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शिमला में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 3.6 मापी गई तीव्रता - भूकंप के झटके

राजधानी शिमला में एक बार फिर से भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.6 रही है. मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने कहा कि शिमला में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है. गुरुवार शाम करीब 7:47 बजे भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए.

earthquake in shimla
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Published : Jul 15, 2021, 9:48 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में एक बार फिर से भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. गुरुवार शाम करीब 7:47 बजे भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.6 रही है. भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 10 किलोमीटर गहराई पर था. हालांकि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

बता दें कि भूकंप का झटका महसूस होने पर कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है. वहीं, कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. ये क्षेत्र सिस्मिक जोन पांच में आते हैं, जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्र जोन चार के तहत आते हैं. मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने कहा कि शिमला में भूकंप के झटके महसूस किए गए है, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है.

बता दें कि साल 2021 में हिमाचल में अबतक 40 से ज्यादा बार भूकंप के झटके आ चुके हैं. हिमाचल पहले भी भूकंप की भयावह त्रासदी झेल चुका है. वर्ष 1905 में कांगड़ा में आये भीषण भूकंप से 20 हजार लोगों की मौत हुई थी. इसी तरह 1975 में किन्नौर में भी तबाही मची थी. विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दे चुके हैं कि हिमालयी रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है

ये भी पढ़ें: कांगड़ा में तबाही का मंजर: इन मौतों का जिम्मेदार कौन, शासन और प्रशासन पर उठ रहे ये सवाल

शिमला: राजधानी शिमला में एक बार फिर से भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. गुरुवार शाम करीब 7:47 बजे भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.6 रही है. भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 10 किलोमीटर गहराई पर था. हालांकि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

बता दें कि भूकंप का झटका महसूस होने पर कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है. वहीं, कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं. ये क्षेत्र सिस्मिक जोन पांच में आते हैं, जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्र जोन चार के तहत आते हैं. मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने कहा कि शिमला में भूकंप के झटके महसूस किए गए है, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है.

बता दें कि साल 2021 में हिमाचल में अबतक 40 से ज्यादा बार भूकंप के झटके आ चुके हैं. हिमाचल पहले भी भूकंप की भयावह त्रासदी झेल चुका है. वर्ष 1905 में कांगड़ा में आये भीषण भूकंप से 20 हजार लोगों की मौत हुई थी. इसी तरह 1975 में किन्नौर में भी तबाही मची थी. विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दे चुके हैं कि हिमालयी रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है

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