शिमला: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा इन दिनों सियासी जंग का मुद्दा बन गई है. जहां सत्ता पक्ष केंद्र सरकार पर संकट के इस घड़ी में मदद नहीं करने का आरोप लगा रहा है. वहीं, विपक्ष केंद्र से हिमाचल को तीन बार सहायत मिलने की बात कह रहा है. जिसको लेकर दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं, बीते दिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा को लेकर कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह सहित प्रदेश के चारों सांसदों को कटघरे में खड़ा किया. जिसको लेकर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है.
गौरतलब है कि सीएम ने कहा मैं तो अपने चारों सांसदों से पूछना चाहता हूं कि जिनकी वोटे लेकर आप पार्लियामेंट में बैठे हैं. वो क्यूं नहीं मिलते हैं. यहां से चार सांसद सदस्य से चुनकर गए हैं. उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए कि पिछले एक महीने से राज्य में आपदा का कहर बरपा हुआ है, कभी उन्होंने ने संसद में यह बात उठाई है. कभी चारों सांसद मिलकर प्रधानमंत्री के पास गए हैं और कहा है कि राज्य पर आज विपदा आई है. चुनाव होते रहते हैं, एलेक्शन लड़े जाते हैं. विधानसभा सत्र में दोषारोपण भी होता हैं, लेकिन आज समय है कि हम सब को मिलकर हिमाचल के हित के लिए काम करना चाहिए.
वहीं, सीएम सुक्खू के सांसदों पर सवाल खड़े करने पर बीजेपी के सांसद सुरेश कश्यप ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा सीएम का इशारा उनके अपने सांसद प्रतिभा सिंह पर था, लेकिन वह उस बहाने हमकों भी उसमें लपेटना चाह रहे थे. सुरेश कश्यप ने कहा सीएम सुक्खू आपको मालूम होने चाहिए कि आपका ही जो एक घमंडिया संगठन बना है, लोकसभा क्या उन्होंने चलने दी. पहले दिन से ही विपक्षी सांसदों ने निरंतर व्यवधान संसद में बनाए रखा.
उन्होंने कहा हमारी सरकार मणिपुर सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन कांग्रेस और उनके समर्थित दलों ने संसद को चलने ही नहीं दिया. इस बात की जानकारी सीएम को होनी चाहिए कि उनकी सांसद प्रतिभा सिंह ने भी कहा कि वह संसद में मुद्दा रखना चाहती थी, लेकिन संसद चल नहीं पाई और संसद को किसने चलने नहीं दिया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है, ये देश और प्रदेश की जनता भी जानती है.