शिमला: कर्ज में डूबे राज्य हिमाचल प्रदेश में माननीयों को ठाठ-बाट पर करोड़ों खर्च हुए हैं. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम व डिप्टी सीएम सहित मंत्रियों के आवास की मरम्मत की गई. इस मरम्मत कार्य में 30 नवंबर तक 4 करोड़, 30 लाख, 25 हजार, 678 रुपए की रकम खर्च हुई. मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर सहित डिप्टी सीएम के आवास व अन्य मंत्रियों ने अपनी सरकारी कोठियों में मनपसंद का काम करवाया है.
कैबिनेट मंत्रियों धनीराम शांडिल, चौधरी चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह सहित विक्रमादित्य सिंह की सरकारी कोठियों में मरम्मत कार्य के नाम पर ये रकम खर्च हुई है. धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ये जानकारी सामने आई है. श्री नैना देवी जी से भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने इस संदर्भ में सवाल किया था. रणधीर शर्मा ने सवाल किया था कि सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री व मंत्रियों की सरकारी कोठियों की मरम्मत पर कितनी राशि खर्च की है. रणधीर शर्मा ने कोठी वाइज ये ब्यौरा मांगा था. इस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से जवाब दिया गया कि इन सरकारी आवासों पर कुल 4.30 करोड़ रुपए से अधिक की रकम मरम्मत की मद पर खर्च की गई.
ये रकम मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर, डिप्टी सीएम के सरकारी आवास याट्स पैलेस, कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के सरकारी आवास क्रिस्टन हॉल, हर्षवर्धन चौहान के सरकारी आवास याट्स पैलेस, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के सरकारी आवास ग्रॉट लॉज, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के सरकारी आवास याट्स पैलेस, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के आवास फॉरेस्ट लॉज व लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के सरकारी आवास याट्स पैलेस पर खर्च हुई है.
उल्लेखनीय है कि सत्ता परिवर्तन के बाद जो भी सरकार कामकाज संभालती है, उसके मंत्री सरकारी आवासों में अपनी पसंद के बदलाव करते हैं. इसमें सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से पैसा खर्च किया जाता है. कर्ज में डूबे प्रदेश में कोई भी सरकार इस खर्च से पीछे नहीं रहती. हिमाचल प्रदेश पर इस समय 76 हजार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च है, लेकिन सरकारी आवासों की मरम्मत के लिए खजाने से पैसा जारी किया जाता रहा है.
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