शिमला: नगर निगम शिमला की पहली मासिक बैठक मंगलवार को बचत भवन में आयोजित की गई. बैठक में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विधायक हरीश जनारथा भी मौजूद रहे. बैठक में सड़कों की टारिंग और शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षदों ने हंगामा किया. इस दौरान पार्षदों ने वार्ड में टारिंग न करवाने का कारण पूछा. सभी पार्षदों ने कहा शहर की सड़कें खस्ताहाल है. सड़कों पर पैदल चलना भी खतरों से खाली नहीं है. पैदल चलने वालों से लेकर वाहन सवार सभी लोगों के ये रास्ते खतरा बने हुए हैं. रास्तों की स्थिति इतनी खराब है कि कई वार्डों में एंबुलेंस का आना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में वार्डों की गर्भवती महिलाओं और बीमार बुजुर्गों को अस्पताल पहुंचाने में बहुत मुश्किलें सामने आती हैं.
हाउस में पार्षदों के सवाल और हंगामा: कंगना धार के पार्षद ने भी अपने वार्ड के बारे में सवाल किए.वहीं, रुलदू भट्टा वार्ड की पार्षद सरोज ठाकुर ने सदन को और ज्यादा गर्मा दिया. उन्होंने सदन को पूछा कि उनके वार्ड की सड़कों का टेंडर क्यों नहीं लगाया गया और आखिर कब टारिंग का कार्य होना है?. वहीं, इस दौरान लोअर बाजार की टारिंग को लेकर भी सदन में चर्चा की गई. जिस पर मनोनित पार्षदों ने कहा वार्डों में होने वाली टारिंग के लिए पार्षदों को सूचित किया जाना चाहिए. ताकि उनकी निगरानी में सही कार्य हो सके.
10 करोड़ रुपये से चमकेंगी शहर की सड़कें: सभी पार्षदों की बात सुनने पर मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि वार्डों की सड़कों के लिए बजट आ गया है. सड़कों में टारिंग के लिए प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ रुपये दिए हैं. ऐसे में समयानुसार सभी वार्डों की सड़कों की टारिंग होनी है. वहीं, मेयर ने यह भी आश्वासन दिया है कि शहर में जहां भी टारिंग का कार्य होगा. वहां के स्थानिय पार्षदों की निगरानी में ही होगा. इसी के साफ पार्षदों ने सफाई व्यवस्था को लेकर भी बैठक में सवाल खड़े किए.
फिलहाल टैक्स में नहीं होगी बढ़ोतरी: राजधानी शिमला में भवन मालिकों को इस बार टैक्स की बढ़ोतरी से राहत मिलने की उम्मीद फिर से दिख रही है. नगर निगम की पहली मासिक बैठक में इस पर चर्चा शुरू होते ही स्थानीय विधायक ने साफ तौर पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसे बढ़ाने या किस फार्मूले से बढ़ाया जाना है, इस पर चर्चा करने की बजाय पहले उनसे वसूली की जाए, जो लोग लंबे समय से नगर निगम की टैक्स नहीं दे रहे हैं. नगर निगम में बकाया टैक्स की जो राशि है, उसे जल्द वसूल किया जाए. इससे लोगों को इस पैसे से शहर का विकास करके दिखाया जा सकेगा. इसके बाद ही लोग बड़ा हुआ टैक्स नगर निगम को देने के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकेंगे. इसलिए इस पर अब अगले मासिक बैठक में फैसला लिया जाएगा.
संजौली के हॉस्टल में 5 साल रह सकेंगी कामकाजी महिलाएं: वहीं, संजौली हॉस्टल में कामकाजी महिलाओं और लड़कियों को 3 की बजाय 5 साल तक रहने की मंजूरी देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है. जब तक हॉस्टल में कमरे खाली रहते हैं. महिलाएं 3 की बजाय 5 साल तक यहां पर रह सकेंगी.
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