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विधायक प्राथमिकता बैठक की है अपनी गरिमा, नहीं बनना चाहिए राजनीतिक अखाड़ाः CM - साल 2020-21 में 926.24 करोड़ रुपये स्वीकृत

विधायक प्राथमिकता बैठक पर नेता प्रतिपक्ष के बयान पर सीएम जयराम ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक बजट सत्र से पहले होती है, लेकिन महत्वपूर्ण होती है. जयराम ठाकुर ने कहा कि इस बैठक में प्रदेश के विकास पर चर्चा की जाती है. नेता विपक्ष ने बैठक के दौरान भी कुछ कहना चाहा था. बहुत से विषय छेड़ने की कोशिश की.

MLA priority meeting Should not be political arena said cm jairam thakur
विधायक प्राथमिकता बैठक की है अपनी गरिमा
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Published : Feb 9, 2021, 7:01 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 7:18 PM IST

शिमलाः नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के विधायक प्राथमिकता बैठक को महज औपचारिकता बताने पर सीएम जयराम ने प्रतिक्रिया दी है. जयराम ठाकुर ने कहा कि इस बैठक में प्रदेश के विकास पर चर्चा की जाती है. नेता विपक्ष ने बैठक के दौरान भी कुछ कहना चाहा था. बहुत से विषय छेड़ने की कोशिश की, लेकिन हमने कहा कि यह बैठक विकासात्मक परियोजनाओं पर चर्चा करने की है. इस बैठक की अपनी गरिमा है. यह राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनना चाहिए. विधानसभा में बोलना अलग बात है.

विधायक प्राथमिकता बैठक महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक बजट सत्र से पहले होती है, लेकिन महत्वपूर्ण होती है. उनकी डीपीआर की प्रक्रिया उसके बाद चलती है. विलंब की वजह कुछ स्थानों पर अधिकारियों के कारण होता है, लेकिन फॉरेस्ट की क्लीयरेंस के कारण विकास कार्यों में रूकावट आ रही है. उसमें हम गति लाना चाह रहे हैं. पिछली सरकार की तुलना हमने डीपीआर बहुत ज्यादा बनाई है और बजट का प्रावधान भी बहुत अधिक किया है.

वीडियो.

विधायकों के सुझावों को बजट में शामिल करना उद्देश्य

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा और हमीरपुर जिला के विधायकों की विधायक प्राथमिकता की बैठक के पहले सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वार्षिक बजट से पहले हर साल योजना की बैठक आयोजित की जाती है. ताकि विधायकों के सुझावों और प्राथमिकताओं को बजट में शामिल किया जा सके. अपने तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान वर्तमान राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि विधायकों की विकासात्मक आकांक्षाओं के अनुरुप नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार किया जाए.

कोरोना ने विश्व की अर्थव्यवस्था पर डाला प्रतिकूल प्रभाव

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. प्रदेश के विधायकों ने इस महामारी से लड़ने के लिए अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा दान करने के अलावा अपने क्षेत्र के लोगों को सीएम कोविड फंड के प्रति उदारता से दान करने के लिए प्रेरित किया, जो प्रशंसनीय है.

साल 2020-21 में 926.24 करोड़ रुपये स्वीकृत

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकताओं के लिए साल 2020-21 में 926.24 करोड़ रुपये की 251 परियोजनाएं स्वीकृत की गई है. इसमें 565.52 करोड़ रुपये सड़कों व पुलों के निर्माण, जबकि 360.72 करोड़ रुपये लघु सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं के लिए मंजूर किए गए हैं.

तीन वर्ष की अवधि में 21 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की पूर्व सरकार के पहले तीन वर्ष के कार्यकाल में वार्षिक योजना आकार के लिए 13 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी तीन वर्ष की अवधि में 21 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

ये भी पढ़ें: माकपा के जिला सचिव ने सरकार से की मांग, कहाः बर्फबारी के बाद मूलभूत सुविधाएं की जाए बहाल

शिमलाः नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के विधायक प्राथमिकता बैठक को महज औपचारिकता बताने पर सीएम जयराम ने प्रतिक्रिया दी है. जयराम ठाकुर ने कहा कि इस बैठक में प्रदेश के विकास पर चर्चा की जाती है. नेता विपक्ष ने बैठक के दौरान भी कुछ कहना चाहा था. बहुत से विषय छेड़ने की कोशिश की, लेकिन हमने कहा कि यह बैठक विकासात्मक परियोजनाओं पर चर्चा करने की है. इस बैठक की अपनी गरिमा है. यह राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनना चाहिए. विधानसभा में बोलना अलग बात है.

विधायक प्राथमिकता बैठक महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक बजट सत्र से पहले होती है, लेकिन महत्वपूर्ण होती है. उनकी डीपीआर की प्रक्रिया उसके बाद चलती है. विलंब की वजह कुछ स्थानों पर अधिकारियों के कारण होता है, लेकिन फॉरेस्ट की क्लीयरेंस के कारण विकास कार्यों में रूकावट आ रही है. उसमें हम गति लाना चाह रहे हैं. पिछली सरकार की तुलना हमने डीपीआर बहुत ज्यादा बनाई है और बजट का प्रावधान भी बहुत अधिक किया है.

वीडियो.

विधायकों के सुझावों को बजट में शामिल करना उद्देश्य

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा और हमीरपुर जिला के विधायकों की विधायक प्राथमिकता की बैठक के पहले सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वार्षिक बजट से पहले हर साल योजना की बैठक आयोजित की जाती है. ताकि विधायकों के सुझावों और प्राथमिकताओं को बजट में शामिल किया जा सके. अपने तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान वर्तमान राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि विधायकों की विकासात्मक आकांक्षाओं के अनुरुप नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार किया जाए.

कोरोना ने विश्व की अर्थव्यवस्था पर डाला प्रतिकूल प्रभाव

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. प्रदेश के विधायकों ने इस महामारी से लड़ने के लिए अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा दान करने के अलावा अपने क्षेत्र के लोगों को सीएम कोविड फंड के प्रति उदारता से दान करने के लिए प्रेरित किया, जो प्रशंसनीय है.

साल 2020-21 में 926.24 करोड़ रुपये स्वीकृत

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकताओं के लिए साल 2020-21 में 926.24 करोड़ रुपये की 251 परियोजनाएं स्वीकृत की गई है. इसमें 565.52 करोड़ रुपये सड़कों व पुलों के निर्माण, जबकि 360.72 करोड़ रुपये लघु सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं के लिए मंजूर किए गए हैं.

तीन वर्ष की अवधि में 21 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की पूर्व सरकार के पहले तीन वर्ष के कार्यकाल में वार्षिक योजना आकार के लिए 13 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी तीन वर्ष की अवधि में 21 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

ये भी पढ़ें: माकपा के जिला सचिव ने सरकार से की मांग, कहाः बर्फबारी के बाद मूलभूत सुविधाएं की जाए बहाल

Last Updated : Feb 9, 2021, 7:18 PM IST
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