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लॉकडाउन के दौरान डेंटल कॉलेज शिमला का किया गया कायाकल्प, मिलेंगी ये सुविधाएं

लॉडाउन के दौरान शिमला डेंटल कॉलेज का किया कायाकल्प किया गया है. डेंटल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आशु गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में 25 साल से खटारा पड़ी बसों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सरकार से नई बसों की मांग की गई है. कोरोना संक्रमण के चलते डेंटल अस्पताल शिमला में बचाव के लिए सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है.

डॉ. आशु गुप्ता, प्रिंसिपल, डेंटल कॉलेज शिमला
डॉ. आशु गुप्ता, प्रिंसिपल, डेंटल कॉलेज शिमला
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Published : Sep 28, 2020, 2:13 PM IST

शिमला: डेंटल कॉलेज शिमला के प्रधानाचार्य डॉ. आशु गुप्ता ने कोरोना काल में मरीजों व स्टाफ को आने समस्या के समाधान का प्रयास किया और डेंटल कॉलेज की काया कल्प कर दिया. प्रिंसिपल डॉ. आशु गुप्ता ने बताया कि कोरोना संकट में डेंटल कॉलेज बंद रहा और सभी छात्रों की भी छुट्टी रही.

ऐसे में कॉलेज की सुविधाओं पर मुख्य तौर से काम किया गया. उन्होंने बताया कि डेंटल कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर और मशीनरी पर विशेष काम किया गया. जिससे इलाज के दौरन सुविधाओं के अभाव के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना न करना पड़ें. साथ ही मरीजों का सही तरीके से और समय पर इलाज हो सके.

डॉ. आशु गुप्ता, प्रिंसिपल, डेंटल कॉलेज शिमला

डॉ. गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में 50 नई कुर्सियां मंगवाई गई, जिससे परीक्षा हॉल में छात्रों को कोई परेशानी न हो. कॉलेज में नए चेंबर का निर्माण किया गया और पीजी के लिए अलग चेंबर बनाया गया है. डॉ गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में 13 सालों से बंद पड़ी पीजी को शुरू किया गया है. ओरल मेडिसिन में पीजी डेंटल कॉउंसिल से रजिस्टर नही थीं, उसे रजिस्टर करवाया गया है.

डेंटल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में 25 साल से खटारा पड़ी बसों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सरकार से नई बसों की मांग की गई है. कोरोना संक्रमण के चलते डेंटल अस्पताल शिमला में बचाव के लिए सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है.

अस्पताल को समय-समय पर सेनिटाइज किया जा रहा है और गेट से बिना स्कैनिंग के कोई भी अंदर नहीं आ सकता है. अस्पताल में आने वाले मरीजों का पूरी सावधानी के साथ इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में पहले इमरजेंसी वालों का ही इलाज होता था, लेकिन अब सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

शिमला: डेंटल कॉलेज शिमला के प्रधानाचार्य डॉ. आशु गुप्ता ने कोरोना काल में मरीजों व स्टाफ को आने समस्या के समाधान का प्रयास किया और डेंटल कॉलेज की काया कल्प कर दिया. प्रिंसिपल डॉ. आशु गुप्ता ने बताया कि कोरोना संकट में डेंटल कॉलेज बंद रहा और सभी छात्रों की भी छुट्टी रही.

ऐसे में कॉलेज की सुविधाओं पर मुख्य तौर से काम किया गया. उन्होंने बताया कि डेंटल कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर और मशीनरी पर विशेष काम किया गया. जिससे इलाज के दौरन सुविधाओं के अभाव के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना न करना पड़ें. साथ ही मरीजों का सही तरीके से और समय पर इलाज हो सके.

डॉ. आशु गुप्ता, प्रिंसिपल, डेंटल कॉलेज शिमला

डॉ. गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में 50 नई कुर्सियां मंगवाई गई, जिससे परीक्षा हॉल में छात्रों को कोई परेशानी न हो. कॉलेज में नए चेंबर का निर्माण किया गया और पीजी के लिए अलग चेंबर बनाया गया है. डॉ गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में 13 सालों से बंद पड़ी पीजी को शुरू किया गया है. ओरल मेडिसिन में पीजी डेंटल कॉउंसिल से रजिस्टर नही थीं, उसे रजिस्टर करवाया गया है.

डेंटल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में 25 साल से खटारा पड़ी बसों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सरकार से नई बसों की मांग की गई है. कोरोना संक्रमण के चलते डेंटल अस्पताल शिमला में बचाव के लिए सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है.

अस्पताल को समय-समय पर सेनिटाइज किया जा रहा है और गेट से बिना स्कैनिंग के कोई भी अंदर नहीं आ सकता है. अस्पताल में आने वाले मरीजों का पूरी सावधानी के साथ इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में पहले इमरजेंसी वालों का ही इलाज होता था, लेकिन अब सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

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