शिमला: प्रदेश के स्कूलों में टीजीटी के पद भरने के लिए आचार संहिता आड़े आ रही है. प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 329 टीजीटी पदों को भरने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है. अनुमति मिलने के बाद प्रदेश के स्कूलों में टीजीटी शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी.
वर्तमान में आचार संहिता के चलते शिक्षा विभाग सिरमौर और कांगड़ा जिला के सरकारी स्कूलों में टीजीटी शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं कर पा रहा है. इन जिलों में टीजीटी शिक्षकों की जरूरत सबसे अधिक है. ऐसे में अब इन शिक्षकों को नियुक्तियां देने के लिए शिक्षा विभाग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इसकी अनुमति मांगी है.
प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से टीजीटी के 329 पदों पर बैचवाइज नियुक्तियां देने के लिए ये अनुमति चुनाव आयोग से मांगी गई है. बीते साल नवंबर में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार की ओर से टीजीटी के 835 नए पद भरने को मंजूरी दी गई थी. मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग की ओर से फरवरी माह में 329 टीजीटी पदों को बैच वाइज भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी.
इन पदों में टीजीटी आर्ट्स के 197, टीजीटी नॉन मेडिकल के 92 और टीजीटी मेडिकल के 45 पद भरे जाने थे. नियुक्ति की इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षा विभाग को अधिक समय लग गया जबकि जुलाई माह में जिलों में काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी.
इसके बाद अगस्त माह का महीना स्टेट मैरिट बनाने में बीता. अब जब नियुक्तियां दी जानी थी तो दो विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के चलते लगी आचार संहिता इन पदों को भरने में आड़े आ रही है. हालांकि समस्या के समाधान के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है.
विभाग चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहा है कि आचार संहिता के बीच इन पदों को भरने की मंजूरी विभाग को दें, जिससे कि जिल के स्कूलों में चल रही टीजीटी शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके. अब ऐसे में शिक्षा विभाग की नजरें भी चुनाव आयोग की मंजूरी पर टिकी हैं अगर मंजूरी नहीं मिलती है तो उपचुनाव के बाद ही इन पदों पर नियुक्तियां शिक्षा विभाग कर पाएगा.