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Himachal Water Cess Commission: सीएम सुक्खू ने वाटर सेस कमीशन के अध्यक्ष और सदस्यों को दिलाई शपथ

हिमाचल सरकार ने पनबिजली परियोजनाओं पर सेस लगाने के लिए वाटर सेस कमीशन का गठन किया. वहीं, सोमवार को सीएम सुक्खू ने कमीशन के अध्यक्ष और तीन सदस्यों को शपथ दिलाई. (Himachal Water Cess Commission) (Himachal Water Cess Commission chairman and members)(Water Cess Commission Chairman Amitabh Awasthi)

Himachal Water Cess Commission
सीएम सुक्खू ने वाटर सेस कमीशन के अध्यक्ष और सदस्यों को दिलाई शपथ
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Published : Aug 8, 2023, 8:33 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने राज्य में पनबिजली परियोजनाओं पर सेस लगाने के लिए वाटर सेस कमीशन का गठन किया है. इसमें एक चेयरमैन और तीन सदस्यों की हाल ही में सरकार ने नियुक्ति की थी. सोमवार को इन चारों को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शपथ दिलाई.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वाटर सेस कमीशन के अध्यक्ष अमिताभ अवस्थी को शपथ दिलाई. वहीं, उन्होंने आयोग के सदस्यों एचएम धरेवला, अरुण शर्मा और जोगिंद्र सिंह को भी शपथ दिलाई. इस दौरान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव जल शक्ति ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

आय बढ़ाने के लिए सरकार ने लगाया वाटर सेस: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने आय के संसाधन जुटाने के लिए पहली बार राज्य में चल रहे पावर प्रोजेक्ट पर वाटर सेस लगाया है. इसके लिए बाकायदा विधानसभा के बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश वाटर सेस ऑन हाइड्रो पावर जनरेशन एक्ट 2023 बनाया गया है. प्रदेश में करीब 172 छोटे-बड़े हाइडल प्रोजेक्ट्स हैं. इन सभी पर वाटर सेस लगाया जा चुका है. एक अनुमान के मुताबिक सालाना करीब 4 हजार करोड़ रुपए वाटर सेस से जुटाने की संभावना प्रदेश में है.

हालांकि, कुछ ने अदालत में चुनौती दी है. वहीं केंद्र सरकार ने भी वाटर सेस को लेकर हिमाचल सरकार को पत्र लिखे हैं, जिसमें सेस लगाने पर सवाल उठाए गए हैं. इस बीच वाटर सेस लगाने के लिए सरकार ने वाटर सेस कमीशन का गठन किया है. जिसमें चेयरमैन और सदस्यों को नियुक्तियां कर दी गई हैं. चेयरमैन और सदस्य की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी हैं. वाटर कमीशन का मुख्यालय शिमला में रखा गया है.

ये भी पढ़ें: Himachal Flood Side Effect : आपदा में आटा गीला, ₹1000 की बोरी ₹800 किराया, घर पहुंचने तक हर चीज के दोगुने हो रहे दाम

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने राज्य में पनबिजली परियोजनाओं पर सेस लगाने के लिए वाटर सेस कमीशन का गठन किया है. इसमें एक चेयरमैन और तीन सदस्यों की हाल ही में सरकार ने नियुक्ति की थी. सोमवार को इन चारों को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शपथ दिलाई.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वाटर सेस कमीशन के अध्यक्ष अमिताभ अवस्थी को शपथ दिलाई. वहीं, उन्होंने आयोग के सदस्यों एचएम धरेवला, अरुण शर्मा और जोगिंद्र सिंह को भी शपथ दिलाई. इस दौरान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव जल शक्ति ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

आय बढ़ाने के लिए सरकार ने लगाया वाटर सेस: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने आय के संसाधन जुटाने के लिए पहली बार राज्य में चल रहे पावर प्रोजेक्ट पर वाटर सेस लगाया है. इसके लिए बाकायदा विधानसभा के बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश वाटर सेस ऑन हाइड्रो पावर जनरेशन एक्ट 2023 बनाया गया है. प्रदेश में करीब 172 छोटे-बड़े हाइडल प्रोजेक्ट्स हैं. इन सभी पर वाटर सेस लगाया जा चुका है. एक अनुमान के मुताबिक सालाना करीब 4 हजार करोड़ रुपए वाटर सेस से जुटाने की संभावना प्रदेश में है.

हालांकि, कुछ ने अदालत में चुनौती दी है. वहीं केंद्र सरकार ने भी वाटर सेस को लेकर हिमाचल सरकार को पत्र लिखे हैं, जिसमें सेस लगाने पर सवाल उठाए गए हैं. इस बीच वाटर सेस लगाने के लिए सरकार ने वाटर सेस कमीशन का गठन किया है. जिसमें चेयरमैन और सदस्यों को नियुक्तियां कर दी गई हैं. चेयरमैन और सदस्य की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी हैं. वाटर कमीशन का मुख्यालय शिमला में रखा गया है.

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