शिमला: हिमाचल पर कर्ज को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है. भाजपा लगातार सुक्खू सरकार पर कर्ज को लेकर निशाना साध रही है. इन्हीं सब बयानों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल पर कर्ज को लेकर जिनको शंका है वो आरटीआई से भी इसकी जानकारी ले सकते हैं. हमीरपुर और ज्वालामुखी के दौरे से एक मीटिंग के सिलसिले में शिमला वापस आए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कर्ज को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया. सीएम ने जवाब में कहा कि हिमाचल पर 75 हजार करोड़ रूपए का कर्ज है. कर्ज को लेकर उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही है. सीएम से उनके श्रीलंका वाले हालात से जुड़े बयान को लेकर सवाल किया गया था.
'11 हजार करोड़ की देनदारी छोड़ गई पूर्व की भाजपा सरकार': मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार कर्मचारियों की 11 हजार करोड़ की देनदारी बाकी छोड़ गई है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं कहा. उन्होंने कहा कि आज हालात यह है कि पिछली सरकार के कर्ज को चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने छठा वेतन आयोग दिया, मगर कर्मचारियों के डीए की किश्तें नहीं दी. कर्मचारियों की देनदारियां मौजूदा सरकार पर छोड़ दीं. ओपीएस बहाल को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ओपीएस की बहाली की है और इसके लिए बकायदा बजट का भी इंतजाम कर दिया है.
'पांच सालों में पूरी होंगी सभी गारंटियां': मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने लोगों को जो गारंटियां दी हैं उनको पूरा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने वादे के मुताबिक बजट के साथ ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली कर दी है. बाकी गारंटियों को भी सरकार पूरा करेगी. कांग्रेस की बाकी बची 9 गारंटियों को पांच साल में पूरा किया जाएगा. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार ने जनता के साथ केवल धोखा करने का काम किया. पूर्व सरकार के समय घोषणाएं की जाती थीं, लेकिन वादे पूरे नहीं किए नहीं किए जाते थे.
जिन पेपर के रिजल्ट जारी हुए, उनके भी पेपर लीक हुए: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारी चयन आयोग को बहाल करने सवाल पर कहा कि आयोग को लेकर जल्द कोई निर्णायक फैसला लिया जाएगा. अभी सरकार के पास विजिलेंस की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आई है. अभी प्रशासनिक रिपोर्ट आना बाकी है. उन्होंने कहा कि आयोग को निलंबित करना एक आसान फैसला नहीं था. जिस तरह पेपर लीक हुए हैं, उससे कई विकट सवाल खड़े हो गए हैं. सरकार इस मामले में सोच समझ कर फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि आयोग के जिन परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित नहीं हुए हैं, उनके भी पेपर लीक हुए हैं.
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