शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में मरीजों को आज से 50 फीसदी डॉक्टर ही मिलेंगे. क्यूंकि मंगलवार से अस्पताल के डॉक्टरों की 38 दिनों की विंटर वेकेशन शुरू हो गई है. अब पहले बैच में डॉक्टर 8 फरवरी तक छुट्टी पर रहेंगे. ऐसे में अस्पताल के 50 फीसदी डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे, जबकि शेष डॉक्टर ही ओपीडी से लेकर ओटी तक का कार्य करेंगे. वहीं, डॉक्टरों के छुट्टी पर जाने से मरीजों को एक बार फिर इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
बता दें कि इससे पहले सभी डॉक्टर दो चरणों में समर वेकेशन पर चले गए थे. जिस कारण मरीजों को इलाज करवाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर डॉक्टरों के छुट्टी पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ सकती है. आईजीएमसी में रोजाना इलाज के लिए 3500 के करीब मरीज पहुंचते हैं. ऐसे में अब मार्च तक मरीजों को डॉक्टरों की कमी होने के कारण इलाज के भटकना पड़ सकता है.
पहले बैच में 160 और दूसरे बैच में 136 डॉक्टर जाएंगे छुट्टी पर: अस्पताल के 160 डॉक्टर पहले बैच में छुट्टी पर चले गए हैं. यह डॉक्टर अब 8 फरवरी तक छुट्टी पर रहेंगे. इसके बाद दूसरे बैच में 136 डॉक्टर छुट्टी पर जाएंगे. शेष 50 फीसदी डॉक्टर 10 फरवरी से 18 मार्च तक वेकेशन पर रहेंगे. इस बीच 9 फरवरी को कॉमन डे रहेगा. जबकि 19 मार्च से मरीजों को सभी डॉक्टर अस्पताल में मिलेंगे. आईजीएमसी में करीब 37 विभाग हैं और हर विभाग से 3 या 5 डॉक्टर छुट्टी पर गए हैं. डॉक्टरों का विंटर वेकेशन हर साल होता है.
आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ सीता ठाकुर ने बताया कि आईजीएमसी में आज से विंटर वेकेशन शुरू हो गई है. अस्पताल के सभी डॉक्टरों ने एक-एक सप्ताह के समर वेकेशन की छुट्टियां काट ली है. आज से पहला बैच 38 दिनों के छुट्टी पर चला गया है. उसके बाद दूसरे बैच के डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे. जबकि 19 मार्च से सभी डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध रहेंगे.
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