शिमलाः प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए सरकार प्रदेश में 100 क्लस्टर स्कूल बनाने जा रही है. इन स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके. सरकार ने इन क्लस्टर स्कूलों को बनाने के लिए इस बजट सत्र में स्वर्ण जयंती ज्ञानादेय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना (ज्ञानादेय) योजना शुरू की है.
इस योजना में बजट का प्रावधान सरकार ने किया है जिससे की इन स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस किया जा सके. प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. जो स्कूल चल रहे है उन्हीं में से बेहतर स्कूलों के चयन कर उन्हें क्लस्टर स्कूल बनाया जाएगा.
इन स्कूलों में बच्चों, अध्यापकों के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. बेहतर टॉयलेट, बिजली, पानी, पंखों की व्यवस्था, स्मार्ट कक्षाएं, फर्नीचर, लाइब्रेरी के साथ ही खेलकूद के लिए भी सभी तरह की सुविधाओं से इन स्कूलों को लेस किया जाएगा. वहीं, सरकार इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती भी छात्रों के अनुपात के ही अनुसार करेगी.
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस तरह के प्रयास से अभिभावकों का सरकारी स्कूलों में विश्वास बढे़गा और वह अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने के जगह सरकारी स्कूलों में भेजने में रुचि दिखाएंगे. उसमें हम क्लस्टर जो अच्छे स्कूल आते हैं, उन्हें बेहतर करेंगे.
ऐसे में जिन स्कूलों में कम बच्चे हैं, उन बच्चों को क्लस्टर स्कूलों में शिक्षा मिले इसके लिए हम उन ट्रांसपोर्ट की सुविधा दे कर क्या उन्हें वहां पहुंचा सकते हैं. इन सब बातों पर अभी मंथन चल रहा है. सरकार यह प्रयास कर रही है शिक्षा में बहेतर योजनाएं ला कर सरकारी स्कूलों की तरफ अभिभावकों का ध्यान आकर्षित करें.
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