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हिमाचल में ग्रामीणों को मिला आवास योजनाओं का लाभ: CM जयराम ठाकुर

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Published : Sep 23, 2020, 4:57 PM IST

सीएम जयराम ठाकुर ने आवास योजनाओं के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि हिमाचल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हर लाभार्थी को घर निर्माण के लिए एक लाख 50 हजार रुपए दिए जा रहे हैं.

Jairam Thakur
जयराम ठाकुर

शिमला: हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पात्र लोगों को राज्य सरकार की अलग-अलग आवास योजनाओं का बेहतर लाभ मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना में उल्लेखनीय काम करने के लिए हिमाचल को देश भर में पहला स्थान भी मिल चुका है.

कोरोना काल में भी आवास योजनाओं का काम रुका नहीं है. प्रदेश में अढ़ाई साल के कार्यकाल में अब तक दस हजार मकानों का निर्माण कर पात्र लोगों को सौंपा गया है. सरकार ने इसी वित्त वर्ष में दस हजार नए आवास बनाने का लक्ष्य तय किया है. कोरोना संकट के दौरान जुलाई महीने में सीएम जयराम ठाकुर ने आवास योजनाओं के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि हिमाचल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हर लाभार्थी को घर निर्माण के लिए एक लाख 50 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. शुरू में यह राशि एक लाख 30 हजार रुपए थी. वर्तमान वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 20 हजार रुपए की बढ़ोतरी की गई है.

वीडियो

प्रदेश सरकार ने राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंद और गरीब लोगों की सुविधा के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 10 हजार नए घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है .गत वित्त वर्ष इन योजनाओं के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों की तुलना में यह लक्ष्य लगभग दोगुना है. सरकार ने इन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को अपना घर बनाने के लिए मनरेगा के अंतर्गत 95 दिन काम करने की अनुमति प्रदान की है.

पूर्व में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केवल सामान्य श्रेणी के बीपीएल परिवारों को ही घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी, लेकिन वर्ष 2018-19 में वर्तमान सरकार ने सभी श्रेणियों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का फैसला लिया है.

मुख्यमंत्री ने विभिन्न आवास योजनाओं के जरिए घर हासिल करने वाले लाभार्थियों से बात भी की थी. मंडी के दुनीचंद, ऊना के गुरचरन, शिमला की शकुंतला देवी, किन्नौर की महाबौध, लाहौल-स्पीति के हीरालाल, सोलन के चमनलाल, बिलासपुर के शिवेंद्र राणा, चंबा की शीतल, कुल्लू के जोगेंद्र सिंह, हमीरपुर की सुमना देवी, कांगड़ा के अभिनव कुमार और जिला सिरमौर के अमित कुमार ने मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान अपना घर होने की खुशी साझा की थी.

सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्धन एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को भवन निर्माण के लिए 1.50 लाख की राशि प्रदान की जा रही है. अब तक इस योजना के लाभार्थियों का आंकड़ा 4 हजार 618 से अधिक हो गया है. सरकार ने इस वर्ष 10 हजार मकानों को बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कांगड़ा ब्लॉक की हलेड़कलां पंचायत के अभिनव को 2018-19 में एक लाख 30 हजार रुपये का अनुदान मिला था. इस राशि से अभिनव ने दो कमरों के मकान के साथ शौचालय का निर्माण किया है. लाभार्थी के परिवार में उसकी पत्नी व बेटी सहित मां रहती हैं. वह कांगड़ा बाजार में फुटवेयर की दुकान में काम करता है. इसी तरह कई आवासहीन लोगों के सपने पूरे हुए हैं.

