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अपने बचपन के विद्यालय में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे CM सुक्खू, स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए दिए 50 लाख रुपये

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Published : Feb 28, 2023, 10:21 PM IST

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल छोटा शिमला को स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए 50 लाख रुपये देने का एलान किया है. दरअसल, सीएम सुक्खू मंगलवार को स्कूल के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे थे. जहां उन्होंने ये एलान किया.

छोटा शिमला का सरकारी स्कूल
छोटा शिमला का सरकारी स्कूल
अपने बचपन के स्कूल पहुंचे CM सुक्खू.

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल छोटा शिमला के वार्षिक समारोह में शामिल हुए. मुख्यमंत्री इसी स्कूल के छात्र रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस स्कूल को स्मार्ट स्कूल में बदलने के लिए 50 लाख रुपये देने का ऐलान किया. उन्होंने डिजिटल डिस्प्ले और ऑनलाइन व ऑफलाइन स्टडी की सुविधा के साथ स्कूल को स्मार्ट कक्षाओं में बदलने की भी घोषणा की.

उन्होंने कहा कि स्कूल में एक डिजिटल लाइब्रेरी और डिजिटल ऑफिस स्थापित किया जाएगा और इससे ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीकों से दाखिला छात्रों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि सभी घोषणाओं को दो महीने के भीतर कार्यान्वित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने स्कूल में छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले छात्रों के लिए 2 लाख रुपये देने का ऐलान भी किया.

शिक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिक्षा उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए बड़े फैसले ले रही है, जिससे की वे भविष्य की चुनौतियों का सामना कर अपना लक्ष्य हासिल कर सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को शिक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आगामी 10 वर्षों में पूरी शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार का पहला बजट शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने पर केंद्रित होगा. उन्होंने कहा कि छात्रों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

नए कोर्स शुरू करेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि समय बदल रहा है और राज्य सरकार बजट में शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ नए कोर्स शुरू करेगी ताकि छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार शिक्षा मिले. उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों की मदद के लिए सरकार ने 101 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है, जिससे छः हजार अनाथ बच्चे लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में गोद लेगी और उनकी शिक्षा, पॉकेट मनी आदि आवश्यकताएं पूरा करने के लिए धन उपलब्ध कराएगी.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने 17 साल की आयु में संजौली कालेज में कक्षा प्रतिनिधि का चुनाव लड़ा और अब उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेशवासियों की सेवा करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता सफलता के मूल मंत्र है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अपनी प्रतिभा से हर मुकाम हासिल कर सकते हैं और इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षक भी हर तरह से निपुण और सक्षम होते हैं. इससे पहले, मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार स्कूल पहुंचने पर सुखविंदर सिंह सुक्खू का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को भी सम्मानित किया और स्कूल की पत्रिका ‘ज्ञानेश्वरी’ का विमोचन भी किया.

तकनीकी संस्थानों में रोजगारपरक कोर्स शुरू किए जाएंगे: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि स्कूल के छात्रों के लिए यह गर्व की बात है कि यहां के छात्र सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी मेहनत और लगन से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के तकनीकी शिक्षा संस्थानों में रोजगारोन्मुखी कोर्स शुरू किए जाएंगे. आज स्किल्ड मैनपावर बढ़ाने की आवश्यकता है. स्कूल की प्रिसिंपल मीरा शर्मा ने इस अवसर पर वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी. इस दौरान स्कूल के छात्रों ने अपनी बचत से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए 11,000 रुपए भेंट किए.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के स्कूल के सहपाठी मनोहर वर्मा, प्रमोद शर्मा, राजेंद्र शांडिल, रमेश वर्मा, भूपिंदर कंवर, बालकृष्ण, मदन वर्मा, प्रमोद चौहान, कमल धौल्टा, आरडी जोशी, सी. जोशी, देवानंद वर्मा और सुरेंद्र चौहान उपस्थित रहे. इस मौके पर स्थानीय विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, मुख्यमंत्री की बहन संयोगिता ठाकुर, ओएसडी गोपाल शर्मा, सचिव शिक्षा अभिषेक जैन सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे.

