शिमला: हिमाचल में कुछ दिनों बाद आपको चाहे मां ज्वाला जी का दरबार हो या फिर मां चिंतपूर्णी और बगलामुखी का सभी की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी. राज्य सरकार प्रदेश के सभी मंदिरों का विकास करेगी,इसको लेकर सरकार ने मास्टर प्लान बनाने की तैयारी कर ली है.वहीं, माता चिंतपूर्णी का भव्य मंदिर बनाया जाएगा.मंदिर से मुबारकपुर तक की सड़क पर रोड साइड सुविधाएं तैयार करने के लिए भी काम शुरू हो चुका है.
सभी मंदिरों का विकास मास्टर प्लान के साथ: दर असर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक सुदर्शन बबलू के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हिमाचल सरकार सभी मंदिरों के विकास के लिए मास्टर प्लान बनाएगी ,ताकि सिस्टमैटिक तरीके से विकास किया जा सके. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा हिमाचल के मंदिरों को विकसित करने के कार्य अब एक साथ मास्टर प्लान के तहत ही करवाए जाएंगे.
छोटे-छोटे कामों से नहीं हुआ विकास: उन्होंने कहा कि मंदिरों में अभी तक छोटे-छोटे कार्य अलग -अलग हिस्सों में किए जाते रहे हैं. जिन पर काफी पैसे भी खर्च हुए, लेकिन सभी तरह की सुविधाएं अभी तक इन मंदिरों में नहीं है. उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी का मंदिर पूरे देश में सुविधाओं के लिए जाना जाता है. सरकार भी चाहेगी यहां के मंदिरों की व्यवस्था मास्टर प्लान के तहत हो.
माता चिंतपूर्णी का बनेगा भव्य मंदिर: उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर के बारे में जलशक्ति विभाग को निर्देश दिए गए कि मंदिर का पानी और सीवरेज के लिए मास्टर प्लान तैयार कर उनकी कंबाइंड डीपीआर मंजूर कराई जाए. उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर परिसर में निर्माण के लिए 7.32 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और इसको विकसित करने के लिए 5.46 करोड़ रुपए की लागत से 1669 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
मुबारकपुर रोड पर काम शुरू: दुकानों के निर्माण के लिए 1.86 करोड़ रुपए, सीवरेज के लिए 16 करोड़ रुपए, पेयजल योजना पर 12.24 करोड़ रुपए और म्यूजियम के लिए 11.21 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में माता चिंतपूर्णी का भव्य मंदिर बनेगा. यही नहीं, मंदिर से मुबारकपुर तक की सड़क पर रोड साइड सुविधाएं तैयार करने के लिए भी काम किया जा रहा है.
हिमाचल में 40 मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन: विधायक यादवेंद्र गोमा के एक सवाल के जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में आशापुरी मंदिर सहित हिमाचलमें 40 मंदिर एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हैं, लेकिन इनके रख रखाव पर एएसआई कोई खर्च नहीं रहा, अगर कुछ मंदिरों पर खर्च किया भी जा रहा है तो वह नाम मात्र का है.
आशापुरी मंदिर को बचाने की जरूरत: उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर इन मंदिरों पर कोई पैसा खर्च नहीं कर सकती. ऐसे में प्रदेश सरकार यह मामला एएसआई के साथ उठाएगी ,ताकि उसके अधीन गए मंदिरों की उचित देखभाल कर उनका संरक्षण किया जा सके. डिप्टी सीएम ने कहा कि आशापुरी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र और इसे बचाने की जरूरत है. हालांकि, इसके लिए काम एएसआई के सहयोग से ही किया जा सकेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार आशापुरी सहित उन सभी सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों में पुजारी नियुक्त करने की व्यवस्था करेगी, जहां अभी पूजा नहीं हो रही है.
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