से रोजाना सैकड़ों टन बीन सीधे कोलकता व दिल्ली की मंडियों में भेजी जा रही है। जिससे मंडियों में किसानों को बीन के रेट 45 से 50 प्रति किलो के हिसाब से मिल रहे है। करसोग के सब्जी बहुल क्षेत्रों में बेमौसमी बीन किसानों की मुख्य फसल है। इन दिनों अधिकतर क्षेत्रों में बीन का सीजन पीक पर है। अभी तक भाव भी अच्छे मिलने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं।बीन के व्यापारियों का कहना है कि ये पहली बार है कि किसानों को सीजन आरम्भ होने से लेकर अभी तक बीन के बहुत की अच्छे रेट मिल रहे है। बाहरी राज्य में मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में भी रेट कम होने की कोई संभावना नही है, ऐसे में बीन किसानों की जेब भरती रहेगी।

पहली बार 4 हजार रुपये का प्रति क्विंटल औसत रेट:
ये पहली बार है कि शुरू से लेकर अभी तक किसानों को बीन के अच्छे रेट मिल रहे है। मौसम की बेरुखी से करसोग में इस बार बीन की कम बताई जा रही है, लेकिम मंडियों में अच्छा भाव मिलने से कसर पूरी हो गई । शिमला ढली सब्जी मंडी के आढ़ती एसोसिएशन के सलाहकार नाहर सिंह का कहना है। ये पहली बार है कि मंडियमें किसानों को बीन का अभी तक 40 रुपये से औसत रेट मिला है। उन्होंने कहा कि इन दिनों मैदानी इलाकों में प्रदेश के बेमौसनी बीन अधिक मांग है। Conclusion:आढ़ती एसोसिएशन के सलाहकार नाहर सिंह का कहना है। ये पहली बार है कि मंडियमें किसानों को बीन का अभी तक 40 रुपये से औसत रेट मिला है। उन्होंने कहा कि इन दिनों मैदानी इलाकों में प्रदेश के बेमौसनी बीन अधिक मांग है।
Last Updated : Sep 21, 2019, 7:39 PM IST
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