ये भी पढे़ं: स्कूल से बंक मारकर देखते थे फिल्म, डंडे से होती थी पिटाई, CM सुक्खू ने बच्चों से साझा की अपनी स्कूल की यादें

अपने बचपन के स्कूल पहुंचे CM सुक्खू.

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल छोटा शिमला के वार्षिक समारोह में शामिल हुए. मुख्यमंत्री इसी स्कूल के छात्र रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस स्कूल को स्मार्ट स्कूल में बदलने के लिए 50 लाख रुपये देने का ऐलान किया. उन्होंने डिजिटल डिस्प्ले और ऑनलाइन व ऑफलाइन स्टडी की सुविधा के साथ स्कूल को स्मार्ट कक्षाओं में बदलने की भी घोषणा की.

उन्होंने कहा कि स्कूल में एक डिजिटल लाइब्रेरी और डिजिटल ऑफिस स्थापित किया जाएगा और इससे ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीकों से दाखिला छात्रों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि सभी घोषणाओं को दो महीने के भीतर कार्यान्वित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने स्कूल में छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले छात्रों के लिए 2 लाख रुपये देने का ऐलान भी किया.

शिक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिक्षा उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए बड़े फैसले ले रही है, जिससे की वे भविष्य की चुनौतियों का सामना कर अपना लक्ष्य हासिल कर सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को शिक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आगामी 10 वर्षों में पूरी शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार का पहला बजट शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने पर केंद्रित होगा. उन्होंने कहा कि छात्रों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

नए कोर्स शुरू करेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि समय बदल रहा है और राज्य सरकार बजट में शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ नए कोर्स शुरू करेगी ताकि छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार शिक्षा मिले. उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों की मदद के लिए सरकार ने 101 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शुरू की है, जिससे छः हजार अनाथ बच्चे लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में गोद लेगी और उनकी शिक्षा, पॉकेट मनी आदि आवश्यकताएं पूरा करने के लिए धन उपलब्ध कराएगी.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने 17 साल की आयु में संजौली कालेज में कक्षा प्रतिनिधि का चुनाव लड़ा और अब उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेशवासियों की सेवा करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता सफलता के मूल मंत्र है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अपनी प्रतिभा से हर मुकाम हासिल कर सकते हैं और इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षक भी हर तरह से निपुण और सक्षम होते हैं. इससे पहले, मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार स्कूल पहुंचने पर सुखविंदर सिंह सुक्खू का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को भी सम्मानित किया और स्कूल की पत्रिका ‘ज्ञानेश्वरी’ का विमोचन भी किया.

तकनीकी संस्थानों में रोजगारपरक कोर्स शुरू किए जाएंगे: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि स्कूल के छात्रों के लिए यह गर्व की बात है कि यहां के छात्र सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी मेहनत और लगन से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के तकनीकी शिक्षा संस्थानों में रोजगारोन्मुखी कोर्स शुरू किए जाएंगे. आज स्किल्ड मैनपावर बढ़ाने की आवश्यकता है. स्कूल की प्रिसिंपल मीरा शर्मा ने इस अवसर पर वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी. इस दौरान स्कूल के छात्रों ने अपनी बचत से मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष के लिए 11,000 रुपए भेंट किए.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के स्कूल के सहपाठी मनोहर वर्मा, प्रमोद शर्मा, राजेंद्र शांडिल, रमेश वर्मा, भूपिंदर कंवर, बालकृष्ण, मदन वर्मा, प्रमोद चौहान, कमल धौल्टा, आरडी जोशी, सी. जोशी, देवानंद वर्मा और सुरेंद्र चौहान उपस्थित रहे. इस मौके पर स्थानीय विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, मुख्यमंत्री की बहन संयोगिता ठाकुर, ओएसडी गोपाल शर्मा, सचिव शिक्षा अभिषेक जैन सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे.

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