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CM सुक्खू की अफसरों को दो टूक, सूखे पेड़ों को समय पर करें चिन्हित, कोताही बरती तो होगी कार्रवाई

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Published : May 17, 2023, 8:10 PM IST

हिमाचल प्रदेश के वनों में सूख चुके पेड़ों को चिन्हित करने के निर्देश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम को दिए हैं. सीएम ने अधिकारियों को सीधी चेतावनी भी दी कि अगर इस काम में कोई भी कोताई हुई तो अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

CM Sukhvinder Singh Sukhu Meeting with HP State Forest Development Corporation.
सीएम सुक्खू ने वन निगम को सूखे पेड़ों को चिन्हित करने के दिए निर्देश.

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश वनों में सूखे पेड़ों का कटान समय पर न होने के मामले को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश में सूखे पेड़ों को चिन्हित करने की प्रक्रिया को दैनिक आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सूखे पेड़ों को दैनिक आधार पर चिन्हित करने का कार्य वन मंडलाधिकारियों की निगरानी में किया जाएगा और यह सुनिश्चित भी किया जाएगा कि यह कार्य समय पर पूरा हुआ है या नहीं.

कोताही बरतने पर होगी कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को दो टूक में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस काम में जरा भी कोताही बरती गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से प्रदेश सरकार गुरेज नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने वन मंडलाधिकारियों को चिन्हित सूखे पेड़ों की सूची तैयार कर 15 जून तक वन निगम को भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन्हें समय पर काटा जा सके. अधिकारियों को इस संबंध में एसओपी तैयार करके जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

कार्य में तेजी लाए वन विभाग अधिकारी: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सूखे पेड़ों को काटने में देरी के कारण ये पेड़ जंगलों में ही सड़ जाते हैं. जिसके कारण हर साल राज्य को 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ता है. उन्होंने अधिकारियों निर्देश दिए की सूखे पेड़ों को चिन्हित करने का कार्य तेजी से किया जाए, ताकि अवैध कटान पर रोक लगाई जा सके. उन्होंने वन निगम के अधिकारियों की शक्तियों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए ताकि इमारती लकड़ी को वन निगम के नज़दीकी डिपो तक ले जाने की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जा सके. मुख्यमंत्री ने उत्पादकता में वृद्धि के लिए वन निगम के कर्मचारियों के युक्तिकरण और आधुनिक तकनीक के उपयोग के निर्देश भी दिए. उन्होंने इमारती लकड़ी के बेहतर मार्किटिंग पर बल दिया और कहा कि इससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी.

सूखे पेड़ काटने की लिए बनाई जाएगी ठेकेदारों की सूचि: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा के लिए 8 जून को वन निगम की बैठक करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे पेड़ों के कटान के लिए ठेकेदारों को सूचीबद्ध किया जाएगा, ताकि सूखे पेड़ों को समय रहते वन भूमि से हटाया जा सके और प्रदेश के राजस्व में वृद्धि हो सके. सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्य अरण्यपाल वन राजीव कुमार, एडीसी शिमला शिवम प्रताप सिंह और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: ऊना में लगेगा एथेनॉल प्लांट: हिमाचल सरकार 50 फीसदी इन्वेस्ट को तैयार, जानें क्या होगा फायदा

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश वनों में सूखे पेड़ों का कटान समय पर न होने के मामले को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश में सूखे पेड़ों को चिन्हित करने की प्रक्रिया को दैनिक आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सूखे पेड़ों को दैनिक आधार पर चिन्हित करने का कार्य वन मंडलाधिकारियों की निगरानी में किया जाएगा और यह सुनिश्चित भी किया जाएगा कि यह कार्य समय पर पूरा हुआ है या नहीं.

कोताही बरतने पर होगी कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को दो टूक में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस काम में जरा भी कोताही बरती गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से प्रदेश सरकार गुरेज नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने वन मंडलाधिकारियों को चिन्हित सूखे पेड़ों की सूची तैयार कर 15 जून तक वन निगम को भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन्हें समय पर काटा जा सके. अधिकारियों को इस संबंध में एसओपी तैयार करके जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

कार्य में तेजी लाए वन विभाग अधिकारी: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सूखे पेड़ों को काटने में देरी के कारण ये पेड़ जंगलों में ही सड़ जाते हैं. जिसके कारण हर साल राज्य को 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ता है. उन्होंने अधिकारियों निर्देश दिए की सूखे पेड़ों को चिन्हित करने का कार्य तेजी से किया जाए, ताकि अवैध कटान पर रोक लगाई जा सके. उन्होंने वन निगम के अधिकारियों की शक्तियों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए ताकि इमारती लकड़ी को वन निगम के नज़दीकी डिपो तक ले जाने की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जा सके. मुख्यमंत्री ने उत्पादकता में वृद्धि के लिए वन निगम के कर्मचारियों के युक्तिकरण और आधुनिक तकनीक के उपयोग के निर्देश भी दिए. उन्होंने इमारती लकड़ी के बेहतर मार्किटिंग पर बल दिया और कहा कि इससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी.

सूखे पेड़ काटने की लिए बनाई जाएगी ठेकेदारों की सूचि: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा के लिए 8 जून को वन निगम की बैठक करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे पेड़ों के कटान के लिए ठेकेदारों को सूचीबद्ध किया जाएगा, ताकि सूखे पेड़ों को समय रहते वन भूमि से हटाया जा सके और प्रदेश के राजस्व में वृद्धि हो सके. सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्य अरण्यपाल वन राजीव कुमार, एडीसी शिमला शिवम प्रताप सिंह और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे.

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