ETV Bharat / state

अन्य राज्यों से पहुंचे हिमाचलियों की निगरानी के लिए प्रदेश सरकार ने तैयार किया खाका

29 अप्रैल की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश सरकार ने एक टीम गठित की है. जिसका नोडल ऑफिसर ओंकार शर्मा को बनाया गया है. ओंकार शर्मा ने कहा कि दोनों सरकारों में तालमेल होना जरुरी है. जहां से व्यक्ति को जाना है और जिस राज्य में व्यक्ति को आना है. इसके अलावा प्रदेश सरकार एक ऐप भी बना रही है जिस पर प्रदेश में आने की इच्छा रखने वालों के आवेदन दर्ज किये जायेंगे जिसके बाद ही उन्हें पास दिए जायेंगे.

Principal Secretary Onkar Sharma news, प्रिंसिपल सेक्रेटरी ओंकार शर्मा न्यूज
exclusive interview of Principal Secretary Onkar Sharma
author img

By

Published : May 1, 2020, 11:06 AM IST

Updated : May 1, 2020, 1:46 PM IST

शिमला: पहाड़ी राज्यों में फंसे 50 हजार से ज्यादा हिमाचलियों को वापस लाया जा चुका है. इसके अलावा अभी 3 लाख से अधिक आवेदन सरकार के पास लंबित पड़े हैं. इन लोगों का हेल्थ चेकअप और यातायात सुविधा के साथ होम क्वारंटाइन जैसी तमाम बातों की निगरानी के लिए सरकार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी ओंकार शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है.

इस कमेटी ने शुक्रवार को अपनी गाइडलाइन प्रदेश सरकार के समक्ष पेश की. 29 अप्रैल की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश सरकार ने एक टीम गठित की है. जिसका नोडल ऑफिसर ओंकार शर्मा को बनाया गया है. ओंकार शर्मा ने कहा कि दोनों सरकारों में तालमेल होना जरुरी है. जहां से व्यक्ति को जाना है और जिस राज्य में व्यक्ति को आना है. इसके अलावा प्रदेश सरकार एक ऐप भी बना रही है जिसपर प्रदेश में आने की इच्छा रखने वालों के आवेदन दर्ज किये जायेंगे जिसके बाद ही उन्हें पास दिए जायेंगे.

वीडियो.

ओंकार शर्मा ने कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं उनको घर में क्वारंटाइन किया जाएगा. निगरानी की जिम्मेदारी पंचायत प्रधान और वार्ड मेंबर की रहेगी. इसके अलावा आशा वर्कर और शहरी क्षेत्रों में अर्बन बॉडी को निगरानी का कार्य सौंपा जाएगा. पंचायत प्रधान को इसके लिए सुविधा प्रदान की जाएगी ताकि अभी बाहर से आने वाले व्यक्ति उसके परिवार आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर सकें क्योंकि क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी.

इन सबके लिए पंचायत सेक्रेटरी को नोडल ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया जाएगा. राज्य के बाहर से आए हुए हर व्यक्ति का क्वारंटाइन में रहना आवश्यक है यदि कोई व्यक्ति क्वारंटाइन नहीं रहता है तो कानून अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसकी निगरानी पंचायत प्रधान या नोडल अधिकारी करेंगे.

वहीं, आशा वर्कर और हेल्थ वर्कर नियमित रूप से क्वारंटाइन किए गए व्यक्ति के घर पर विजिट करेंगे और उसकी सेहत की निगरानी करेंगे यदि उन्हें को कोरोना का कोई लक्षण दिखाई देता है तो वह इसकी सूचना संबंधित सीएमओ या प्रदेश सरकार द्वारा जारी नंबरों पर देंगे और यदि कोई व्यक्ति बीमार पाया जाता है तो नजदीकी अस्पताल की सहायता से उसे क्षेत्रीय अस्पताल या जिला अस्पताल तक पहुंचाने का प्रबंध किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हिमाचल वापिस आने वाले लोगों से CM की अपील, होम क्वारंटाइन का करें पालन

शिमला: पहाड़ी राज्यों में फंसे 50 हजार से ज्यादा हिमाचलियों को वापस लाया जा चुका है. इसके अलावा अभी 3 लाख से अधिक आवेदन सरकार के पास लंबित पड़े हैं. इन लोगों का हेल्थ चेकअप और यातायात सुविधा के साथ होम क्वारंटाइन जैसी तमाम बातों की निगरानी के लिए सरकार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी ओंकार शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है.

इस कमेटी ने शुक्रवार को अपनी गाइडलाइन प्रदेश सरकार के समक्ष पेश की. 29 अप्रैल की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश सरकार ने एक टीम गठित की है. जिसका नोडल ऑफिसर ओंकार शर्मा को बनाया गया है. ओंकार शर्मा ने कहा कि दोनों सरकारों में तालमेल होना जरुरी है. जहां से व्यक्ति को जाना है और जिस राज्य में व्यक्ति को आना है. इसके अलावा प्रदेश सरकार एक ऐप भी बना रही है जिसपर प्रदेश में आने की इच्छा रखने वालों के आवेदन दर्ज किये जायेंगे जिसके बाद ही उन्हें पास दिए जायेंगे.

वीडियो.

ओंकार शर्मा ने कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं उनको घर में क्वारंटाइन किया जाएगा. निगरानी की जिम्मेदारी पंचायत प्रधान और वार्ड मेंबर की रहेगी. इसके अलावा आशा वर्कर और शहरी क्षेत्रों में अर्बन बॉडी को निगरानी का कार्य सौंपा जाएगा. पंचायत प्रधान को इसके लिए सुविधा प्रदान की जाएगी ताकि अभी बाहर से आने वाले व्यक्ति उसके परिवार आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर सकें क्योंकि क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी.

इन सबके लिए पंचायत सेक्रेटरी को नोडल ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया जाएगा. राज्य के बाहर से आए हुए हर व्यक्ति का क्वारंटाइन में रहना आवश्यक है यदि कोई व्यक्ति क्वारंटाइन नहीं रहता है तो कानून अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसकी निगरानी पंचायत प्रधान या नोडल अधिकारी करेंगे.

वहीं, आशा वर्कर और हेल्थ वर्कर नियमित रूप से क्वारंटाइन किए गए व्यक्ति के घर पर विजिट करेंगे और उसकी सेहत की निगरानी करेंगे यदि उन्हें को कोरोना का कोई लक्षण दिखाई देता है तो वह इसकी सूचना संबंधित सीएमओ या प्रदेश सरकार द्वारा जारी नंबरों पर देंगे और यदि कोई व्यक्ति बीमार पाया जाता है तो नजदीकी अस्पताल की सहायता से उसे क्षेत्रीय अस्पताल या जिला अस्पताल तक पहुंचाने का प्रबंध किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हिमाचल वापिस आने वाले लोगों से CM की अपील, होम क्वारंटाइन का करें पालन

Last Updated : May 1, 2020, 1:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.