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सीमेंट विवाद में उलझी सरकार, आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू लेंगे फैसला, डेढ़ महीने से बंद पड़ी हैं सीमेंट फैक्ट्रियां

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Published : Jan 30, 2023, 7:45 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 9:55 AM IST

cement crisis in himachal, adani ambuja cement: मुख्यमंत्री आज ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक कर कोई निर्देश दे सकते हैं. दाड़लाघाट स्थित अंबुजा और बरमाणा का एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बंद पड़ी हुई हैं. अडानी के फैक्ट्रियों को बंद करने के एक तरफा फैसले से हजारों लोगों की जीविका पर संकट पैदा हो गया है. सरकार के लिए भी यह अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में अब सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसको लेकर पहल करते हुए ट्रक ऑपरेटरों को बैठक के लिए बुलाया है.

Sukhu meeting with truck operators tomorrow
ट्रक संचालकों के साथ सुक्खू की बैठक कल

शिमला: सीमेंट विवाद में हिमाचल की सरकार बुरी तरह से उलझ गई है. सीमेंट फैक्ट्रियों पर डेढ़ माह से तालाबंदी है और इसको सुलझाने के लिए बैठकों के कई दौर हो चुके हैं, मगर इस विवाद का कोई हल नहीं निकल रहा. हिमाचल सरकार के अधिकारी से लेकर मंत्री भी सीमेंट कंपनियों और ट्रक ऑपरेटरों से बात कर चुके हैं, मगर कोई हल नहीं नहीं निकल पाया है. ऐसे में अब सीएम खुद इस विवाद में हस्तक्षेप कर रहे हैं. मुख्यमंत्री आज ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक कर इसमें कोई निर्देश दे सकते हैं.

दाड़लाघाट स्थित अंबुजा और बरमाणा का एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बंद पड़ी हुई हैं. अडानी के फैक्ट्रियों को बंद करने के एक तरफा फैसले से हजारों लोगों की जीविका पर संकट पैदा हो गया है. सरकार के लिए भी यह अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में अब सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसको लेकर पहल करते हुए ट्रक ट्रक ऑपरेटरों को बैठक के लिए बुलाया है. बैठक आज राज्य सचिवालय में होगी, जिसमें उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, उद्योग, परिवहन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री इस मामले में ट्रक ऑपरेटरों का पक्ष जानेंगे. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस बैठक में ट्रक ऑपरेटरों से बीच का रास्ता अपनाने के लिए कह सकते हैं, क्योंकि अडानी मौजूदा समय में तय भाड़ा देने को लेकर तैयार नहीं हैं. ऐसे में अब मुख्यमंत्री ही इस मामले में अंतिम फैसला लेकर कोई निर्देश संबंधित विभागों को देंगे.

20 जनवरी को उद्योग मंत्री के साथ हुई थी बैठक

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के साथ 20 जनवरी को शिमला में बैठक की थी. इस बैठक में दोनों पक्षों से इस मुद्दे का हल निकालने के लिए कहा गया था. उद्योग मंत्री ने अडानी ग्रुप से भी नाराजगी जताई थी कि एक उसने एक तरफा फैसला लिया. उन्होंने कंपनियों के प्रतिनिधियों से प्लांट शुरू करवाने के लिए कहा था, हालांकि कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना था कि वह अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले सकते, लेकिन इस बैठक के बाद भी अभी तक फैक्ट्रियां नहीं खोली हैं. इससे पहले बीते 12 जनवरी को शिमला में एक बैठक खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक केसी चमन की अध्यक्षता में शिमला में हुई थी जिसमें दोनों पक्ष शामिल हुए थे. लेकिन इस बैठक में कंपनी प्रबंधन ने हिमकॉन के तय भाड़े को लेकर असहमति जताई थी. ट्रक ऑपरेटर भी इससे पूरी तरह सहमत नहीं थे. इससे पहले परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी.

