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ब्रेकिंग: जहूर जैदी की बढ़ी मुश्किलें, कस्टोडियल डेथ मामले में विभागीय जांच शुरू

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Published : Feb 6, 2020, 9:00 PM IST

बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े कस्टोडियल डेथ केस में निलंबित आईपीएस जहूर एच. जैदी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. इसी केस में शिमला की एसपी रहीं सौम्या सांबशिवन पर बयान बदलने के लिए दबाव डालने से संबंधित मामले में जैदी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है.

Departmental inquiry started against zahoor Zaidi
Departmental inquiry started against zahoor Zaidi

शिमला: हिमाचल के चर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े कस्टोडियल डेथ केस में निलंबित आईपीएस जहूर एच. जैदी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. इसी केस में शिमला की एसपी रहीं सौम्या सांबशिवन पर बयान बदलने के लिए दबाव डालने से संबंधित मामले में जैदी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है.

बड़ी बात यह है कि उक्त मामले में जांच का जिम्मा तीन विभागों को दिया गया है. गृह विभाग के अलावा विधि विभाग व पुलिस विभाग भी मामले की जांच करेगा. फिलहाल, जैदी मार्च महीने की 17 तारीख तक निलंबित हैं. न्यायालय के आदेशों के अनुसार राज्य सरकार ने जैदी को सस्पेंड किया था.

उसके बाद अब विभागीय जांच शुरू हुई है. राज्य के पुलिस महानिदेशक, सरकार के विधि सचिव और होम डिपार्टमेंट के सचिव की निगरानी में यह जांच शुरू हो रही है. नए घटनाक्रम के तहत प्रदेश सरकार अब जैदी को चार्जशीट भी कर सकती है.

चंडीगढ़ में सक्षम न्यायालय में पुलिस लॉकअप हत्याकांड मामले में हाल ही में सुनवाई के दौरान कमांडेंट थर्ड आईआरबी एवं शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन की भी गवाही हुई. उन्होंने आईपीएस अफसर जैदी के खिलाफ एक आवेदन अदालत में दिया था.

आवेदन के मुताबिक जैदी ने उन पर बयान बदलने का दबाव डाला था. इस पर सीबीआई की विशेष अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया. नोटिस के अनुसार जैदी से जुड़े इस मामले को देखने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे.

सौम्या ने आवेदन दायर करते हुए कहा था कि तत्कालीन आईजी जैदी ने उन्हें अपने पक्ष में गवाही देने के लिए दबाव बनाया. ऐसे में उन्हें मानसिक दबाव झेलना पड़ा. मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा, जिस पर प्रदेश सरकार ने इसी साल 16 जनवरी को निलंबन का आदेश जारी कर दिया.

इस तरह दो साल में दो बार निलंबित हुए जैदी अपने सेवाकाल में ये स्थिति झेल चुके हैं. पहली बार 2017 में कोटखाई प्रकरण के तहत पुलिस लॉकअप में सूरज हत्या मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के साथ सस्पेंड भी हुए. अब शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन को बयान बदलने के लिए दबाव बनाने पर कोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने निलंबित किया है.

उल्लेखनीय है कि गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में पुलिस कस्टडी में हुई एक कथित आरोपी सूरज की मौत के बाद सीबीआई को जांच के नए सूत्र मिले थे. उसके बाद ही सीबीआई ने आईपीएस लेवल के अफसर पर हाथ डाला था.

शिमला: हिमाचल के चर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े कस्टोडियल डेथ केस में निलंबित आईपीएस जहूर एच. जैदी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. इसी केस में शिमला की एसपी रहीं सौम्या सांबशिवन पर बयान बदलने के लिए दबाव डालने से संबंधित मामले में जैदी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है.

बड़ी बात यह है कि उक्त मामले में जांच का जिम्मा तीन विभागों को दिया गया है. गृह विभाग के अलावा विधि विभाग व पुलिस विभाग भी मामले की जांच करेगा. फिलहाल, जैदी मार्च महीने की 17 तारीख तक निलंबित हैं. न्यायालय के आदेशों के अनुसार राज्य सरकार ने जैदी को सस्पेंड किया था.

उसके बाद अब विभागीय जांच शुरू हुई है. राज्य के पुलिस महानिदेशक, सरकार के विधि सचिव और होम डिपार्टमेंट के सचिव की निगरानी में यह जांच शुरू हो रही है. नए घटनाक्रम के तहत प्रदेश सरकार अब जैदी को चार्जशीट भी कर सकती है.

