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हिमाचल में प्लास्टिक का विकल्प तलाशेगी सरकार, एक साल में पॉलिसी होगी तैयार: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू - हिमाचल पाठ्यक्रम में शामिल होगा पर्यावरण का विषय

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य स्तरीय समारोह में शामिल हुए. इस अवसर पर सीएम ने लोगों से पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने में सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में पर्यावरण का विषय भी शामिल किया जाएगा. वहीं, सरकार उद्योगों को प्लास्टिक के विकल्प के लिए प्रोत्साहित करेगी.

CM Sukhwinder Singh
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
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Published : Jun 5, 2023, 7:21 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार उद्योगों को प्लास्टिक के विकल्प के लिए प्रोत्साहित करेगी और प्रदेश में प्लास्टिक पर चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार प्लास्टिक का विकल्प तलाशने के लिए एक वर्ष के भीतर नीति तैयार करेगी. उन्होंने सड़क निर्माण में प्लास्टिक के उपयोग पर बल दिया. उन्होंने कहा कि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम में संस्कृति और पर्यावरण संबंधित विषयों को सम्मिलित किया जाएगा.

'कई राज्य हिमाचल से अधिक पानी की कर रहे हैं मांग': मुख्यमंत्री ने लोगों से पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने में सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मौसम में बदलाव के दृष्टिगत देश में जल संकट बढ़ रहा है और कई राज्य हिमाचल से अधिक पानी की मांग कर रहे हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसको देखते हुए राज्य सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के लिए धन आवंटित करते हुए ग्रीन बजट प्रस्तुत किया है. इसके तहत आगामी तीन वर्षों में सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जाएगा. राज्य में सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

'ई-वाहनों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान': मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में ई-बसों, ई-ट्रकों और ई-टैक्सियों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है. इस पहल का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और परिवहन क्षेत्र में कार्यरत लोगों की आय में वृद्धि करना है. उन्होंने कहा कि ग्रीन कॉरिडोर स्थापित करने में हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है और इसके लिए अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को भी प्रोत्साहित कर रही है, जिससे निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2016 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में 9 महिला स्वयं सहायता समूहों को डोना-पत्तल मशीनें और 20 एकल नारियों को सोलर लाइटें प्रदान कीं. उन्होंने मिशन लाइफ का बैच और पोस्टर भी जारी किया. इस अवसर पर पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के प्रतीक के रूप में मुख्यमंत्री को रिसाइकिल प्लास्टिक से बनी जैकेट भेंट की गई. मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और अन्य संगठनों की प्रदर्शनी का भी शुभारंभ भी किया.

हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव चिंताजनक': जीआईजेड के क्लस्टर प्रमुख मोहम्मद अल खवाद ने हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर चिंता व्यक्त की. हिमाचल प्रदेश में इस समस्या के समाधान के लिए जीआईजेड चार प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से इस सक्रिय रूप कार्य कर रहा है. ये परियोजनाएं वन प्रबंधन, आर्द्रभूमि प्रबंधन, जल सुरक्षा और जल प्रबंधन पर केंद्रित हैं. जीआईजेड का लक्ष्य इन पहलों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन निपटना और क्षेत्र में सत्त प्रचलनों को बढ़ावा देना है.

'प्लास्टिक प्रदूषण चिंता का विषय': संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की एंबेसडर दीया मिर्जा ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया के हर कोने में पहुंच गया है. हर वर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक बाजार में पहुंचता है. इस खतरे से निपटने के लिए सरकार और उद्योगों को मिलकर सोचना होगा. प्लास्टिक मानव शरीर में प्रवेश कर गया है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाली सभी संस्थाओं से निरंतर कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि प्लास्टिक का विकल्प तलाश करना अनिवार्य है. इस अवसर पर पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक ललित जैन ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' विषय के साथ मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है और बेहतर कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए भी पुरस्कृत किया जाता है.

मुख्यमंत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर ओक ओवर, शिमला से एक पर्यावरण जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रैली में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर, संजौली और शिमला पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों के साथ-साथ शिमला नगर निगम के स्वयंसेवकों ने भाग लिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयासरत है. राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में महत्वाकांक्षी प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है. राज्य में युवाओं की पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, केवल सिंह पठानिया, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल सहित अधिकारी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिए पुरस्कार: विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यावरण संरक्षण और सत्त विकास की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न संगठनों को पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया. विजेताओं को प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 हजार रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई. स्कूल कैटेगिरी में डगराहां स्कूल जिला बिलासपुर को पहला, बघेरी स्कूल जिला सोलन को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया. गैर सरकारी संगठन की श्रेणी में मैसर्ज क्रिच क्लीनिंग प्राइवेट लिमिटेड, जिला कुल्लू को प्रथम जबकि पर्यावरण सोसायटी नाहन, जिला सिरमौर और जैव विविधता पार्क भुलाह, जिला मंडी को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया.

उद्योग श्रेणी में मेसर्ज ल्यूमिनस पावर टेक प्राइवेट लिमिटेड, गगरेट जिला ऊना ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि मेसर्ज नेस्ले इंडिया लिमिटेड टाहलीवाल, जिला ऊना और मेसर्ज फेरमेंटा बायोटेक लिमिटेड, जिला मंडी को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया. अस्पताल श्रेणी में नागरिक अस्पताल सुंदरनगर जिला मंडी को प्रथम, जबकि नागरिक अस्पताल सरकाघाट जिला मंडी ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया. व्यक्तिगत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जुब्बल जिला शिमला निवासी ओम प्रकाश शर्मा और द्वितीय पुरस्कार पंजेहटी जिला मंडी निवासी डॉ. तारा देवी को प्रदान किया गया. शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी में प्रथम पुरस्कार नगर परिषद सुजानपुर, जिला हमीरपुर और द्वितीय पुरस्कार नगर पंचायत अर्की, जिला सोलन को प्रदान किया गया. सीएम ने ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नारा लेखन, चित्रकला और निबंध लेखन के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया.