डेढ़ माह से दोनों फैक्ट्रियों पर अडानी ने लगाए हैं ताले

सीमेंट मालभाड़े के विवाद को लेकर अडानी ग्रुप ने बरमाणा और अंबुजा की अपनी दोनों फैक्ट्रियां 15 दिसंबर से बंद कर रखी हैं. अदानी ग्रुप ने 14 दिसंबर को अपने कर्मचारियों को एक सर्कुलर जारी कर अगले दिन से काम पर न आने के आदेश जारी किए थे, जिसमें घाटे के चलते फैक्ट्रियों को बंद करने के फैसले से कर्मचारियों को अवगत करवाया था. अडानी के इस एक तरफा फैसले से हजारों ट्रक आपटेरों की आजीविका पर संकट छा गया है, इसके अलावा अप्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले हजारों लोगों का काम धंधा भी चौपट हो गया है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के दूसरे घर को केंद्रीय बजट में मिलता रहा है झुनझुना, इस बार भी खास उम्मीद नहीं- विक्रमादित्य सिंह

शिमला: सीमेंट विवाद में हिमाचल की सरकार बुरी तरह से उलझ गई है. सीमेंट फैक्ट्रियों पर डेढ़ माह से तालाबंदी है और इसको सुलझाने के लिए बैठकों के कई दौर हो चुके हैं, मगर इस विवाद का कोई हल नहीं निकल रहा. हिमाचल सरकार के अधिकारी से लेकर मंत्री भी सीमेंट कंपनियों और ट्रक ऑपरेटरों से बात कर चुके हैं, मगर कोई हल नहीं नहीं निकल पाया है. ऐसे में अब सीएम खुद इस विवाद में हस्तक्षेप कर रहे हैं. मुख्यमंत्री आज ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक कर इसमें कोई निर्देश दे सकते हैं.

दाड़लाघाट स्थित अंबुजा और बरमाणा का एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बंद पड़ी हुई हैं. अडानी के फैक्ट्रियों को बंद करने के एक तरफा फैसले से हजारों लोगों की जीविका पर संकट पैदा हो गया है. सरकार के लिए भी यह अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में अब सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसको लेकर पहल करते हुए ट्रक ट्रक ऑपरेटरों को बैठक के लिए बुलाया है. बैठक आज राज्य सचिवालय में होगी, जिसमें उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, उद्योग, परिवहन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री इस मामले में ट्रक ऑपरेटरों का पक्ष जानेंगे. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस बैठक में ट्रक ऑपरेटरों से बीच का रास्ता अपनाने के लिए कह सकते हैं, क्योंकि अडानी मौजूदा समय में तय भाड़ा देने को लेकर तैयार नहीं हैं. ऐसे में अब मुख्यमंत्री ही इस मामले में अंतिम फैसला लेकर कोई निर्देश संबंधित विभागों को देंगे.

20 जनवरी को उद्योग मंत्री के साथ हुई थी बैठक

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के साथ 20 जनवरी को शिमला में बैठक की थी. इस बैठक में दोनों पक्षों से इस मुद्दे का हल निकालने के लिए कहा गया था. उद्योग मंत्री ने अडानी ग्रुप से भी नाराजगी जताई थी कि एक उसने एक तरफा फैसला लिया. उन्होंने कंपनियों के प्रतिनिधियों से प्लांट शुरू करवाने के लिए कहा था, हालांकि कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना था कि वह अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले सकते, लेकिन इस बैठक के बाद भी अभी तक फैक्ट्रियां नहीं खोली हैं. इससे पहले बीते 12 जनवरी को शिमला में एक बैठक खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक केसी चमन की अध्यक्षता में शिमला में हुई थी जिसमें दोनों पक्ष शामिल हुए थे. लेकिन इस बैठक में कंपनी प्रबंधन ने हिमकॉन के तय भाड़े को लेकर असहमति जताई थी. ट्रक ऑपरेटर भी इससे पूरी तरह सहमत नहीं थे. इससे पहले परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी.

डेढ़ माह से दोनों फैक्ट्रियों पर अडानी ने लगाए हैं ताले

सीमेंट मालभाड़े के विवाद को लेकर अडानी ग्रुप ने बरमाणा और अंबुजा की अपनी दोनों फैक्ट्रियां 15 दिसंबर से बंद कर रखी हैं. अदानी ग्रुप ने 14 दिसंबर को अपने कर्मचारियों को एक सर्कुलर जारी कर अगले दिन से काम पर न आने के आदेश जारी किए थे, जिसमें घाटे के चलते फैक्ट्रियों को बंद करने के फैसले से कर्मचारियों को अवगत करवाया था. अडानी के इस एक तरफा फैसले से हजारों ट्रक आपटेरों की आजीविका पर संकट छा गया है, इसके अलावा अप्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले हजारों लोगों का काम धंधा भी चौपट हो गया है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के दूसरे घर को केंद्रीय बजट में मिलता रहा है झुनझुना, इस बार भी खास उम्मीद नहीं- विक्रमादित्य सिंह

Last Updated : Jan 31, 2023, 9:55 AM IST
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