शिमला: मुंबई में कंगना रनौत के ऑफिस पर बीएमसी की कार्रवाई के बाद हिमाचल में कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा के मकान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. प्रियंका वाड्रा के मकान को लेकर कुछ सालों से भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज लगातार सवाल उठाते रहे हैं. जून 2016 में इस मामले को लेकर वो केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को भी पत्र लिख चुके हैं.
दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत मामले पर बेबाकी से अपनी बात रखती आई हैं. ऐसे में एक्ट्रेस इन दिनों अपनी फिल्मों से ज्यादा बयानों के चलते सुर्खियों में बनी हुई हैं.
ऐसे में कंगना और शिवसेना नेता संजय राउत के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. हाल ही में संजय राउत ने कंगना को मुंबई ना आने की धमकी दी थी, कंगना ने भी जवाब देते हुए 9 सितंबर को मुंबई आने की बात कही. इसके बाद मामला तेजी से तूल पकड़ता गया और बुधवार को बीएमसी ने कंगना के दफ्तर के कुछ हिस्सों को अवैध बताकर तोड़फोड़ की.
वहीं, कंगना का ऑफिस टूटने के बाद हिमाचल में प्रियंका गांधी के छराबड़ा स्थित मकान को तोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर तेजी से मांग उठ रही है. लोग ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. दरअसल महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस भी हिस्सेदार है. ऐसे में अब सोशल मीडिया पर लोग कंगना के ऑफिस पर हुई बीएमसी की कार्रवाई के बाद शिमला में स्थित प्रियंका गांधी के मकान को तोड़ने की बात कह रहे हैं.
विवादों में रहा है प्रियंका का आशियाना
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका वाड्रा के छराबड़ा स्थित आशियाना शुरू से ही विवादों में रहा है. हिमाचल में प्रियंका गांधी को जमीन देने को लेकर एक आरटीआई कार्यकर्ता इसे कानून की चौखट तक ले गए. तो हिमाचल भाजपा के नेता भी प्रियंका के मकान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख डाला था.
सुरेश भारद्वाज ने राजनाथ सिंह को लिखा था पत्र
शिमला से भाजपा विधायक और मौजूदा जयराम सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश भारद्वाज ने ढाई साल पहले तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर प्रियंका को दी गई मकान निर्माण की अनुमति वापिस लेने की मांग की थी. भाजपा नेता ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर तर्क दिया था कि प्रियंका का मकान राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास के समीप बनाया गया है, लिहाजा सुरक्षा कारणों से निर्माण की इजाजत रद्द की जानी चाहिए.
सुरेश भारद्वाज ने पत्र में यह भी कहा था कि इससे पहले एक सीनियर रिटायर्ड नेवी ऑफिसर ने भी यहां मकान बनाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन हिमाचल सरकार ने वह नामंजूर कर दी थी. इस संदर्भ में सुरेश भारद्वाज ने अपने पत्र में हिमाचल सरकार के गृह विभाग और राष्ट्रपति कार्यालय के बीच हुए पत्राचार का ब्यौरा भी दिया था. उन्होंने पत्र में लिखा था कि जब इससे पहले किसी को भी राष्ट्रपति निवास रिट्रीट में निर्माण की अनुमति नहीं है तो फिर प्रियंका वाड्रा पर ये मेहरबानी क्यों?
चिट्ठी में दिए गए थे ये तर्क
सुरेश भारद्वाज ने राजनाथ सिंह को पत्र लिखते हुए विभिन्न तर्क देकर प्रियंका को मकान बनाने की इजाजत रद्द करने की मांग की है. तर्क दिया गया कि वहां पर राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर के लिए स्थापित कल्याणी हेलीपैड भी है. सुरेश भारद्वाज ने अपने पत्र में लिखा था कि वीवीआईपी की सुरक्षा कारणों से पहले से ही यहां निर्माण की कोई अनुमति नहीं है. पहले भी इंडियन नेवी के सीनियर ऑफिसर रहे देवेंद्रजीत सिंह ने छराबड़ा में सोलह बिस्वा जमीन खरीदी थी. उन्होंने राज्य सरकार के गृह विभाग को वर्ष 2002 में यहां मकान के निर्माण की इजाजत देने संबंधी पत्र लिखा था.
राज्य सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव ने राष्ट्रपति कार्यालय व हिमाचल डीजीपी को उनका मत जानने के लिए पत्र भेजा. पुलिस महानिदेशक ने वर्ष 2003 में सुरक्षा की समीक्षा करते हुए अपना मत जताया कि छराबड़ा में निर्माण की अनुमति देना उचित नहीं है.
नेवल कमांडर देवेंद्रजीत सिंह ने बाद में यह मामला राज्य के मुख्य सचिव के साथ उठाया था. इस तरह राष्ट्रपति कार्यालय व अन्य संबंधित अधिकारियों के बीच पत्राचार के बाद यह तय पाया गया कि इस तरह राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास के समीप निर्माण की अनुमति देना गलत है. इससे अन्य लोग भी यहां निर्माण करना चाहेंगे. हालांकि बाद में ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया था, लेकिन वर्ष 2016 में जून महीने में लिखे पत्र ने एकबारगी हलचल मचा दी थी.
दरअसल, प्रियंका गांधी को घर बनाने की इजाजत देने पर कांग्रेस सरकार का तर्क था कि प्रियंका गांधी को एसपीजी सुरक्षा प्राप्त है. इसे लेकर भी सुरेश भारद्वाज ने चिट्ठी में लिखा था कि ये कोई तर्क नहीं है कि एसपीजी प्रोटेक्टी के यहां कोई गलत काम नहीं हो सकता.
सुरेश भारद्वाज ने तर्क दिया था कि पूर्व पीएम नरसिम्हा राव भी एसपीजी प्रोटेक्टी थी, लेकिन वे जेएमएम रिश्वत कांड में फंसे. पूर्व पीएम राव के बेटे प्रभाकर राव भी एसपीजी प्रोटेक्टी थे, लेकिन उनका नाम 133 करोड़ के यूरिया स्कैम में आया. प्रियंका के पति राबर्ट वाड्रा खुद कई विवादों में घिरे हुए हैं. सुरेश भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि प्रियंका को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रुतबे का फायदा दिया जा रहा है. इसलिये प्रियंका के निर्माण की अनुमति को रद्द किया जाए.