रामपुर: बसंत आगमन की खुशी में देवी देवताओं की उपस्थिति में मनाया जाने वाला पारम्परिक फाग उत्सव 30 मार्च से 2 अप्रैल तक चलेगा. जिला स्तरीय यह उत्सव स्थानीय परंपरा के अनुसार आस पास के इलाको से देवी देवताओ के आगमन के साथ शुरू होता है. मेला आयोजन कोविड -19 के गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए मनाया जाए. इसे लेकर एसडीएम रामपुर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया.
फागोत्सव में ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हुई चर्चा
एसडीएम कार्यालय रामपुर में हुई बैठक के दौरान ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर विचार हुआ. मेले के दौरान देवी देवताओं के साथ आए देवलुओं को ठहराने और रहने की उचित व्यवस्था बनाने बारे भी चर्चा हुई ताकि देव आस्था से जुड़े पारंपरिक उत्सव भविष्य में भी जारी रहे.
मेले में कोविड गाइडलाइंस के पालन को लेकर भी हुई चर्चा
एसडीएम रामपुर सुरेंद्र मोहन ने बताया कि फाग मेला बुशहर का पारंपरिक मेला है. उन्होंने कहा कि मेले के दौरान कोविड गाइडलाइंस का पालन हो इस पर भी चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि यह मेला लोगों की आस्थाओं से जुड़ा है और इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी अधिक रहती है. उनका प्रयास रहेगा कि इस मेले के दौरान देव आस्थाओं का निर्वहन सुनिश्चित हो.
पारंपरिक वेशभूषा में आया नर्तक दल होता है मुख्य आकर्षण
बसंत आगमन की खुशी में मनाया जाने वाला जिला स्तरीय फाग उत्सव 30 मार्च से होगा शुरू. देव आस्था से जुड़े इस पारंपरिक मेले में कोविड-19 की गाइड लाइन के कढ़ाई से पालन करने के बारे में एसडीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई. मेले का मुख्य आकर्षण देव नृत्य और देवी देवताओं के साथ पारंपरिक वेशभूषा में आए नर्तक दल होता है.
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