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RKS के तहत होगा कोरोना मरीजों का निशुल्क इलाज, गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में मिली मंजूरी - हिमाचल की लेटेस्ट न्यूज

आईजीएमसी में एडमिट हाेने वाले काेराेना मरीजाें काे सरकार की ओर से 54 प्रकार की दवाएं फ्री दी जा रही हैं. अब प्रशासन अपने स्तर पर मरीजों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा. राेगी कल्याण समिति में काेराेना मरीजाें काे 30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्री लगाया जाएगा.

आईजीएमसी शिमला
आईजीएमसी शिमला
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Published : Oct 30, 2020, 5:42 PM IST

शिमला: आईजीएमसी शिमला में एडमिट हाेने वाले काेराेना मरीजाें काे सरकार की ओर से 54 प्रकार की दवाएं फ्री दी जा रही हैं. ऐसे में तबीयत बिगड़ने, महंगे इंजेक्शन की जरूरत पड़ेने, एमआरअआई या सीटी स्कैन समेत काेई अन्य महंगे टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ने पर करवाने पड़ते थे.

सरकार ने दिया अप्रूवल

इसके लिए अब आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें काे इलाज के साथ-साथ किसी भी प्रकार के महंगे टेस्ट या इंजेक्शन के लिए परेशान नहीं हाेने देगा. प्रशासन अपने स्तर पर मरीजों के इलाज का खर्च उठाएगा. राेगी कल्याण समिति में काेराेना मरीजाें काे 30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्री लगाया जाएगा. वहीं सीटी स्कैन, एमआरअआई और अन्य तरह के टेस्ट भी प्रशासन अपने स्तर पर करेगा. इससे काेराेना मरीजाें काे इलाज के दाैरान परेशानी नहीं होगी. इसे लेकर हाल ही में प्रशासन ने गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में अप्रूवल लिया है.

अभी तक यह है व्यवस्था

माैजूदा समय में सरकार नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काेराेना मरीजाें काे 54 प्रकार के टेस्ट और दवाओं के लिए फंड देती थी. ऐसे में अगर डाॅक्टर काे किसी मरीज का इससे हटकर काेई टेस्ट करवाना हाेता था या फिर उन्हें इंजेक्शन देना हाेता था ताे उसके लिए सरकारा काेई फंड नहीं देती थी. इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब प्रशासन राेगी कल्याण समिति में ही काेराेना मरीजाें के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा.

काेराेना मरीजाें को फ्री इलाज

प्रशासन का काेराेना मरीजाें के महंगे इलाज और फ्री टेस्ट करने का एक मकसद और था. प्रशासन का कहना है कि काेराेना मरीजाें काे नियमाें के तहत अकेला रखा जाता है. ऐसे में उनके साथ काेई तीमारदार भी नहीं रहता है और ना ही उनके पास ज्यादा सामान हाेता है, जिसके चलते अगर मरीज काे इलाज के दाैरान काेई टेस्ट करवाना हाेता था ताे वह अकेले हाेने के कारण पैसे नहीं दे पाता था. ऐसे में अब उन्हें सभी तरह का इलाज फ्री दिए जाने का प्रावधान कर दिया गया है, जिससे मरीजाें काे दिक्कत ना आए.

30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्री

काेराेना मरीजाें काे महंगा टोसिलिजुमैब 400 इंजेक्शन दिया जाता है. इसकी कीमत 29300 रुपए है. इसी तरह रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी दिया जा रहा है. यह इंजेक्शन भी 2403 रुपये का पड़ता है, जबकि यह इंजेक्शन फ्री ड्रग्स पाॅलिसी में भी नहीं है. इसी तरह सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे समेत अन्य टेस्ट भी फ्री नहीं किए जाते थे, लेकिन प्रशासन ने अब इन सभी इंजेक्शन और टेस्ट काे काेराेना मरीजाें काे लिए फ्री कर दिया है.

इलाज के लिए रखे जाएंगे अतिरिक्त कर्मचारी

आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें की देखभाल के लिए 10 अतिरिक्त कर्मचारी भी रखेगा. आयुष्मान मित्र और हिमकेयर साथी ही काेराेना मरीजाें की पूरी देखभाल करेंगे. इसके लिए भी प्रशासन ने मंजूरी ले ली है. जल्द ही प्रशासन इसके लिए भर्ती करेगा. यह कर्मचारी आईजीएमसी में आने वाले हर काेराेना मरीज की देखभाल करेंगे, जिससे उन्हें अकेलापन महसूस ना हाे. इससे पहले अस्पतालाें में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी.

प्रशासन उठाएगा पूरा खर्च

आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें काे महंगे टेस्ट और इंजेक्शन फ्री में लगाएगा. राेगी कल्याण समिति से प्रशासन इसके लिए फंड खर्च करेगा. अभी तक अस्पतालाें में काेराेना मरीजाें काे 54 तरह की दवाएं ही फ्री देने का प्रावधान है. अब प्रशासन ही उनका पूरा खर्च उठाएगा. इसके लिए गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में मंजूरी ले ली गई है.