कोरोना संकट के दौर में भी केंद्र से मिली उदार सहायता और चौदहवें वित्तायोग की सिफारिशों से प्रदेश को मिली आर्थिक मदद से आवास योजनाओं व अन्य कल्याणकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए प्रदेश के समक्ष कोई संकट नहीं आया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अनुसार राज्य में मौजूदा वित्त वर्ष के दस हजार मकानों के लक्ष्य को समय पर पूरा किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: केलांग में रात्रि विश्राम कर सकते हैं PM, मुख्यमंत्री ने लाहौल में लिया तैयारियों का जायजा

शिमला: हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पात्र लोगों को राज्य सरकार की अलग-अलग आवास योजनाओं का बेहतर लाभ मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना में उल्लेखनीय काम करने के लिए हिमाचल को देश भर में पहला स्थान भी मिल चुका है.

कोरोना काल में भी आवास योजनाओं का काम रुका नहीं है. प्रदेश में अढ़ाई साल के कार्यकाल में अब तक दस हजार मकानों का निर्माण कर पात्र लोगों को सौंपा गया है. सरकार ने इसी वित्त वर्ष में दस हजार नए आवास बनाने का लक्ष्य तय किया है. कोरोना संकट के दौरान जुलाई महीने में सीएम जयराम ठाकुर ने आवास योजनाओं के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि हिमाचल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हर लाभार्थी को घर निर्माण के लिए एक लाख 50 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. शुरू में यह राशि एक लाख 30 हजार रुपए थी. वर्तमान वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 20 हजार रुपए की बढ़ोतरी की गई है.

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प्रदेश सरकार ने राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंद और गरीब लोगों की सुविधा के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 10 हजार नए घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है .गत वित्त वर्ष इन योजनाओं के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों की तुलना में यह लक्ष्य लगभग दोगुना है. सरकार ने इन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को अपना घर बनाने के लिए मनरेगा के अंतर्गत 95 दिन काम करने की अनुमति प्रदान की है.

पूर्व में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केवल सामान्य श्रेणी के बीपीएल परिवारों को ही घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी, लेकिन वर्ष 2018-19 में वर्तमान सरकार ने सभी श्रेणियों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का फैसला लिया है.

मुख्यमंत्री ने विभिन्न आवास योजनाओं के जरिए घर हासिल करने वाले लाभार्थियों से बात भी की थी. मंडी के दुनीचंद, ऊना के गुरचरन, शिमला की शकुंतला देवी, किन्नौर की महाबौध, लाहौल-स्पीति के हीरालाल, सोलन के चमनलाल, बिलासपुर के शिवेंद्र राणा, चंबा की शीतल, कुल्लू के जोगेंद्र सिंह, हमीरपुर की सुमना देवी, कांगड़ा के अभिनव कुमार और जिला सिरमौर के अमित कुमार ने मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान अपना घर होने की खुशी साझा की थी.

सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्धन एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को भवन निर्माण के लिए 1.50 लाख की राशि प्रदान की जा रही है. अब तक इस योजना के लाभार्थियों का आंकड़ा 4 हजार 618 से अधिक हो गया है. सरकार ने इस वर्ष 10 हजार मकानों को बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कांगड़ा ब्लॉक की हलेड़कलां पंचायत के अभिनव को 2018-19 में एक लाख 30 हजार रुपये का अनुदान मिला था. इस राशि से अभिनव ने दो कमरों के मकान के साथ शौचालय का निर्माण किया है. लाभार्थी के परिवार में उसकी पत्नी व बेटी सहित मां रहती हैं. वह कांगड़ा बाजार में फुटवेयर की दुकान में काम करता है. इसी तरह कई आवासहीन लोगों के सपने पूरे हुए हैं.

कोरोना संकट के दौर में भी केंद्र से मिली उदार सहायता और चौदहवें वित्तायोग की सिफारिशों से प्रदेश को मिली आर्थिक मदद से आवास योजनाओं व अन्य कल्याणकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए प्रदेश के समक्ष कोई संकट नहीं आया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अनुसार राज्य में मौजूदा वित्त वर्ष के दस हजार मकानों के लक्ष्य को समय पर पूरा किया जाएगा.

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