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शिमला: राजधानी शिमला में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार उद्योगों को प्लास्टिक के विकल्प के लिए प्रोत्साहित करेगी और प्रदेश में प्लास्टिक पर चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार प्लास्टिक का विकल्प तलाशने के लिए एक वर्ष के भीतर नीति तैयार करेगी. उन्होंने सड़क निर्माण में प्लास्टिक के उपयोग पर बल दिया. उन्होंने कहा कि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम में संस्कृति और पर्यावरण संबंधित विषयों को सम्मिलित किया जाएगा.

'कई राज्य हिमाचल से अधिक पानी की कर रहे हैं मांग': मुख्यमंत्री ने लोगों से पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने में सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मौसम में बदलाव के दृष्टिगत देश में जल संकट बढ़ रहा है और कई राज्य हिमाचल से अधिक पानी की मांग कर रहे हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसको देखते हुए राज्य सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के लिए धन आवंटित करते हुए ग्रीन बजट प्रस्तुत किया है. इसके तहत आगामी तीन वर्षों में सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जाएगा. राज्य में सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

'ई-वाहनों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान': मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में ई-बसों, ई-ट्रकों और ई-टैक्सियों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है. इस पहल का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और परिवहन क्षेत्र में कार्यरत लोगों की आय में वृद्धि करना है. उन्होंने कहा कि ग्रीन कॉरिडोर स्थापित करने में हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है और इसके लिए अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को भी प्रोत्साहित कर रही है, जिससे निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2016 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में 9 महिला स्वयं सहायता समूहों को डोना-पत्तल मशीनें और 20 एकल नारियों को सोलर लाइटें प्रदान कीं. उन्होंने मिशन लाइफ का बैच और पोस्टर भी जारी किया. इस अवसर पर पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के प्रतीक के रूप में मुख्यमंत्री को रिसाइकिल प्लास्टिक से बनी जैकेट भेंट की गई. मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और अन्य संगठनों की प्रदर्शनी का भी शुभारंभ भी किया.

हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव चिंताजनक': जीआईजेड के क्लस्टर प्रमुख मोहम्मद अल खवाद ने हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर चिंता व्यक्त की. हिमाचल प्रदेश में इस समस्या के समाधान के लिए जीआईजेड चार प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से इस सक्रिय रूप कार्य कर रहा है. ये परियोजनाएं वन प्रबंधन, आर्द्रभूमि प्रबंधन, जल सुरक्षा और जल प्रबंधन पर केंद्रित हैं. जीआईजेड का लक्ष्य इन पहलों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन निपटना और क्षेत्र में सत्त प्रचलनों को बढ़ावा देना है.

'प्लास्टिक प्रदूषण चिंता का विषय': संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की एंबेसडर दीया मिर्जा ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया के हर कोने में पहुंच गया है. हर वर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक बाजार में पहुंचता है. इस खतरे से निपटने के लिए सरकार और उद्योगों को मिलकर सोचना होगा. प्लास्टिक मानव शरीर में प्रवेश कर गया है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाली सभी संस्थाओं से निरंतर कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि प्लास्टिक का विकल्प तलाश करना अनिवार्य है. इस अवसर पर पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक ललित जैन ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' विषय के साथ मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है और बेहतर कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए भी पुरस्कृत किया जाता है.

मुख्यमंत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर ओक ओवर, शिमला से एक पर्यावरण जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रैली में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर, संजौली और शिमला पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों के साथ-साथ शिमला नगर निगम के स्वयंसेवकों ने भाग लिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयासरत है. राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में महत्वाकांक्षी प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है. राज्य में युवाओं की पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, केवल सिंह पठानिया, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल सहित अधिकारी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिए पुरस्कार: विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यावरण संरक्षण और सत्त विकास की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न संगठनों को पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया. विजेताओं को प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 हजार रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई. स्कूल कैटेगिरी में डगराहां स्कूल जिला बिलासपुर को पहला, बघेरी स्कूल जिला सोलन को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया. गैर सरकारी संगठन की श्रेणी में मैसर्ज क्रिच क्लीनिंग प्राइवेट लिमिटेड, जिला कुल्लू को प्रथम जबकि पर्यावरण सोसायटी नाहन, जिला सिरमौर और जैव विविधता पार्क भुलाह, जिला मंडी को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया.

उद्योग श्रेणी में मेसर्ज ल्यूमिनस पावर टेक प्राइवेट लिमिटेड, गगरेट जिला ऊना ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि मेसर्ज नेस्ले इंडिया लिमिटेड टाहलीवाल, जिला ऊना और मेसर्ज फेरमेंटा बायोटेक लिमिटेड, जिला मंडी को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया. अस्पताल श्रेणी में नागरिक अस्पताल सुंदरनगर जिला मंडी को प्रथम, जबकि नागरिक अस्पताल सरकाघाट जिला मंडी ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया. व्यक्तिगत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जुब्बल जिला शिमला निवासी ओम प्रकाश शर्मा और द्वितीय पुरस्कार पंजेहटी जिला मंडी निवासी डॉ. तारा देवी को प्रदान किया गया. शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी में प्रथम पुरस्कार नगर परिषद सुजानपुर, जिला हमीरपुर और द्वितीय पुरस्कार नगर पंचायत अर्की, जिला सोलन को प्रदान किया गया. सीएम ने ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नारा लेखन, चित्रकला और निबंध लेखन के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया.

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