शिमला: बुजुर्गों को जब अपने बच्चों के सहारे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. उसी उम्र में दासी देवी (70) निवासी कालीहट्टी अपने बच्चों से दूर जा कर वृद्धाश्रम में रहने की मांग कर रही हैं. यह एक मां का प्यार ही है जो अपने बच्चों से इस उम्र में अलग होना चाहती है, लेकिन उन पर इनकी देखभाल न करने पर भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहती है.
बहुओं और बेटों के सताए बहुत से वरिष्ठ नागरिक हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम हैं जो इन सब के खिलाफ आवाज उठाते हैं. ऐसी ही एक वृद्ध महिला दासी देवी हैं जो खुद प्रशासन से मांग कर रही है कि उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया जाए. महिला हेल्प ऐज के माध्यम से महिला शिमला जिला प्रशासन के पास पहुंची और उनसे मांग की है कि उन्हें वृद्ध आश्रम में रखा जाए.
हालांकि वृद्ध महिला की मांग पर उन्हें पांच महीने के लिए ट्रायल के तौर पर शिमला के बसंतपुर स्थित वृद्ध आश्रम भेज दिया गया है. बुजुर्ग महिला दासी देवी ने कहा कि उनके दो बेटे हैं और उनकी स्थिति भी ठीक नहीं है.उन्होंने कहा कि बहुओं के कहने में ही उनके बेटे है. इसकी वजह से वो न तो खुद ठीक है और न ही वह उनकी देखभाल कर रहे हैं.
वहीं, वृद्ध महिला अपने बेटों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहती है. महिला रोते हुए बस एक ही बात कह रही है कि भले ही सरकार उनकी प्रोपर्टी भी ले और उसे जैसे इस्तेमाल करना चाहे करे लेकिन उनके बेटों पर कोई कार्रवाई न की जाए. वृद्ध महिला ने कहा कि वो वृद्ध आश्रम जाना चाहती है. उन्हें वहां पर बिना किसी परेशानी के रहने दिया जाए.
वहीं, वृद्ध जनों के लिए काम कर रही ऑर्गेनाइजेशन बुजुर्ग महिला की मदद के लिए आगे आई है. डीसी शिमला अमित कश्यप से मांग की गई है कि बुजुर्ग महिला को वृद्धाश्रम भेजा जाए. इसी को देखते हुए इन्हें अस्थाई तौर पर वृद्धाश्रम भेजा जा रहा है.
मामले के अनुसार वृद्ध महिला की बहुओं से शिकायत है. इसके चलते उन्होंने आश्रम में रहने की मांग उठाई है. जानकारी के तहत पहले भी कुछ समय के लिए उक्त महिला को वृद्धाश्रम भेजा गया था लेकिन फिर उनका बेटा ही उन्हें वहां से वापस ले गया था.
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