चंडीगढ़ में सक्षम न्यायालय में पुलिस लॉकअप हत्याकांड मामले में हाल ही में सुनवाई के दौरान कमांडेंट थर्ड आईआरबी एवं शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन की भी गवाही हुई. उन्होंने आईपीएस अफसर जैदी के खिलाफ एक आवेदन अदालत में दिया था.

आवेदन के मुताबिक जैदी ने उन पर बयान बदलने का दबाव डाला था. इस पर सीबीआई की विशेष अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया. नोटिस के अनुसार जैदी से जुड़े इस मामले को देखने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे.

सौम्या ने आवेदन दायर करते हुए कहा था कि तत्कालीन आईजी जैदी ने उन्हें अपने पक्ष में गवाही देने के लिए दबाव बनाया. ऐसे में उन्हें मानसिक दबाव झेलना पड़ा. मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा, जिस पर प्रदेश सरकार ने इसी साल 16 जनवरी को निलंबन का आदेश जारी कर दिया.

इस तरह दो साल में दो बार निलंबित हुए जैदी अपने सेवाकाल में ये स्थिति झेल चुके हैं. पहली बार 2017 में कोटखाई प्रकरण के तहत पुलिस लॉकअप में सूरज हत्या मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के साथ सस्पेंड भी हुए. अब शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन को बयान बदलने के लिए दबाव बनाने पर कोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने निलंबित किया है.

उल्लेखनीय है कि गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में पुलिस कस्टडी में हुई एक कथित आरोपी सूरज की मौत के बाद सीबीआई को जांच के नए सूत्र मिले थे. उसके बाद ही सीबीआई ने आईपीएस लेवल के अफसर पर हाथ डाला था.

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जहूर जैदी की बढ़ी मुश्किलें, गुडिय़ा मामले से जुड़े कस्टोडियल डैथ मामले में विभागीय जांच शुरू
शिमला। हिमाचल के चर्चित गुडिय़ा दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े कस्टोडियल डैथ केस में निलंबित आईपीएस जहूर एच. जैदी की मुुश्किलें और बढ़ गई हैं। इसी केस में शिमला की एसपी रहीं सौम्या सांबशिवन पर बयान बदलने के लिए दबाव डालने से संबंधित मामले में जैदी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। बड़ी बात यह है कि उक्त मामले में जांच का जिम्मा तीन विभागों को दिया गया है। गृह विभाग के अलावा विधि विभाग व पुलिस विभाग भी मामले की जांच करेगा। फिलहाल, जैदी मार्च महीने की 17 तारीख तक निलंबित हैं। न्यायालय के आदेशों के अनुसार राज्य सरकार ने जैदी को सस्पेंड किया था। उसके बाद अब विभागीय जांच शुरू हुई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक, सरकार के विधि सचिव और होम डिपार्टमेंट के सचिव की निगरानी में यह जांच शुरू हो रही है। नए घटनाक्रम के तहत प्रदेश सरकार अब जैदी को चार्जशीट भी कर सकती है। चंडीगढ़ में सक्षम न्यायालय में पुलिस लॉकअप हत्याकांड मामले में हाल ही में सुनवाई के दौरान कमांडेंट थर्ड आईआरबी एवं शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन की भी गवाही हुई। उन्होंने आईपीएस अफसर जैदी के खिलाफ  एक आवेदन अदालत में दिया था। आवेदन के मुताबिक जैदी ने उन पर बयान बदलने का दबाव डाला था। इस पर सीबीआई की विशेष अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया। नोटिस के अनुसार जैदी से जुड़े इस मामले को देखने और उनके खिलाफ  कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। सौम्या ने आवेदन दायर करते हुए कहा था कि तत्कालीन आईजी जैदी ने उन्हें अपने पक्ष में गवाही देने के लिए दबाव बनाया। ऐसे में उन्हें मानसिक दबाव झेलना पड़ा। मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा, जिस पर प्रदेश सरकार ने इसी साल 16 जनवरी को निलंबन का आदेश जारी कर दिया। इस तरह दो साल में दो बार निलंबित हुए जैदी अपने सेवाकाल में ये स्थिति झेल चुके हैं। पहली बार 2017 में कोटखाई प्रकरण के तहत पुलिस लॉकअप में सूरज हत्या मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के साथ सस्पेंड भी हुए। अब शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन को बयान बदलने के लिए दबाव बनाने पर कोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने निलंबित किया है। उल्लेखनीय है कि गुडिय़ा दुष्कर्म व हत्या मामले में पुलिस कस्टडी में हुई एक कथित आरोपी सूरज की मौत के बाद सीबीआई को जांच के नए सूत्र मिले थे। उसके बाद ही सीबीआई ने आईपीएस लेवल के अफसर पर हाथ डाला था। 
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