शिमलाः ऊना के मोहल्ला गुरुसर वार्ड नंबर-2 के निवासी संजीव कुमार को मौत के बाद सऊदी अरब में मुस्लिम समझकर दफना दिया गया था. अब संजीव कुमार के अवशेषों को भारत वापस लाने की उम्मीद बंध गई है. शनिवार को विधानसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने एक वक्तव्य देते हुए कहा कि काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया एट जेद्दाह से मिले ई-मेल में माना गया है कि संजीव कुमार के परिवार को बताए बिना उनके शव को दफना दिया गया.
ई-मेल में जवाब देते हुए लिखा गया है कि सिविल अफेयर ऑफिस खमीस मुशैत ने संजीव कुमार को गलती से मुस्लिम समझ लिया था, जिस कारण उन्हें दफनाया गया. ट्रांसलेशन ऑफिस में मृतक के डेथ सर्टिफिकेट पर धर्म का उल्लेख नहीं किया गया था. इसी के चलते यह गलती हुई. सऊदी ट्रांसलेशन कार्यालय की ओर से इस मामले पर माफी भी मांगी गयी है. जल्द से जल्द संजीव कुमार के शव को भारत लाकर उनके परिजनों को सौंपा जाएगा.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने वक्तव्य देते हुए कहा कि यह मामला भारत सरकार और सऊदी अरब में काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया एट जेद्दाह के समक्ष उठाया गया था. इस पर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार लगातार नजर बनाए हुए थे.
क्या था मामला
कुछ दिन पहले हिमाचल के ऊना जिला के रहने वाले संजीव कुमार की सऊदी अरब के जिजान में प्रॉकृतिक कारणों से मौत हो गई थी. स्थानीय प्रशासन ने परिवार को सूचित किए बिना उन्हें मुस्लिम समझकर दफना दिया था. हालांकि 18 फरवरी, 2021 को कंपनी के मालिक ने शोक संतप्त परिवार को सूचित किया था कि उन्होंने कब्रिस्तान में संजीव कुमार के शरीर को दफन कर दिया है. उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र और दफनाने की एक प्रति भी परिवार को भेज दी. घटना के बाद उनके परिवार ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया, ताकि मृतक के शवों को हिंदू संस्कार के अनुसार दाह संस्कार के लिए भारत लाया जा सके.
विधानसभा में भी गूंजा था मुद्दा
संजीव कुमार को दफनाने का मामला हिमाचल के बजट सत्र में भी गूंजा था. सदन में संजीव कुमार के अवशेषों को भारत लाने की मांग की गई थी. इसके बाद सीएम ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था. केंद्रीय विदेश मंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा था कि संजीव कुमार साल 1999 से सऊदी अरब में मैसर्स सलीम अब्दुल्ला साद-अल-साकर के साथ ट्रक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे और इस वर्ष 24 जनवरी को जेदाह क्षेत्र के बेस अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी. सीएम ने संजीव कुमार के अवशेषों को भारत वापस लाने का आग्रह किया था. सीएम का पत्र मिलने के बाद विदेश मंत्रालय ने काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया एट जेद्दाह को पत्र लिखा था.
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