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IGMC में विशेषज्ञ डॉक्टर विमल भारती से खास बातचीत, कहा- सिर्फ इन सावधानियों से ही बचाव संभव - IGMC विशेषज्ञ

कोरोना संक्रमण को लेकर ईटीवी ने आईजीएमसी में विशेषज्ञ डॉक्टर विमल भारती से संपर्क किया. जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कोरोना संक्रमण की 3 कैटेगरी के बारे में जानकारी दी. साथ ही यह भी बताया कि मरीज को कब अस्पताल जाने की जरूरत है.

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Published : Apr 30, 2021, 4:56 PM IST

Updated : Apr 30, 2021, 5:54 PM IST

शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. अब 3 हजार के लगभग मामले एक दिन में समाने आने लगे हैं. ऐसे में अस्प्ताल भी फुल होते जा रहे हैं. लोगों मे चिंता है कि अगर वह कोरोना पॉजीटिव आ गए तो अस्प्ताल जाएं या फिर घर में ही आइसोलेट रहे. ऐसे में ईटीवी भारत ने आइजीएमसी में विशेषज्ञ डॉक्टर विमल भारती से संपर्क किया और उनसे बात की. उन्होंने बताया कि किस मरीज को अस्प्ताल और किस को घर में ही आइसोलेट होना चाहिए. डॉक्टर विमल भारती ने बताया कि कोरोना संक्रमण हवा में ही है. हम अगर लापरवाही बरतेंगे तो संक्रमित हो जाएंगे.

कोरोना संक्रमण की 3 कैटेगरी

डॉक्टर विमल भारती ने बताया कि कोरोना संक्रमण की 3 कैटेगरी हैं. पहला माइल्ड, दूसरा मॉडरेट और तीसरा सीवियर. उनका कहना था कि माइल्ड में सिमटम नहीं होते या फिर हल्का जुकाम रहता है. इसमें बुखार नहीं होता लेकिन अगर टेस्ट करवाएं तो रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी. उनका कहना था कि कुछ लोग कहते हैं कि वह अस्प्ताल किसी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए गए थे पर जब डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. ऐसे में होम आइसोलेट रहें और 2-3 दिन चेक करे कि बुखार तो नहीं आ रहा, दर्द तो नहीं है, या सांस तो नहीं फूल रही. अगर लक्षण हैं तब अस्प्ताल जाएं.

वीडियो.

सिर्फ सावधानी से ही होगा बचाव

दूसरा मॉडरेट है जिसमें जवान वयक्ति का सेचुरेशन 92 से 94 रहे, बुखार हो या सांस की गति 24 से अधिक हो तो डॉक्टर को दिखाएं. वहीं तीसरा सीवियर जिसमें सांस फूल रही हो, सेचुरेशन 90 से नीचे रहे, सांस की गति 30 से अधिक प्रति मिनट रहे तो तुरंत अस्प्ताल में जा कर डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए और अस्प्ताल में आइसोलेट होना चाहिए. उनका कहना था कि सावधानी ही बचाव है, खान पान का भी ध्यान रखें.

ये भी पढ़ें: टीवी पत्रकार रोहित सरदाना का निधन, मीडिया जगत में शोक की लहर

शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. अब 3 हजार के लगभग मामले एक दिन में समाने आने लगे हैं. ऐसे में अस्प्ताल भी फुल होते जा रहे हैं. लोगों मे चिंता है कि अगर वह कोरोना पॉजीटिव आ गए तो अस्प्ताल जाएं या फिर घर में ही आइसोलेट रहे. ऐसे में ईटीवी भारत ने आइजीएमसी में विशेषज्ञ डॉक्टर विमल भारती से संपर्क किया और उनसे बात की. उन्होंने बताया कि किस मरीज को अस्प्ताल और किस को घर में ही आइसोलेट होना चाहिए. डॉक्टर विमल भारती ने बताया कि कोरोना संक्रमण हवा में ही है. हम अगर लापरवाही बरतेंगे तो संक्रमित हो जाएंगे.

कोरोना संक्रमण की 3 कैटेगरी

डॉक्टर विमल भारती ने बताया कि कोरोना संक्रमण की 3 कैटेगरी हैं. पहला माइल्ड, दूसरा मॉडरेट और तीसरा सीवियर. उनका कहना था कि माइल्ड में सिमटम नहीं होते या फिर हल्का जुकाम रहता है. इसमें बुखार नहीं होता लेकिन अगर टेस्ट करवाएं तो रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी. उनका कहना था कि कुछ लोग कहते हैं कि वह अस्प्ताल किसी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए गए थे पर जब डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. ऐसे में होम आइसोलेट रहें और 2-3 दिन चेक करे कि बुखार तो नहीं आ रहा, दर्द तो नहीं है, या सांस तो नहीं फूल रही. अगर लक्षण हैं तब अस्प्ताल जाएं.

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सिर्फ सावधानी से ही होगा बचाव

दूसरा मॉडरेट है जिसमें जवान वयक्ति का सेचुरेशन 92 से 94 रहे, बुखार हो या सांस की गति 24 से अधिक हो तो डॉक्टर को दिखाएं. वहीं तीसरा सीवियर जिसमें सांस फूल रही हो, सेचुरेशन 90 से नीचे रहे, सांस की गति 30 से अधिक प्रति मिनट रहे तो तुरंत अस्प्ताल में जा कर डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए और अस्प्ताल में आइसोलेट होना चाहिए. उनका कहना था कि सावधानी ही बचाव है, खान पान का भी ध्यान रखें.

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Last Updated : Apr 30, 2021, 5:54 PM IST
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