शिमला: सफाई कर्मचारियों को भी सरकार ने कोरोना वॉरियर घोषित किया है. नगर निगम शिमला में सैहब सोसाइटी में तैनात सफाई कर्मचारी की कोविड से मौत होने पर अब कोरोना वॉरियर के तहत मिलने वाला मुआवजे के लिए नगर निगम सरकार को प्रस्ताव भेजेगा. नगर निगम की ओर से हालांकि सैहब सोसाइटी फंड से परिवार को एक लाख देने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है.
इसके साथ ही कोरोना वॉरियर की मौत पर परिवार को सरकार द्वारा 50 लाख देने की घोषणा भी की गई थी. वहीं, अब सरकार के समक्ष नगर निगम मामला उठाने जा रहा है. नगर निगम के महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच डेढ़ साल से सफाई कर्मचारी डोर टू डोर जाकर कूड़ा उठाने का काम करते आ रहे हैं, लेकिन इस दौरान किसी भी कर्मी की भी मौत नहीं हुई, लेकिन अभी हाल ही में एक कर्मचारी की मौत हुई है, जिसके बाद निगम के आयुक्त ने एक लाख की फौरी राहत परिवार को दी और इसके अलावा पार्षद भी अपनी ओर से मदद कर रहे हैं.
मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि सरकार की ओर से ड्यूटी के दौरान कोरोना वॉरियर की मौत होने पर 50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसका मामला निगम आयुक्त जल्दी सरकार के उठाएंगे. बता दें शिमला शहर में हर रोज डोर टू डोर लोगों के घरों से कर्मचारी कूड़ा उठाते हैं. इसके साथ ही होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के घरों से भी कर्मी कूड़ा उठा रहे हैं. ऐसे में इन कर्मियों को भी इस महामारी की चपेट में आने का खतरा रहता है.
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