नई दिल्ली/शिमला: दिल्ली हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वो 2016 बैच की आईएएस अफसर गंधर्व राठौर को अपने पति के साथ हिमाचल प्रदेश कैडर में जाने के लिए कार्यमुक्त करे. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को खारिज करते हुए ये आदेश दिया.
गंधर्व ठाकुर के पति हिमाचल प्रदेश कैडर के आईएएस हैं
दरअसल, गंधर्व राठौर की जिनसे शादी हुई है वो हिमाचल प्रदेश में आईएएस अफसर हैं. गंधर्व ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल (कैट) में याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल कैडर से हिमाचल प्रदेश कैडर में ट्रांसफर करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वे अपने पति के साथ हिमाचल प्रदेश में रहना चाहती हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए कैट ने 4 दिसंबर 2020 को पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वो गंधर्व को हिमाचल प्रदेश कैडर में ज्वाइन करने के लिए कार्यमुक्त करे. कैट के इस आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
आठ हफ्ते के अंदर कार्यमुक्त करने का आदेश
हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि राज्य में अधिकारियों की कमी है. पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि पश्चिम बंगाल राज्य के कैडर के कई आईएएस अफसर दूसरे राज्यों के अफसरों के शादी करने के बाद दूसरे राज्य में कैडर ट्रांसफर करवा चुके हैं. हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वो गंधर्व राठौर को आठ हफ्ते में अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर कार्यमुक्त करे. हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को चेतावनी दी कि अगर वो आठ हफ्ते में गंधर्व को कार्यमुक्त नहीं करती है तो उन्हें स्वत: कार्यमुक्त माना जाएगा.
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