पढ़ें: शिक्षा मंत्री की पत्नी कोरोना पॉजिटिव,सुरक्षाकर्मी निकला संक्रमित

शिमला: आईजीएमसी शिमला में एडमिट हाेने वाले काेराेना मरीजाें काे सरकार की ओर से 54 प्रकार की दवाएं फ्री दी जा रही हैं. ऐसे में तबीयत बिगड़ने, महंगे इंजेक्शन की जरूरत पड़ेने, एमआरअआई या सीटी स्कैन समेत काेई अन्य महंगे टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ने पर करवाने पड़ते थे.

सरकार ने दिया अप्रूवल

इसके लिए अब आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें काे इलाज के साथ-साथ किसी भी प्रकार के महंगे टेस्ट या इंजेक्शन के लिए परेशान नहीं हाेने देगा. प्रशासन अपने स्तर पर मरीजों के इलाज का खर्च उठाएगा. राेगी कल्याण समिति में काेराेना मरीजाें काे 30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्री लगाया जाएगा. वहीं सीटी स्कैन, एमआरअआई और अन्य तरह के टेस्ट भी प्रशासन अपने स्तर पर करेगा. इससे काेराेना मरीजाें काे इलाज के दाैरान परेशानी नहीं होगी. इसे लेकर हाल ही में प्रशासन ने गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में अप्रूवल लिया है.

अभी तक यह है व्यवस्था

माैजूदा समय में सरकार नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काेराेना मरीजाें काे 54 प्रकार के टेस्ट और दवाओं के लिए फंड देती थी. ऐसे में अगर डाॅक्टर काे किसी मरीज का इससे हटकर काेई टेस्ट करवाना हाेता था या फिर उन्हें इंजेक्शन देना हाेता था ताे उसके लिए सरकारा काेई फंड नहीं देती थी. इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब प्रशासन राेगी कल्याण समिति में ही काेराेना मरीजाें के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा.

काेराेना मरीजाें को फ्री इलाज

प्रशासन का काेराेना मरीजाें के महंगे इलाज और फ्री टेस्ट करने का एक मकसद और था. प्रशासन का कहना है कि काेराेना मरीजाें काे नियमाें के तहत अकेला रखा जाता है. ऐसे में उनके साथ काेई तीमारदार भी नहीं रहता है और ना ही उनके पास ज्यादा सामान हाेता है, जिसके चलते अगर मरीज काे इलाज के दाैरान काेई टेस्ट करवाना हाेता था ताे वह अकेले हाेने के कारण पैसे नहीं दे पाता था. ऐसे में अब उन्हें सभी तरह का इलाज फ्री दिए जाने का प्रावधान कर दिया गया है, जिससे मरीजाें काे दिक्कत ना आए.

30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्री

काेराेना मरीजाें काे महंगा टोसिलिजुमैब 400 इंजेक्शन दिया जाता है. इसकी कीमत 29300 रुपए है. इसी तरह रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी दिया जा रहा है. यह इंजेक्शन भी 2403 रुपये का पड़ता है, जबकि यह इंजेक्शन फ्री ड्रग्स पाॅलिसी में भी नहीं है. इसी तरह सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे समेत अन्य टेस्ट भी फ्री नहीं किए जाते थे, लेकिन प्रशासन ने अब इन सभी इंजेक्शन और टेस्ट काे काेराेना मरीजाें काे लिए फ्री कर दिया है.

इलाज के लिए रखे जाएंगे अतिरिक्त कर्मचारी

आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें की देखभाल के लिए 10 अतिरिक्त कर्मचारी भी रखेगा. आयुष्मान मित्र और हिमकेयर साथी ही काेराेना मरीजाें की पूरी देखभाल करेंगे. इसके लिए भी प्रशासन ने मंजूरी ले ली है. जल्द ही प्रशासन इसके लिए भर्ती करेगा. यह कर्मचारी आईजीएमसी में आने वाले हर काेराेना मरीज की देखभाल करेंगे, जिससे उन्हें अकेलापन महसूस ना हाे. इससे पहले अस्पतालाें में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी.

प्रशासन उठाएगा पूरा खर्च

आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें काे महंगे टेस्ट और इंजेक्शन फ्री में लगाएगा. राेगी कल्याण समिति से प्रशासन इसके लिए फंड खर्च करेगा. अभी तक अस्पतालाें में काेराेना मरीजाें काे 54 तरह की दवाएं ही फ्री देने का प्रावधान है. अब प्रशासन ही उनका पूरा खर्च उठाएगा. इसके लिए गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में मंजूरी ले ली गई है.

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