शिमला: राजनीतिक आधार पर तबादलों को लेकर हिमाचल हाई कोर्ट कई बार सख्ती दिखा चुका है. विगत में कई मंत्रियों की सिफारिश पर किए गए तबादलों को हाई कोर्ट सख्त टिप्पणी के साथ रद्द कर चुका है. इसी बीच, नाहन से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी की सिफारिश पर शिक्षा विभाग ने एक ट्रांसफर की थी. मामला याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष आया. हाई कोर्ट ने इस केस से जुड़ा सारा रिकार्ड तलब किया था. वहीं, शिक्षा विभाग को आभास हुआ कि हाई कोर्ट में उसकी किरकिरी हो सकती है. कानून के खौफ से शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट का आदेश आने से पहले ही ट्रांसफर ऑर्डर कैंसिल कर दिए.
शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट में रिकार्ड पेश करने से पहले ही ये कदम उठा लिया. इस मामले की खूब चर्चा है. बुधवार को अदालत में मामले की सुनवाई थी. राज्य सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में बताया गया कि याचिकाकर्ता के तबादला आदेश को रद्द कर दिया गया है. हैरानी की बात है कि इससे पहले भी इसी शिक्षक का तबादला राजनीतिक सिफारिश पर किया गया था. उसे भी हाई कोर्ट ने रद्द किया था. अब नई सरकार आने पर फिर से सियासी आधार पर ट्रांसफर कर दिया गया. इससे पहले कि हाई कोर्ट में शिक्षा विभाग को फटकार मिलती, विभाग ने खुद ही आर्डर कैंसिल कर दिए.
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता दीपिका ने अदालत को बताया था कि वह डाइट नाहन में शारीरिक शिक्षक पद पर तैनात है. इसी महीने चार तारीख को शिक्षा विभाग ने उसका तबादला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरोग बनेरी कर दिया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसका तबादला नाहन विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय सोलंकी की सिफारिश पर किया गया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि इन तबादला आदेशों में कोई भी जनहित और प्रशासनिक जरूरत नहीं थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि ये तबादला प्रतिवादी नगेंद्र सिंह को समायोजित करने के लिए किया गया.
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि 20 अप्रैल 2021 को भी उसका तबादला राजनीतिक सिफारिश पर किया गया था, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था. अब चार फरवरी 2023 को दोबारा से उसे राजनीतिक सिफारिश के आधार पर स्थानांतरित किया गया है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि दोबारा से राजनीतिक सिफारिश पर उसका तबादला हाई कोर्ट के निर्णय की अवहेलना है. हाई कोर्ट ने 13 फरवरी 2023 को याचिकाकर्ता के स्थानांतरण से जुड़े रिकॉर्ड को तलब किया था और मामले की सुनवाई 15 फरवरी को निर्धारित की थी. वहीं, अदालत में रिकॉर्ड पेश करने से पहले ही शिक्षा विभाग ने 14 फरवरी को नगेंद्र सिंह और दीपिका के तबादला आदेश को रद्द कर दिया.
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