शिमला: कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन ने कारण प्रदेश के सरकारी स्कूल बंद है. इस दौरान छात्रों की पढ़ाई को घर से जारी रखा जाए इसके लिए ऑनलाइन माध्यम के साथ ही दूरदर्शन से छात्रों की कक्षाएं शिक्षा विभाग लगा रहा है, लेकिन छात्रों की घर बैठे पढ़ाई शिक्षा विभाग को बहुत महंगी पड़ गई है. प्रदेश में हर छात्र तक पहुंच बनाई जा सके इसके लिए शिक्षा विभाग में दूरदर्शन के माध्यम से भी 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की कक्षाएं शुरू की थी.
इसके लिए अब इन कक्षाओं का शिक्षा विभाग को साढ़े तीन लाख रुपए का बिल चुकाना होगा. केंद्रीय मंत्रालय की ओर से दूरदर्शन के माध्यम से कक्षाएं लगाने के लिए शिक्षा विभाग से साढ़े तीन लाख की पेमेंट मांगी गई है.
शिक्षा विभाग ने मंत्रालय का पत्र आते ही आगे सरकार को यह प्रस्ताव भेज दिया है, जिससे सरकार से उन्हें दूरदर्शन के माध्यम से छात्रों को पढ़ाने के लिए यह पेमेंट मिल सके. साथ ही इस पेमेंट को आगे केंद्रीय मंत्रालय को दिया जा सके.
सरकारी स्कूल की छात्रों के लिए रोजाना दूरदर्शन के माध्यम से 3 घंटे की कक्षाएं लगाई जा रही हैं. इसमें अलग-अलग विषय छात्रों को दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाए जा रहे हैं. ऐसे में अब केंद्रीय मंत्रालय की ओर से 3 घंटे की पढ़ाई में से डेढ़ घंटे के स्लॉट के साढ़े तीन लाख शिक्षा विभाग से मांगे गए हैं. सरकार से पैसे मिलने के बाद यह बिल शिक्षा विभाग केंद्रीय मंत्रलाय को देगा.
बता दें कि कोविड-19 के संकट के बीच शिक्षा विभाग ने समय 10 से 12 बजे तक हर घर बने पाठशाला कार्यक्रम चलाया था. इस अभियान के तहत छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से शुरू की गई थी, लेकिन प्रदेश में दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्शन ना होने के चलते और सभी अभिभावकों के पास स्मार्टफोन ना होने के कारण दूरदर्शन के माध्यम से भी सभी छात्रों तक पहुंच बनाने के लिए कक्षाएं शिक्षा विभाग ने शुरू की थी.
17 अप्रैल से लेकर 17 मई तक यह कक्षाएं दूरदर्शन के माध्यम से चलाई जा रही थी. वहीं, अब जब स्कूलों में छुट्टियां हैं तो उस बीच दूरदर्शन के माध्यम से यह कक्षाएं नहीं लगाई जा रही हैं, लेकिन मंत्रालय की ओर से 17 अप्रैल से लेकर 17 मई तक की कक्षाओं को लगाने का साढ़े तीन लाख का बिल शिक्षा विभाग को दिया गया है, जिसके कारण दूरदर्शन की यह पढ़ाई शिक्षा विभाग को महंगी पड़ रही है.
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