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डॉगी का ब्लड डोनेशन, 'जिमी' ने रक्तदान कर बचाई 'लियो' की जान

जर्मन शेफर्ड नस्ल के 'जिमी' कुत्ते की उसके नस्ल के दूसरे कुत्ते 'लियो' ने रक्तदान करके जान बचाई है. ब्लड चढ़ाने के बाद फिलहाल दोनों कुत्ते स्वस्थ हैं.

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Published : Jul 26, 2019, 7:49 PM IST

Updated : Jul 26, 2019, 8:02 PM IST

कुत्ते ने खून देकर बचाई दूसरे कुत्ते की जान

नरसिंहपुर: रक्तदान से इंसानों की जिंदगी बचाने के मामले तो आपने पहले भी सुने होंगे, लेकिन क्या आपने कभी जानवरों को भी रक्तदान करते एक दूसरे की जान बचाते हुए सुना है. ऐसा ही एक मामला नरसिंहपुर से लगे रौंसरा गांव में सामने आया है. जहां जर्मन शेफर्ड नस्ल के 'जिमी' कुत्ते की उसके नस्ल के दूसरे कुत्ते 'लियो' ने रक्तदान करके जान बचाई है.

dog saved life
कुत्ते ने खून देकर बचाई दूसरे कुत्ते की जान

पशु धन संजीवनी केंद्र के डॉक्टर संजय मांझी ने बताया कि ब्लड डोनेट करने वाला डॉग स्वस्थ्य है. बता दें कि रौंसरा निवासी वंदना जाटव के 6 वर्षीय जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉग करीब एक महीने से बीमार था. जिसकी वहज से वो काफी कमजोर हो गया था. पशु चिकित्सकों को दिखाया गया तो उन्होंने रक्त लेने की सालह दी.

इसकी जानकारी जब पास के ही गांव में रहने वाले किसान महेंद्र प्रताप सिंह को हुई, तो उन्होंने अपने कुत्ते के साथ क्लीनिक पहुंच कर रक्तदान में मदद की. जहां 'जिमी' के लिए 'लियो' ने ब्लड डोनेट किया. ब्लड चढ़ाने के बाद फिलहाल दोनों कुत्ते स्वस्थ हैं. 'लियो' ने रक्तदान करके न सिर्फ 'जिमी' की जान बचाई बल्कि, एक पशु ने इंसानों के लिए भी बहुत बड़ा संदेश दिया है.

ये भी पढ़े: नशे की बड़ी खेप के साथ 2 गिरफ्तार, 6 किलो चूरापोस्त बरामद

नरसिंहपुर: रक्तदान से इंसानों की जिंदगी बचाने के मामले तो आपने पहले भी सुने होंगे, लेकिन क्या आपने कभी जानवरों को भी रक्तदान करते एक दूसरे की जान बचाते हुए सुना है. ऐसा ही एक मामला नरसिंहपुर से लगे रौंसरा गांव में सामने आया है. जहां जर्मन शेफर्ड नस्ल के 'जिमी' कुत्ते की उसके नस्ल के दूसरे कुत्ते 'लियो' ने रक्तदान करके जान बचाई है.

dog saved life
कुत्ते ने खून देकर बचाई दूसरे कुत्ते की जान

पशु धन संजीवनी केंद्र के डॉक्टर संजय मांझी ने बताया कि ब्लड डोनेट करने वाला डॉग स्वस्थ्य है. बता दें कि रौंसरा निवासी वंदना जाटव के 6 वर्षीय जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉग करीब एक महीने से बीमार था. जिसकी वहज से वो काफी कमजोर हो गया था. पशु चिकित्सकों को दिखाया गया तो उन्होंने रक्त लेने की सालह दी.

इसकी जानकारी जब पास के ही गांव में रहने वाले किसान महेंद्र प्रताप सिंह को हुई, तो उन्होंने अपने कुत्ते के साथ क्लीनिक पहुंच कर रक्तदान में मदद की. जहां 'जिमी' के लिए 'लियो' ने ब्लड डोनेट किया. ब्लड चढ़ाने के बाद फिलहाल दोनों कुत्ते स्वस्थ हैं. 'लियो' ने रक्तदान करके न सिर्फ 'जिमी' की जान बचाई बल्कि, एक पशु ने इंसानों के लिए भी बहुत बड़ा संदेश दिया है.

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Intro:नरसिंहपुर में लियो ने रक्तदान कर बचाई जिमी की जान,रौंसरा गांव में दो पशु चिकित्सकों की देखरेख में एक ही नस्ल के कुत्तों का ब्लड डोनेशन।Body:नरसिंहपुर में लियो ने रक्तदान कर बचाई जिमी की जान,रौंसरा गांव में दो पशु चिकित्सकों की देखरेख में एक ही नस्ल के कुत्तों का ब्लड डोनेशन।

नरसिंहपुर। रक्तदान से एक इंसान के दूसरे इंसान की जान बचाने के किस्से तो आपने खूब सुने होंगे लेकिन किसी डॉग से रक्तदान कराकर दूसरे डॉग की जीवन रक्षा कराने का मामला शायद ही कभी देखा-सुना गया हो।

नरसिहपुर से लगे रौंसरा गांव में ऐसा ही कुछ हुआ, जहां जर्मन शेफर्ड नस्ल के जिमी नाम के एनीमिक डॉग की जीवन रक्षा करने उसी नस्ल के लियो नाम के डॉग से रक्तदान कराया गया। यह सब दो निजी पशु चिकित्सकों की देखरेख में किया गया, जिससे अब न केवल रक्तदाता लियो डॉग स्वस्थ है बल्कि जिमी की कमजोरी भी दूर हो रही है।




रौंसरा निवासी वंदना जाटव के 6 वर्षीय जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉग करीब एक माह से बीमार था और वह काफी कमजोर हो गया था।

पशु चिकित्सकों को दिखाया तो उन्होंने आवश्यक दवाइयां तो कीं लेकिन उसे रक्त लगवाने की सलाह दी।

यह भी कहा कि जरूरी नहीं कि जर्मन शेफर्ड नस्ल के डॉग का ही रक्त लगे। वह देशी नस्ल के डॉग का रक्त भी लगवा सकते हैं। इस संबंध में जब कोसमखेड़ा निवासी महेंद्र प्रताप सिंह से चर्चा की गई तो वह अपने घर पाले गए इसी नस्ल के डॉग का रक्त देने के लिए राजी हो गए और डॉग लेकर घर आए। उनके घर में ही दो प्राइवेट डॉक्टरों ने डॉग से रक्तदान कराया।

पशु धन संजीवनी केंद्र के डॉ का कहना है कि ब्लड डोनेट करने वाला डॉग स्वस्थ है

Byte 01- वंदना जाटव

Byte 02 - डॉग डॉक्टर संजयConclusion:यह भी कहा कि जरूरी नहीं कि जर्मन शेफर्ड नस्ल के डॉग का ही रक्त लगे। वह देशी नस्ल के डॉग का रक्त भी लगवा सकते हैं। इस संबंध में जब कोसमखेड़ा निवासी महेंद्र प्रताप सिंह से चर्चा की गई तो वह अपने घर पाले गए इसी नस्ल के डॉग का रक्त देने के लिए राजी हो गए और डॉग लेकर घर आए। उनके घर में ही दो प्राइवेट डॉक्टरों ने डॉग से रक्तदान कराया।
Last Updated : Jul 26, 2019, 8:02 PM IST
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