शिमला: कोरोना संकट के बीच हिमाचल में सियासत भी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर तीखे हमला किया है. जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर सवाल दागा कि जमीन पर पार्टी कार्यकर्ता कोरोना प्रभावितों की मदद करते तो दिखाई नहीं दिए. फिर हाईकमान को 12 करोड़ रुपए खर्च करने संबंधी पत्र भेजने की जरूरत क्या थी. गुरुवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद मीडिया से मुखातिब हुए मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के समय में भी विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
विपक्ष राजनीति से बाज नहीं आ रहा- CM
सीएम जयराम ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीतिक लड़ाई तो बाद में भी लड़ी जा सकती है, यह समय कोरोना से जंग का है. जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष राजनीति से बाज नहीं आ रहा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हाल ही में एक पत्र लीक हुआ है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हाईकमान को लिख रहे हैं ,कि हिमाचल में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कोरोना प्रभावितों के लिए 12 करोड़ मदद के तौर पर जुटाए. पत्र में मास्क, सेनिटाइजर और अन्य मदद का हवाला दिया गया, लेकिन धरातल पर यह मदद उन्हें तो दिखी नहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस हाईकमान से यह 12 करोड़ रुपए लेकर कहां इस्तेमाल करना चाहती है. मुख्यमंत्री ने अफसोस जताया कि ऐसे कठिन समय में भी कांग्रेस के नेता राजनीति ही कर रहे हैं.
कांग्रेस नेताओं में आपस में खींचतान- CM
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के नेता सरकार के खिलाफ आंदोलन की धमकी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ऐसा चाहती है, तो आंदोलन करे. भाजपा सरकार को कोई परवाह नहीं. सरकार ने कोरोना के खिलाफ सफल लड़ाई लड़ी. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश की. लेकिन हाईकोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई.
जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने बजट सत्र के दौरान भी कहा था कि पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपी. सीबीआई की जांच के बाद रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई. इस परीक्षा में कोई अनियमितता नहीं पाई गई. अब विपक्ष के पास क्या जवाब है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में आपस में ही नेताओं के बीच कंपीटिशन चल रहा है. कांग्रेस के नेता अलग-अलग मेमोरेंडम देते हैं. उनके दल में आपस में ही खींचतान मची है.
बर्दाश्त नहीं होगा भ्रष्टाचार- CM
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में यदि कोई भ्रष्टाचार की बात करता है तो इससे बड़ा कोई पाप नहीं. उन्होंने साफ कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है. जो भी ऐसा करने की सोचेगा, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने उदाहरण दिया कि पहले सेनिटाइजर घोटाले का जिक्र हुआ तो तुरंत सरकार ने जांच की और अधीक्षक रैंक के अधिकारी को सस्पेंड किया. इसी तरह स्वास्थ्य निदेशक (निलंबित) से जुड़ा ऑडियो वायरल हुआ तो सरकार ने मामला दर्ज किया. जांच एजेंसी पड़ताल कर रही है. निदेशक को सस्पेंड किया गया. ऐसा फैसला वही सरकार कर सकती है, जिसकी नीयत साफ हो.