शिमलाः पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को मंगलावर को दिए एक साक्षात्कार में पूर्व सीएम ने कहा कि वह अयोध्या में बाबरी मस्जिद वाली जगह पर ही राम मंदिर निर्माण का समर्थन करते हैं.
वीरभद्र सिंह ने यहां अपने होली लॉज आवास में पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में यह भी कहा कि भारत में इस्लाम बाद में आया. अयोध्या में मंदिर को तोड़ने के बाद मस्जिद बनाई गई थी. उन्होंने कहा, ''अयोध्या भगवान राम की राजधानी थी. अगर आपने (बाबरी मस्जिद ढहाने का) यह कदम उठाया है तो फिर मंदिर बना दो."
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि उसके पास राम मंदिर निर्माण को लेकर साहस की कमी है. सिंह ने कहा, ''अगर उनमें (भाजपा) साहस होता तो वे मंदिर बना चुके होते. वहां राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए."
वहीं, वीरभद्र सिंह के साथ बैठे कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, ''मंदिर बनाने को लेकर भाजपा में इच्छाशक्ति की कमी है." वीरभद्र सिंह ने ये भी स्पष्ट किया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बारे में उनका यह निजी विचार है.
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वहीं, वीरभद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव में कांगड़ा और शिमला सीटों पर कांग्रेस की जीत का दावा किया. वीरभद्र सिंह ने कहा, ''मैं कांगड़ा में 15 अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने के बाद राज्य में प्रचार अभियान शुरू करूंगा." यह पूछे जाने पर कि वह मंडी में मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में क्यों शामिल नहीं हुए, वीरभद्र सिंह ने सीधा उत्तर नहीं दिया और कहा कि हिमाचल प्रदेश में वह 15 अप्रैल से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे.
चुनाव प्रचार के दौरान क्या वह पार्टी के अपने राजनीतिक विरोधी सुखराम के साथ मंच साझा करेंगे, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि वह इसके खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा, ''अगर कोई ऐसी स्थिति आती है तो मैं निश्चित तौर पर उनके साथ मंच साझा करूंगा. मेरे उनसे ऐसे कोई मतभेद नहीं हैं जैसे मीडिया में बताए जाते हैं. अगर पार्टी ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया है और उनके पोते आश्रय शर्मा को मंडी से मैदान में उतारा है तो मैं पूरी तरह उनके साथ हूं."
इस दौरान उन्होंने दल-बदल के चलन का जिक्र करते हुए कहा, ''मैं व्यक्तिगत तौर पर आया राम गया राम की राजनीति के खिलाफ हूं." राज्य में जयराम ठाकुर नीत भाजपा सरकार में मंत्री एवं सुखराम के बेटे अनिल शर्मा से संबंधित एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ''अनिल शर्मा आखिरकार कांग्रेस में शामिल होंगे." सिंह ने कहा, ''पेंडुलम की तह लटकने की जगह उन्हें अपने पुत्र आश्रय के लिए चुनाव प्रचार शुरू करना चाहिए."
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