शिमला: शुक्रवार को मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह से प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को 540 करोड़ रुपये के ऋण प्रदान करने का आग्रह किया. जिससे मार्च और अप्रैल माह की देनदारियां पूरी की जा सके.
मुख्यमंत्री ने राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम 350 करोड़ रुपये अनुदान देने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आरईसी/पीएफसी के माध्यम से होने वाले ऋणों पर ब्याज दरों को भी कम करने का आग्रह किया.
सीएम ने डिस्कॉम की नकदी समस्याओं का संज्ञान लेते हुए 90 हजार करोड़ रुपये की नकदी डालने का निर्णय लेने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का धन्यवाद भी किया. मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि जनकोस व ट्रांसकोज के 31 मार्च 2020 तक के देय भुगतान पर ही डिस्कॉम्स वित्तीय सहायता के लिए पात्र होगा.
उन्होंने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड और डिस्कॉम ने मार्च 2020 तक अपनी देनदारियों का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब मार्च और अप्रैल 2020 तक 540 करोड़ रुपये की देनदारियां लंबित हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन से प्रभावित ओद्यौगिक ईकाइयों, आर्थिक प्रतिष्ठानों, होटलों और रेस्तरां को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने छूट और डिमांड चार्जेस को टालने के माध्यम से 47 करोड़ रुपये की राहत दी है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए बिजली के बिल जमा करने की तिथि को कई बार बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बिजली की मांग में 40-45 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को लगभग 319 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार निकट भविष्य में शिमला और धर्मशाला में 1.52 लाख स्मार्ट बिजली मीटर स्थापित करेगी. उन्होंने कहा कि यद्यपि केंद्र सरकार ने विशेष श्रेणी के राज्य हिमाचल प्रदेश को निश्चित अनुदान प्रदान करने का भी प्रावधान किया है, लेकिन इसे वास्तविक लागत के माध्यम से निश्चित किया जाना चाहिए, ताकि 22 लाख उपभोक्ताओं, जिसमे 20 लाख घरेलु उपभोक्ता पर कम से कम भार पड़े.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक उर्जा राज्य के रुप में जाना जाता है, तथा यहां देश में कुल उपलब्ध 45,000 मेगावाट जल विद्युत क्षमता में से 10,500 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष राज्य सरकार ने 778 मेगवाट की परियोजनाएं सतलुज जल निगम, 499 मेगावाट की परियोजनाएं एनटीपीसी और 520 मेगावाट की परियोजनाएं चिनाब घाटी में क्रियान्वयन के लिए एनटीपीसी को आवंटित की हैं.
उन्होंने कहा कि यह घाटी जनजातीय और दूरदराज के क्षेत्र में है, इसलिए ऊर्जा निकासी के लिए प्रभावी और दीर्घकालीन नीति बनाने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल तथा राज्य सरकार द्वारा काज़ा में 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा मेगा पार्क का निर्माण प्रस्तावित है.
उन्होंने कहा कि ऊर्जा निकासी के लिए प्रभावशाली व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस संदर्भ में केन्द्रीय ऊर्जा सचिव को पहले ही एक पत्र लिखा है.
केन्द्रीय राज्य ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विभिन्न क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. ऊर्जा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को हुई क्षति से उभारने के लिए प्रभावी कदम लेने और नई पहल की आवश्यकता है.