शिमला : मंगलवार को तेल की कीमतों के विरोध में माकपा ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. इस दौरान उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया गया. इस अवसर पर सीपीआईएम सचिव बलबीर पराशर ने कहा कि लगातार बढ़ रही महंगाई ने आम जनता को परेशान कर दिया. कोरोना संकट से लोग परेशान हैं. वहीं, केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों के आगे झुककर दामों को बढ़ाया.
उन्होंने कहा सरकरा ने मई में पेट्रोल- डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 10 और 13 रुपये की बढ़ोतरी की थी. आज केंद्र सरकार पेट्रोल के आधार मूल्य का 260 फीसदी और डीजल के आधार का 256 फीसदी एक्साइज ड्यूटी अन्य करों के रूप में वसूल रही. उनका कहना था कि सार्क देशों में भारत ही ऐसा देश जहां तेल की कीमतें ज्यादा हैं. वहीं, नेपाल को पेट्रोल -डीजल कि आपूर्ति भारत स्थित रिफाइनरी से होती है, लेकिन नेपाल में पेट्रोल की कीमत 60.18 और डीजल की कीमत 53.29 रुपये प्रति लीटर है.
आपदा को अवसर बताया
पिछले डेढ़ महीने में पेट्रोल में 10 और डीजल में 10 रुपये से अधिक कीमतों को बढ़ाया गया. माकपा ने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के दौरान आपदा की बजाए अवसर की संज्ञा दी गई. इसी अवसर को भुनाते हुए जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है. तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई भी बढ़ेगी और आम जनता के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. तेल की कीमत के बढ़ने से महंगाई बढ़ती जाएगी और मंहगाई को रोका नहीं जा सकेगा.
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