शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर सर्विस वोटरों को डराने-धमकाने के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस पर नजर रखने की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में संभावित अपनी करारी हार देख कर भाजपा छटपटाहट में है. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भाजपा के कुछ नेता चुनाव अधिकारियों से सर्विस वोटर्स की लिस्ट लेकर उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान करने का पूरा दबाव बना रहे हैं. उन्हें डरा धमकाकर प्रलोभन देने की भी पूरी कोशिश की जा रही है.(Himachal assembly election 2022).
उन्होंने सर्विस वोटरों से बगैर डरे, सहमे या बगैर किसी प्रोलोभन के अपना मतदान करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा का कोई भी षड्यंत्र सफल होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों ने भाजपा के खिलाफ अपना जनमत दिया है, जो ईवीएम में बंद है. ईवीएम की सुरक्षा में भाजपा की कोई सेंधमारी न हो, इसके लिए कांग्रेस के कार्यकर्ता भी स्ट्रांग रूम के बाहर जनमत की निगरानी व सुरक्षा में जुटे हैं. किमटा ने कहा कि प्रदेश में पहली बार ईवीएम की सुरक्षा को लेकर भारी चिंता जताई जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि कहीं निजी वाहन में ईवीएम को ले जाना और कहीं किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा स्ट्रांग रूम की वीडियो बनाना प्रशासन के खोखले दावों की पोल खोलता है. किमटा ने कहा कि चुनाव आयोग को इसका ध्यान रखना होगा की सर्विस वोटर्स के मतपत्र पूरी तरह सुरक्षित रहें और उनमें किसी भी प्रकार की सेंधमारी न हो. किमटा ने कहा कि जनता ने कांग्रेस के पक्ष में भारी मतदान किया है. उन्होंने इसके लिए प्रदेश के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जो वादे किए है, उन्हें वह सत्ता में आते ही पूरा करेगी.(Congress accuses BJP of threatening service voters).
पेयजल योजना के लिए टेंडर को लेकर शिकायत: किमटा ने मुख्य चुनाव आयोग से प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के बीच एसजेपीएनल द्वारा शिमला शहर के लिए 700 करोड़ रुपये की पेयजल योजना की निविदा देने पर आपत्ति जताई है. इस संदर्भ में उन्होंने एक पत्र भी चुनाव आयोग को भेजा है. किमटा ने पत्र में चुनाव आयोग से पेयजल की इस प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं. उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर को प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं. उसके बाद प्रदेश में नई सरकार का गठन होना है, तब तक आयोग को इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: लापता मतदान कर्मी का 8वें दिन भी नहीं मिला सुराग, परिजनों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग