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TGT परीक्षा पास करने के बाद भी नहीं बन पाएंगे शिक्षक, शिक्षा मंत्री बोले: ये सब कांग्रेस का किया धरा

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने रूसा का ठिकरा कांग्रेस पर फोड़ा. सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन का मसला जल्द एचपीयू के कुलपति करेंगे समाधान.

education minister suresh bhardwaj on RUSA
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने रूसा का ठिकरा कांग्रेस पर फोड़ा
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Published : Dec 20, 2019, 11:32 PM IST

शिमलाः प्रदेश में रूसा के तहत 2013 से 2015 सत्र में बीएससी की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती में नियम पूरे ना होने के चलते पर बाहर कर दिया गया है. मामले पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसका सारा ठीकरा पूर्व की कांग्रेस सरकार पर फोड़ा है.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पूर्व सरकार ने बिना सोचे समझे रूसा को प्रदेश में लागू कर दिया. इसमें ना तो सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन देखे गए और ना ही फेकल्टी की आवश्यकता. यही वजह है कि बाद प्रदेश में भाजपा सरकार को इसे रिव्यू करना पड़ा और इसमें आवश्यक बदलाव करते हुए इसे वार्षिक प्रणाली के तहत लाया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह मामला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का है और एचपीयू कुलपति इस पूरे मामले को देखते हुए इसका समाधान करेंगे. उन्होंने कहा कि वह मामले से अवगत नहीं हैं और उन्हें भी समाचार पत्रों के माध्यम से इस बारे में जानकारी मिली है. ऐसे में अगर यह समस्या सरकार के पास आती है, तो इसका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा.

इसके साथ उन्होंने कहा कि टीजीटी के लिए अलग सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन और बीएड के लिए अलग सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की आवशयकता है. ऐसे में या तो बीएड की इस एलिजिबिलिटी को बदलना पड़ेगा, लेकिन यह मात्र एनसीटीई ही कर सकती है. ऐसे में इस पर विचार किया जाएगा कि किस तरह से इसका समाधान किया जा सकता है.

बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2013 से 2015 में एचपीयू से रूसा के तहत जिन छात्रों ने यूजी डिग्री की है, उन्हें इस तरह के कॉम्बिनेशन पढ़ा दिए गए है कि अब इन युवाओं के हाथों में डिग्री होने के बाद भी शिक्षक बनने का अवसर छीन गया है.

इस तरह के दो अभ्यर्थियों को अभी हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की लिखित परीक्षा पास करने के बाद भी शिक्षक नहीं बन पाए हैं, क्योंकि उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं. जो उन्हें नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे. ऐसे में टीजीटी नॉन मेडिकल के पद के लिए हमीरपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है.

शिमलाः प्रदेश में रूसा के तहत 2013 से 2015 सत्र में बीएससी की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती में नियम पूरे ना होने के चलते पर बाहर कर दिया गया है. मामले पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसका सारा ठीकरा पूर्व की कांग्रेस सरकार पर फोड़ा है.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पूर्व सरकार ने बिना सोचे समझे रूसा को प्रदेश में लागू कर दिया. इसमें ना तो सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन देखे गए और ना ही फेकल्टी की आवश्यकता. यही वजह है कि बाद प्रदेश में भाजपा सरकार को इसे रिव्यू करना पड़ा और इसमें आवश्यक बदलाव करते हुए इसे वार्षिक प्रणाली के तहत लाया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह मामला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का है और एचपीयू कुलपति इस पूरे मामले को देखते हुए इसका समाधान करेंगे. उन्होंने कहा कि वह मामले से अवगत नहीं हैं और उन्हें भी समाचार पत्रों के माध्यम से इस बारे में जानकारी मिली है. ऐसे में अगर यह समस्या सरकार के पास आती है, तो इसका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा.

इसके साथ उन्होंने कहा कि टीजीटी के लिए अलग सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन और बीएड के लिए अलग सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की आवशयकता है. ऐसे में या तो बीएड की इस एलिजिबिलिटी को बदलना पड़ेगा, लेकिन यह मात्र एनसीटीई ही कर सकती है. ऐसे में इस पर विचार किया जाएगा कि किस तरह से इसका समाधान किया जा सकता है.

बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2013 से 2015 में एचपीयू से रूसा के तहत जिन छात्रों ने यूजी डिग्री की है, उन्हें इस तरह के कॉम्बिनेशन पढ़ा दिए गए है कि अब इन युवाओं के हाथों में डिग्री होने के बाद भी शिक्षक बनने का अवसर छीन गया है.

इस तरह के दो अभ्यर्थियों को अभी हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की लिखित परीक्षा पास करने के बाद भी शिक्षक नहीं बन पाए हैं, क्योंकि उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं. जो उन्हें नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे. ऐसे में टीजीटी नॉन मेडिकल के पद के लिए हमीरपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है.

Intro: प्रदेश में रूसा के तहत 2013 से 2015 के मैच में डिग्री यूजी की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों के छात्रों को टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से नियम ना पूरा किए जाने पर बाहर करने के मामले पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सारा ठीकरा पूर्व की कांग्रेस सरकार पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने बिना सोचे समझे रूसा को प्रदेश में लागू कर दिया। इसमें ना तो सब्जेक्ट कॉमिनेशन देखे गए और ना ही फेकल्टी की आवश्यकता। यही वजह है कि बाद प्रदेश में भाजपा सरकार को इसे रिव्यू करना पड़ा और इसमें आवश्यक बदलाव करते हुए इसे वार्षिक प्रणाली के तहत लाया गया।


Body:वहीं छात्रों की समस्या पर भी उन्होंने एचपीयू पर ही पूरा मामला डाल दिया उन्होंने कहा कि यह मामला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का है और एचपीयू कुलपति इस पूरे मामले को देखते हुए इसका समाधान करेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह मामले से अवगत नहीं हैं और उन्हें भी समाचार पत्रों के माध्यम से इस बारे में जानकारी मिली है। ऐसे में अगर यह समस्या सरकार के पास आती है तो इसका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ उन्होंने कहा कि टीजीटी के लिए अलग सब्जेक्ट कांबिनेशन और बीएड के लिए अलग सब्जेक्ट कांबिनेशन की रिक्वायरमेंट है। ऐसे में या तो बीएड की इस एलिजिबिलिटी को बदलना पड़ेगा लेकिन यह मात्र एनसीटीई ही कर सकती है। ऐसे में इस पर विचार किया जाएगा कि किस तरह से इसका समाधान किया जा सकता है।


Conclusion:बता दे की प्रदेश में रूसा के तहत वर्ष 2013 से 2015 में एचपीयू से रूसा के तहत जिन छात्रों ने यूजी डिग्री की है उन्हें इस तरह के कॉम्बिनेशन पढ़ा दिए गए है कि अब इन युवाओं के हाथों में डिग्री होने के बाद भी शिक्षक बनने का अवसर छीन गया है। इस तरह के दो अभ्यर्थियों को अभी हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की लिखित परीक्षा जिन्होंने पास कि हैं उन्हें मात्र इस वजह से शिक्षक नहीं बनने दिया जा रहा कियूंकि उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं जो उन्हें नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे। ऐसे में टीजीटी नॉन मेडिकल के पद हमीपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है।
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