शिमला: हिमाचल प्रेदश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. उपमंडल ठियोग में जलसंकट के दौरान टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई से जुड़े घोटाले में सरकार ने दो एक्सईएन सहित कुल 10 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है. डिप्टी सीएम, जिनके पास जलशक्ति विभाग भी है ने कहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. मामला सामने आने के बाद अब अधिकारियों पर गाज गिरी है.
यही नहीं इस मामले में विजिलेंस जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं. उल्लेखनीय है कि ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस मामले में मीडिया के साथ बातचीत कर मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा था. उसके बाद मामला सुर्खियों में आया था और सरकार ने 24 घंटे के अंदर एक्शन लेते हुए 10 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है. पांच अफसरों को सस्पेंड करने के आदेश जलशक्ति विभाग के एसीएस की तरफ से किए गए हैं, जबकि पांच अन्य के संबंधित अथॉरिटी ने सस्पेंशन आदेश जारी किए हैं. ये घोटाला 1.13 करोड़ का बताया जा रहा है. दिलचस्प बात ये है कि टैंकर की बजाय बोलेरो, बाइक, ऑल्टो से पानी ढोने के बिल बनाए गए थे.
इस बार पानी की सप्लाई का बना करोड़ों में बिल
बता दें कि जिला के ठियोग उप मंडल में पानी की सप्लाई (टैंकर के जरिए होने वाली सप्लाई) में बड़े घोटाले के आरोप लगे हैं. दरअसल हर साल ठियोग उप मंडल में गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत होती है. इस दौरान वॉटर टैंकर के लोगों को पानी की सप्लाई दी जाती है. हर साल इस पर 10 से 12 लाख रुपए का खर्च आता था, लेकिन 2024 में ये आकंड़ा 1 करोड़ 13 लाख पहुंच गया था.
आरटीआई से हुआ था खुलासा
देवरीघाट पंचायत के पूर्व प्रधान संदीप वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, 'आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक पानी की सप्लाई के लिए टैंकर की जगह बिल में मोटर साइकिल, वैगनार, ऑल्टो कार, आई-10, स्कूटी, पिकअप जैसे निजी वाहनों के नंबर दिए गए है. कुछ क्षेत्र ऐसे है जहां सड़क ही नहीं हैं वहां भी वाहन से पानी की सप्लाई दिखाई गई है.' वहीं, पूर्व विधायक राकेश सिंघा का आरोप है कि हॉर्टिकल्चर के एक अधिकारी की बोलेरो गाड़ी का बिल बनाकर भी पेमेंट ली गई है.'
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