शिमला : हिमाचल प्रदेश में चल रहे सीमेंट विवाद के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए दबाव का असर अब दिखने लगा है और यही वजह है कि अडानी की ओर से ट्रक ऑपरेटर्स से साथ बैठक की गई है.
मेरे सीएम बनने के 4 दिन बाद से फैक्ट्रियां बंद- सीएम सुक्खू ने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के 4 दिन बाद से ही अडानी की दो सीमेंट फैक्ट्रियां बंद हैं. कंपनी ने ट्रक मालभाड़े का हवाला देकर ये कदम उठाया है. पिछले करीब 2 महीने के दौरान बातचीत और बैठकों का दौर चला है और जल्द ही इस मसले को सुलझा लिया जाएगा. इस विवाद को सुलझाने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की जिम्मेदारी लगाई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इसमें कोई समस्या आती है तो उद्योग मंत्री के साथ मिलकर हल निकालेंगे.
सरकार के दबाव का नतीजा- खबर है कि अडानी कंपनी के प्रतिनिधियों ने रविवार को हरियाणा के पंचकूला में बिलासपुर के दाड़लाघाट स्थित एसीसी सीमेंट के ट्रक ऑपरेटर्स के साथ बातचीत की है. हालांकि बैठक में कोई हल नहीं निकला है और आगे भी बैठक होने के आसार हैं. जिसपर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हाल ही में ट्रक ऑपरेटरों की अडानी समूह से बातचीत सरकार के दबाव का नतीजा है. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही यह विवाद सुलझेगा. सीएम ने कहा कि उन्होंने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को सीमेंट मामले को सुलझाने की जिम्मेवारी दी है.
ट्रक ऑपरेटर्स के हितों की सुरक्षा करेंगे- शिमला में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि हिमाचल के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. साथ ही सरकार ट्रक आपरटेरों के हितों की भी सुरक्षा करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनने के चार दिन बाद ही अडानी में सीमेंट प्लांट बंद कर दिए थे. उन्होंने कहा कि सरकार इस समस्या को लेकर गंभीर है.
15 दिसंबर से बंदी पड़ी हैं सीमेंट फैक्ट्रियां- अडानी समूह ने सोलन जिले के दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री और बिलासपुर जिले के बरमाणा की एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में उत्पादन बंद कर रखा है. अडानी समूह इसके लिए घाटे का हवाला दे रहा है और इसके लिए वह मालभाड़ा एक बड़ी वजह बता रहा है. अडानी समूह के मुताबिक ट्रकों द्वारा सीमेंट की ढुलाई बहुत महंगी पड़ रही है. अडानी समूह मालभाड़ा कम करने के लिए ट्रक ऑपरेटरों दबाव बना रहा है. हालांकि ट्रक ऑपरेटर कुछ भाड़ा कम करने को तैयार हैं लेकिन अडानी जितना भाड़ा देने की बात कर रहा है उसको लेकर वे भी तैयार नहीं है, इस तरह यह विवाद अभी जारी है.
हालांकि इस पूरे विवाद को सुलझाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. कई दौरों की बातचीत इसको लेकर हो चुकी है. लेकिन अडानी समूह झुकने को तैयार नहीं है. अब सरकार अडानी की कंपनी की माइनिंग की जांच कर रही है. इसके साथ ही कार्रवाई के कई अन्य विकल्पों को भी देख रही है. इसके बाद अब फैक्ट्ररी प्रबंधनों की ट्रक आपरेटरों के साथ बातचीत हुई है. हालांकि अभी कोई नहीं निकल पाया है.
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