शिमला: देश भर में स्वतंत्रता का आंदोलन चलाने वाले लाला लाजपत राय आज ही के दिन शहीद हुए थे. 17 नवंबर 1928 को अंग्रेजों ने जनता पर लाठियां बरसाई. लाठियों के वार के कारण लाला लाजपत राय शहीद हो गए थे.
इस अवसर शिमला के स्कैंडल प्वाइंट पर बनी लाला लाजपत राय की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फूल माला अर्पित की. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि लाला लाजपत राय ने अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया. स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में लाला लाजपत राय का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस देश के नाम कर दी. सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि स्कैंडल प्वाइंट पर लगी लाला लाजपतराय की प्रतिमा शिमला की पहली प्रतिमा है. इसका शिमला में अपना ही महत्व है.
देश के स्वतंत्रता आंदोलन में लाला लाजपत राय का महत्वपूर्ण योगदान रहा. 3 फरवरी 1928 को साइमन कमीशन के भारत आने पर पूरे देश में उसके विरोध में आग भड़की थी. लाला लाजपतराय ने इसके विरोध में लाहौर में आयोजित बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया और अंग्रेजों की हुकूमत को हिला दिया. इस आंदोलन में अंग्रेजों ने जनता पर लाठियां बरसाई. लाठियों के वार के कारण लाला लाजपतराय 17 नवंबर 1928 को शहीद हो गए थे.
लाला लाजपत राय के नेतृत्व में असहयोग आदोलन पंजाब में पूरी तरह से सफल रहा. इस कारण लाला लाजपतराय को पंजाब का शेर व पंजाब केसरी के नाम से पुकारा जाने लगा. लाला लाजपत राय युवाओं के प्रेरणास्रोत थे. उनसे प्रेरित होकर ही भगत सिंह, उधम सिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि देशभक्तों ने अंग्रेजों से लोहा लिया था.
लाला लाजपत राय ने पंजाब में पंजाब नेशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कंपनी की स्थापना भी की थी. लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन प्रमुख हिंदू राष्ट्रवादी नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे. बता दें कि लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में हुआ था.
30 अक्टूबर 1928 को लाला लाजपत राय ने लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ आयोजित एक विशाल प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस दौरान लाठी-चार्ज में वे बुरी तरह से घायल हो गए. इन्हीं चोटों की वजह से 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया.
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