शिमलाः हिमाचल विधानसभा में सोमवार को पुराने साथियों की स्मृतियों को नमन किया गया. बीते कुछ समय में सदन का हिस्सा रहे सात नेताओं का देहांत हुआ. दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में शोक उद्गार व्यक्त किए गए.
सदन ने पूर्व सदस्यों स्वतंत्रता सेनानी मेलाराम सांवर, रणजीत बख्शी, कुमारी श्यामा शर्मा, ओंकार शर्मा, रघुराज, चंद्रसेन ठाकुर, पंडित तुलसीराम शर्मा व मौजूदा विधानसभा के सदस्य रहे स्व. सुजान सिंह पठानिया की स्मृतियां व उनसे जुड़े संस्मरण सांझा किए. सदन के नेता व सीएम जयराम ठाकुर ने सभी सदस्यों को भावभीनी आदरांजलि अर्पित की और प्रदेश की सेवा में उनके योगदान की सराहना की. सदन में कोरोना से मौत का शिकार हुए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गई.
चमोली में हुए हादसे में दिवंगत लोगों को किया याद
साथ ही उत्तराखंड के चमोली में हुए हादसे में दिवंगत लोगों को याद किया गया और उनके परिजनों से संवेदना व्यक्त की गई. इसके अलावा भाजपा नेता शांता कुमार की धर्मपत्नी संतोष शैलजा के निधन पर भी दुख प्रकट किया गया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के शोक उद्गार के बाद कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक स्थगित कर दी गई.
ऐसा मौजूदा विधानसभा के सदस्य सुजान सिंह पठानिया की स्मृति में किया गया. सुजान सिंह पठानिया फतेहपुर से विधायक थे. उन्होंने सात बार विधानसभा चुनाव जीता और तीन बार कैबिनेट मंत्री भी रहे. सदन स्थगित करने से पहले हालांकि कार्यसूची में शामिल प्रश्नों को सभापटल पर रख दिया गया था.
शोक उद्गार में सबसे पहले शामिल हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मानसून सत्र और मौजूदा सत्र की अवधि के बीच सदन के वर्तमान सदस्य सुजान सिंह पठानिया सहित यहां के पूर्व सदस्य मेला राम सांवर, रणजीत सिंह बक्शी, कुमारी श्यामा शर्मा, चंद्रसेन ठाकुर, रघुराज, तुलसीराम शर्मा व ओंकार चंद हमसे बिछड़ गए.
तुलसी राम शर्मा की सादगी को किया याद
मुख्यमंत्री ने सुजान सिंह पठानिया के कृषि प्रेम की खास चर्चा की और उन्हें हरफनमौला बताया. उन्होंने पूर्व विधायक और विधानसभा के अध्यक्ष रहे तुलसी राम शर्मा की सादगी को याद किया और कहा कि उन्होंने सदन के संचालन में अपनी संसदीय समझ की प्रतिभा का लोहा मनवाया. तुलसी राम शर्मा की शालीनता को मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से रेखांकित किया.
सीएम ने कहा कि 1972 में विधायक बने स्वतंत्रता सेनानी मेला राम सांवर का निधन 16 अक्तबर 2020 को हुआ. वे 95 वर्ष के थे. सदन के सदस्य रहे रणजीत सिंह बक्शी का निधन 79 वर्ष की आयु में हुआ. बख्शी जी ने चीन और पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों में भी भाग लिया. वह वर्ष, 1996 में विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद विधायक बने. पूर्व मंत्री एवं भाजपा की तेजतर्रार नेत्री रही कुमारी श्यामा शर्मा का भी कोरोना काल में देहांत हुआ. श्यामा शर्मा 1977, 1980 और 1990 में सदन की सदस्य रही.
इसी तरह पूर्व विधायक चंद्रसेन ठाकुर के अलावा 5 बार विधायक रहे पूर्व पशुपालन मंत्री रघुराज भी इसी अवधि में हमसे सदा के लिए बिछुड़ गए. शोक उद्गार व्यक्त करने वालों में राजीव बिंदल, रमेश ध्वाला, गोविंद ठाकुर, राजीव सैजल, आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर, राकेश सिंघा, लखविंदर राणा, विक्रमादित्य सिंह, जियालाल, आशीष बुटेल आदि शामिल थे.
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि सदन में व्यक्त शोकोद्गार दिवंगत नेताओं के परिजनों को भेजे जाएंगे. सदन की इस कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग पैन ड्राइव के माध्यम से परिजनों तक पहुंचाई जाएगी. इससे पहले परिजनों को लिखित तौर पर सदन की कार्यवाही की जानकारी दी जाती रही है. शोक उद्गार के बाद विधानसभा में मौन रखा गया.
किसानों और प्रदेश में कोरोना काल के समय आत्महत्या करने वालों को दी श्रद्धांजलि
सदन में कांग्रेस व माकपा के सदस्यों ने दिवंगत विधायक सुजान सिंह पठानिया व पूर्व विधायकों के अलावा किसान आंदोलन के दौरान मौत का शिकार हुए करीब 200 किसानों और प्रदेश में कोरोना काल के समय आत्महत्या करने वालों को भी श्रद्धांजलि दी.
सीएम जयराम ठाकुर ने शोकोद्गार के दौरान सदन को जानकारी दी कि उत्तराखंड के चमोली जल प्रवाह में लापता हुए 10 हिमाचली लोगों को वहां की सरकार ने मृत घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों के बचे होने की अब कोई संभावना नहीं है. ये बेहद दुखद हादसा था. सभी शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना जताई गई.
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