शिमला: हिमाचल में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन की नोटिफिकेशन का इंतजार है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट की 13 जनवरी को हुई बैठक में सरकार ने हिमाचल के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देने को मंजूरी दी थी. इसके बाद अब सरकार इसकी नोटिफिकेशन जारी करेगी, जिसका सभी कर्मचारियों को बेसब्री से इंतजार है. माना जा रहा है कि सरकार के विधि विभाग के अनुमोदन के बाद इसकी नोटिफिकेशन जारी की जाएगी.
हिमाचल में करीब 1.36 लाख कर्मचारी एनपीएस के हैं, जिनको इसका फायदा मिलेगा. हालांकि इनमें से कितने ओल्ड पेंशन को अपनाते हैं यह भी देखने वाली बात होगी. क्योंकि कई कर्मचारियों की बड़ी राशि केंद्र सरकार के पेंशन फंड रिगुलेटरी एंड डेवेल्मेंट ऑथोरिटी यानी पीएफआरडीए के पास जमा हो चुकी है. इसी तरह रिटायरमेंट पा चुके कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन का फायदा सरकार देगी. लेकिन इसका क्या फार्मूला होगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है. हालांकि इसके लिए छतीसगढ़ मॉडल की बात की जा रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं सरकार ने छतीसगढ़ मॉडल को स्टडी किया है और इसके आधार पर अपना अलग मॉडल तैयार किया है. वहीं कर्मचारी इस फैसले के लिए सरकार की तारीफ कर रहे हैं.
बेहतर फार्मूला लागू कर रही सरकार: हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बॉबी ने ओपीएस बहाली के लिए सुखविंदर सिंह सरकार का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए यह एक अजीब स्थिति पैदा हो गई थी कि ओपीएस की जगह एनपीएस को लाया गया. उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में कर्मचारी अपनी सामाजिक सुरक्षा के लिए आता है और अगर पेंशन ही खत्म कर दी जाए तो क्या कर्मचारियों की क्या सुरक्षा रहेगी. लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को बहाल करने का फैसला लिया है जो कि स्वागत योग्य है. बॉबी ने कहा कि ओपीएस के लिए सरकार ने उन सभी राज्यों के फार्मूले को स्टडी किया है और इनके बाद बेहतर फार्मूले को हिमाचल में लागू करने का फैसला लिया है. कैबिनेट फैसले के बाद ओपीएस के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही है और इसके बाद इसको लेकर सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी.
केंद्र ने बाद में, हिमाचल ने पहले बंद कर दी थी OPS: हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चानन सिंह मेहता का कहना है कि पेंशन व्यस्था अंग्रेजों के टाइम से चली आ रही है. क्योंकि कर्मचारी अपना बहुमूल्य समय सरकारी को देता है. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने इसको 2004 में, जबकि हिमाचल में इसको 2003 में ही लागू कर दिया था. उन्होंने कहा कि पूरा कर्मचारी वर्ग सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभारी है, जिन्होंने ओपीएस को हिमाचल में दोबारा से लागू किया है. इसकी नोटिफिकेशन आने वाली है. हालांकि कर्मचारियों को इंतजार है कि किस तरह हिमाचल में इसे लागू किया जाता है. जल्द ही इसकी नोटिफिकेशन भी आ जाएगी.
सीसीएस रूल्स (1972) के तहत ही बहाल हो पेंशन: राज्य सचिवालय में एनपीएस कर्मचारियों के प्रधान एवं राज्य सचिवालय कर्मचारी सेवाएं संघ के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मिंया कहते हैं कि करीब दो दशक बाद हिमाचल में ओपीएस सीएम सुखविंदर सुक्खू ने बहाल करने का सहरानीय फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि पेंशन के लिए चाहे छत्तीसगढ़ का मॉडल हो या राजस्थान का मॉडल हो, लेकिन केंद्रीय सिविल सेवाओं (सीसीएस) नियम, 1972 के तहत ही कर्मचारियों को पेंशन मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्मचारी वर्ग इस फैसले के लिए तहेदिल से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभारी है.
ये भी पढ़ें: दाड़लाघाट के ट्रक ऑपरेटरों ने किया चक्का जाम, महापंचायत को लेकर दी चेतावनी