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KNH में सुविधाओं का आभाव, कोविड नियमों का पालन ना होने पर स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठी

राजधानी शिमला स्थित एकमात्र मातृ एवं शिशु अस्पताल (केएनएच) की खस्ता हालत को लेकर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री को जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव फालमा चौहान ने पत्र लिखा है. राज्य सचिव ने कहा कि महिलाओं को अपने टेस्ट करने के लिए भी कई बार आईजीएमसी जाना पड़ता है. इस अस्पताल में सरकारी प्रयोगशाला का अभाव है.

कमला नेहरू अस्पताल
कमला नेहरू अस्पताल
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Published : Aug 26, 2020, 3:38 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला स्थित एकमात्र मातृ एवं शिशु अस्पताल (केएनएच) की खस्ता हालत को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव फालमा चौहान ने पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में पूरे प्रदेश से महिलाएं अपना प्रसव और महिलाओं से संबंधित सभी रोगों का इलाज करवाने के लिए आती हैं.

फालमा चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए नियमों और सावधानियों का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन अस्पताल में नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है. अस्पताल को सुविधाओं से वंचित रखा गया है. एक बेड पर 2 या 3 महिला मरीजों को लेटाया जाता है. महिलाएं प्रसव पीड़ा और दूसरे रोगों की पीड़ा से कहराती रहती हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

केएनएच अस्पताल में मरीजों की वृद्धि:
राज्य सचिव ने कहा कि शिमला में सरकार और प्रशासन की ओर से जोनल अस्पताल रिपन को कोविड 19 के लिए डेडिकेट किया गया है. उस अस्पताल से सारी गर्भवती महिलायें और स्त्री रोग से संबंधित महिला मरीजों को कमला नेहरु अस्पताल जाना पड़ रहा है, जिस कारण केएनएच अस्पताल में महिला मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. इससे अस्पताल में चिकित्सकों, नर्सो और अन्य लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

घंटों तक लाइनों में खड़ी रहती महिलाएं:

महिलाओं को अपने टेस्ट करने के लिए भी कई बार आईजीएमसी शिमला जाना पड़ता है. इस अस्पताल में सरकारी प्रयोगशाला का अभाव है. अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए महिलाओं को कई घंटों तक लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है. अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद भी खाली पड़ा हुआ नही है. चिकित्सकों का इंतजार करने के लिए कई घंटों तक महिलाओं को खड़ा रहना पड़ता है. कोविड में डॉक्टरों की ड्यूटी लगने के कारण एक बेड पर तीन-तीन महिलाओं को लेटाया जा रहा है, दो वार्ड और एक ओटी कोरोना मरीजों के लिए बंद पड़ी हुई है.

महिलाओं के लिए रखा जाए केएनएच अस्पताल:

फालमा चौहान ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि कोविड मरीजों के लिये इंडस जैसे अस्पतालों को सरकार के अधीन लिया जाना चाहिए. उस अस्पताल में छोटी-मोटी बीमारियों से पीड़ित महिलाओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि कमला नेहरु अस्पताल को नियमित रूप से गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए और बाकि स्त्री रोग से पीड़ित महिलाओं के ईलाज के लिए रखा जाना चाहिए. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से उम्मीद जताई है कि वो इस पत्र के माध्यम से महिलाओं की पीड़ा को समझेंगे और जल्द इन समस्याओं से निजात दिलाएंगे.

पढ़ें: IGMC की टैक्सी ऑपरेटर यूनियन की नई कार्यकारिणी का गठन

शिमला: राजधानी शिमला स्थित एकमात्र मातृ एवं शिशु अस्पताल (केएनएच) की खस्ता हालत को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव फालमा चौहान ने पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में पूरे प्रदेश से महिलाएं अपना प्रसव और महिलाओं से संबंधित सभी रोगों का इलाज करवाने के लिए आती हैं.

फालमा चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए नियमों और सावधानियों का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन अस्पताल में नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है. अस्पताल को सुविधाओं से वंचित रखा गया है. एक बेड पर 2 या 3 महिला मरीजों को लेटाया जाता है. महिलाएं प्रसव पीड़ा और दूसरे रोगों की पीड़ा से कहराती रहती हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

केएनएच अस्पताल में मरीजों की वृद्धि:
राज्य सचिव ने कहा कि शिमला में सरकार और प्रशासन की ओर से जोनल अस्पताल रिपन को कोविड 19 के लिए डेडिकेट किया गया है. उस अस्पताल से सारी गर्भवती महिलायें और स्त्री रोग से संबंधित महिला मरीजों को कमला नेहरु अस्पताल जाना पड़ रहा है, जिस कारण केएनएच अस्पताल में महिला मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. इससे अस्पताल में चिकित्सकों, नर्सो और अन्य लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

घंटों तक लाइनों में खड़ी रहती महिलाएं:

महिलाओं को अपने टेस्ट करने के लिए भी कई बार आईजीएमसी शिमला जाना पड़ता है. इस अस्पताल में सरकारी प्रयोगशाला का अभाव है. अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए महिलाओं को कई घंटों तक लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है. अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद भी खाली पड़ा हुआ नही है. चिकित्सकों का इंतजार करने के लिए कई घंटों तक महिलाओं को खड़ा रहना पड़ता है. कोविड में डॉक्टरों की ड्यूटी लगने के कारण एक बेड पर तीन-तीन महिलाओं को लेटाया जा रहा है, दो वार्ड और एक ओटी कोरोना मरीजों के लिए बंद पड़ी हुई है.

महिलाओं के लिए रखा जाए केएनएच अस्पताल:

फालमा चौहान ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि कोविड मरीजों के लिये इंडस जैसे अस्पतालों को सरकार के अधीन लिया जाना चाहिए. उस अस्पताल में छोटी-मोटी बीमारियों से पीड़ित महिलाओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि कमला नेहरु अस्पताल को नियमित रूप से गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए और बाकि स्त्री रोग से पीड़ित महिलाओं के ईलाज के लिए रखा जाना चाहिए. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से उम्मीद जताई है कि वो इस पत्र के माध्यम से महिलाओं की पीड़ा को समझेंगे और जल्द इन समस्याओं से निजात दिलाएंगे.

पढ़ें: IGMC की टैक्सी ऑपरेटर यूनियन की नई कार्यकारिणी का गठन

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