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म्यांमार के रास्ते मणिपुर में दाखिल हुए प्रशिक्षित कुकी उग्रवादी, हाई अलर्ट पर सुरक्षा बल - Kuki Militants infiltrated Manipur

Kuki Militants infiltrated Manipur: मणिपुर के हालात को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ दिनों पहले कहा कि यहां के निवासियों को किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं होंगी. जरूरत का सारा सामान उपलब्ध होगा. पढ़ें पूरी खबर...

KUKI MILITANTS INFILTRATED MANIPUR
मणिपुर में कुकी उग्रवादी (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 21, 2024, 7:26 AM IST

Updated : Sep 21, 2024, 5:13 PM IST

इंफाल: मणिपुर में काफी महीनों से हिंसा जारी है. हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे. ताजा जानकारी के मुताबिक म्यांमार के रास्ते मणिपुर में प्रशिक्षित कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की खबर सामने आई है. इसी वजह से सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

इस मामले में मणिपुर सरकार के मुख्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स सहित केंद्रीय बलों को म्यांमार की सीमा से लगे जिलों -फेरजावल, तेंगनौपाल और कामजोंग में हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, सीआरपीएफ (CRPF) के पूर्व महानिदेशक सिंह ने कहा कि जब तक खुफिया जानकारी गलत साबित नहीं हो जाती, हम सीमावर्ती और संवेदनशील जिलों में नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर और उखरूल जिलों में भी सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सिंह ने कहा कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की गतिविधि की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

बता दें मुख्य सुरक्षा सलाहकार का यह बयान हाल ही में मिली खुफिया सूचनाओं के बाद आया है, जिसमें 28 सितंबर के आसपास मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा हमले की योजना बनाने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि 18 सितंबर को 'रणनीतिक ऑपरेशन समूह' की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें स्थिति से निपटने के लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. इस महत्वपूर्ण बैठक में सेना, असम राइफल्स और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य पुलिस के अधिकारी मौजूद थे. सिंह ने कहा कि मिश्रित आबादी वाले, परिधीय गांवों और उन स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे, जहां निर्माण गतिविधियां चल रही हैं.

उन्होंने कहा कि एडवांस एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर की तैनाती के चलते सुरक्षा बलों ने पिछले कुछ हफ्तों में 15 से 17 ड्रोन को सफलतापूर्वक पकड़ा है. हाल के सुरक्षा अभियानों में लगभग 28.5 किलोग्राम वजन के सात इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) भी बरामद किए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 6000 हथियारों में से लगभग 2681 बरामद किए गए, जिनमें से केवल 1200 लूटे गए हथियार हैं.

पूर्व सीआरपीएफ डीजी ने मणिपुर में सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और शांति और स्थिरता बनाए रखने में सामुदायिक समर्थन का आह्वान किया. एनआईए इस महीने की शुरुआत में मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में हुए ड्रोन हमले की जांच कर रही है, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और 11 अन्य घायल हो गए थे. इस बीच, मणिपुर के मंत्री एल. सुसिंड्रो के निजी सुरक्षा सहायक को शुक्रवार को इंफाल पूर्वी जिले में उनके आवास के पास अज्ञात हमलावरों ने अगवा कर लिया.

हिंसा के क्या हैं कारण
मणिपुर में हिंसा की मुख्य वजह दो गुटों कुकी और मैतेई के बीच की लड़ाई है. यहां मैतेई गुट घाटी में रहता है. वहीं, कुकी समुदाय पहाड़ियों में रहते हैं. लड़ाई के चलते दोनों गुटों के लोग एकदूसरे के इलाकों में नहीं जाते हैं, लेकिन फिर भी मौका पाकर ये लोग हमला कर देते हैं.

पढ़ें: मणिपुर में मंत्री के PA अपहरण, किसी समूह ने नहीं ली जिम्मेदारी; पुलिस कर रही जांच - Manipur Ministers PA abducted

इंफाल: मणिपुर में काफी महीनों से हिंसा जारी है. हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे. ताजा जानकारी के मुताबिक म्यांमार के रास्ते मणिपुर में प्रशिक्षित कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की खबर सामने आई है. इसी वजह से सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

इस मामले में मणिपुर सरकार के मुख्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स सहित केंद्रीय बलों को म्यांमार की सीमा से लगे जिलों -फेरजावल, तेंगनौपाल और कामजोंग में हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, सीआरपीएफ (CRPF) के पूर्व महानिदेशक सिंह ने कहा कि जब तक खुफिया जानकारी गलत साबित नहीं हो जाती, हम सीमावर्ती और संवेदनशील जिलों में नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर और उखरूल जिलों में भी सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सिंह ने कहा कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की गतिविधि की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

बता दें मुख्य सुरक्षा सलाहकार का यह बयान हाल ही में मिली खुफिया सूचनाओं के बाद आया है, जिसमें 28 सितंबर के आसपास मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा हमले की योजना बनाने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि 18 सितंबर को 'रणनीतिक ऑपरेशन समूह' की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें स्थिति से निपटने के लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. इस महत्वपूर्ण बैठक में सेना, असम राइफल्स और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य पुलिस के अधिकारी मौजूद थे. सिंह ने कहा कि मिश्रित आबादी वाले, परिधीय गांवों और उन स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे, जहां निर्माण गतिविधियां चल रही हैं.

उन्होंने कहा कि एडवांस एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर की तैनाती के चलते सुरक्षा बलों ने पिछले कुछ हफ्तों में 15 से 17 ड्रोन को सफलतापूर्वक पकड़ा है. हाल के सुरक्षा अभियानों में लगभग 28.5 किलोग्राम वजन के सात इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) भी बरामद किए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 6000 हथियारों में से लगभग 2681 बरामद किए गए, जिनमें से केवल 1200 लूटे गए हथियार हैं.

पूर्व सीआरपीएफ डीजी ने मणिपुर में सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और शांति और स्थिरता बनाए रखने में सामुदायिक समर्थन का आह्वान किया. एनआईए इस महीने की शुरुआत में मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में हुए ड्रोन हमले की जांच कर रही है, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और 11 अन्य घायल हो गए थे. इस बीच, मणिपुर के मंत्री एल. सुसिंड्रो के निजी सुरक्षा सहायक को शुक्रवार को इंफाल पूर्वी जिले में उनके आवास के पास अज्ञात हमलावरों ने अगवा कर लिया.

हिंसा के क्या हैं कारण
मणिपुर में हिंसा की मुख्य वजह दो गुटों कुकी और मैतेई के बीच की लड़ाई है. यहां मैतेई गुट घाटी में रहता है. वहीं, कुकी समुदाय पहाड़ियों में रहते हैं. लड़ाई के चलते दोनों गुटों के लोग एकदूसरे के इलाकों में नहीं जाते हैं, लेकिन फिर भी मौका पाकर ये लोग हमला कर देते हैं.

पढ़ें: मणिपुर में मंत्री के PA अपहरण, किसी समूह ने नहीं ली जिम्मेदारी; पुलिस कर रही जांच - Manipur Ministers PA abducted

Last Updated : Sep 21, 2024, 5:13 PM IST
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