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नाटी पर झूमते नजर आए देवी-देवता! इस बार फाग मेले से खुश होकर लौटे

सोमवार को फाग मेले का समापन अंतिम दिन नाटी पर झूमे देवी-देवता! इस बार मेले में पहुंचे 15 देवी-देवता

सोमवार को फाग मेले का समापन
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Published : Mar 25, 2019, 11:20 PM IST

रामपुर: हिमाचली नाटी देशभर में प्रसिद्ध है. पहाड़ियों को नाटियों पर थिरकते तो हर किसी ने देखा होगा, लेकिन देवभूमि के देवी-देवता भी खास अवसरों पर नाटी डालते हैं.

रामपुर के ऐतिहासिक फाग मेले के अंतिम दिन रामपुर सभी देवी-देवता नाटी पर थिरकते हैं. मेले में ईष्ट देवताओं के लिए श्रद्धालू नाटी गाते हैं और देवलू देवी-देवताओं को नृत्य करवाते हैं. सोमवार को रामपुर में ये नजारा देखने हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.

सोमवार को फाग मेले का समापन (वीडियो).

21से 25 मार्च तक चले फाग मेले का सोमवार को समापन हो गया. इस मौके पर सभी देवी-देवताओं को पदम पैलेस से बहार लाया गया. इसके बाद पुराने बस स्टेंड के पास देवताओं ने एक साथ मिलकर नाटी लगाई, जिसमें पांच देवता वाद्ययंत्रों की धूनों पर खुब झूमते हुए नजर आए. इस दौरान देवताओं के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग भी खुब झूमते हुए नजर आए.
बता दें कि चार दिवसीय फाग मेले में इस बार 15 देवी-देवताओं ने भाग लिया. मेले के समापन पर सभी देवी-देवता अपने-अपने गांव लौट चुके हैं. हर किसी को अंतिम दिन होने वाली देवी-देवताओं की नाटी का इंतजार रहता है.

नाटी के दौरान देवता महारूद्र काजल गसो, दत्तमहाराज बसारा, देवता दमुख डंसा, देवता साहीब छीजा कलेश्वर देवठी, देवता साहीब जाख रचोली, देवता साहेब छोटू कीम इस मेले में नाचते हुए नजर आए.माना जाता है कि यदि देवी-देवता मेले से खुश होकर लौटते हैं, तो पूरा साल क्षेत्र के लिए अच्छा रहता है. खेतों में अच्छी पैदावार होती है, क्षेत्र में महामारी का कोई डर नहीं रहता.

रामपुर: हिमाचली नाटी देशभर में प्रसिद्ध है. पहाड़ियों को नाटियों पर थिरकते तो हर किसी ने देखा होगा, लेकिन देवभूमि के देवी-देवता भी खास अवसरों पर नाटी डालते हैं.

रामपुर के ऐतिहासिक फाग मेले के अंतिम दिन रामपुर सभी देवी-देवता नाटी पर थिरकते हैं. मेले में ईष्ट देवताओं के लिए श्रद्धालू नाटी गाते हैं और देवलू देवी-देवताओं को नृत्य करवाते हैं. सोमवार को रामपुर में ये नजारा देखने हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.

सोमवार को फाग मेले का समापन (वीडियो).

21से 25 मार्च तक चले फाग मेले का सोमवार को समापन हो गया. इस मौके पर सभी देवी-देवताओं को पदम पैलेस से बहार लाया गया. इसके बाद पुराने बस स्टेंड के पास देवताओं ने एक साथ मिलकर नाटी लगाई, जिसमें पांच देवता वाद्ययंत्रों की धूनों पर खुब झूमते हुए नजर आए. इस दौरान देवताओं के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग भी खुब झूमते हुए नजर आए.
बता दें कि चार दिवसीय फाग मेले में इस बार 15 देवी-देवताओं ने भाग लिया. मेले के समापन पर सभी देवी-देवता अपने-अपने गांव लौट चुके हैं. हर किसी को अंतिम दिन होने वाली देवी-देवताओं की नाटी का इंतजार रहता है.

नाटी के दौरान देवता महारूद्र काजल गसो, दत्तमहाराज बसारा, देवता दमुख डंसा, देवता साहीब छीजा कलेश्वर देवठी, देवता साहीब जाख रचोली, देवता साहेब छोटू कीम इस मेले में नाचते हुए नजर आए.माना जाता है कि यदि देवी-देवता मेले से खुश होकर लौटते हैं, तो पूरा साल क्षेत्र के लिए अच्छा रहता है. खेतों में अच्छी पैदावार होती है, क्षेत्र में महामारी का कोई डर नहीं रहता.




फाग मेले से घर लौटते समय नाटी लगाते हुए नजर आए देवता, खुश होकर लौटे 

जिनमें देवता महारूद्र काजल गसो , दत्तमहाराज बसारा, देवता दमुख डंसा, देवता साहीब छीजा कलेश्वर देवठी, देवता साहीब जाख रचोली नाटी लगाते आए नजर

रामपुर बुशहर, 25 मार्च मीनाक्षी 
आप ने लोगों को नाटी लगाते हुए तो देखा होगा लेकिन आज हम आपको ऐसी नाटी से रूबरू करवाना चाहते है जिसे हर किसी ने नहीं देखा होगा। जिहां जहां हर गांव में लोग नाटियों का आयोजन करते है। लेकिन यह ऐसी नाटी है जो अपने आप में सबसे अलग है। इस नाटी मे सिर्फ देवी-देवता ही नाटी लगाते हुए नजर आते है। यह मेला रामपुर में लगने वाला जिला स्तरी फाग मेले है। जहां पर आए मेले के अंतिम दिन विदाई के बाद अपने -अपने गांव जाते हुए खुशी से यह देवता एक साथ नाटी लगाते हुए दिख। इस सुन्दर नजरने को हर कोई अपने कैमरे में कैद करना चाहता है। पांच देवते एक साथ नाटी लगाते हुए नजर आए। जब यह देवते पदम पैलस से बहार निकले तो पुराने बस स्टेंड के पास जाकर देवताओं ने एक साथ मिलकर नाटी लगाई जिसमें पांच देवता वाद्ययंत्रों की धूनों पर खुब झुमते हुए नजर आए। इस दौरान देवताओं के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग भी खुब झुमते हुए नजर आए। बता दें कि चार दिवसीय फाग लेते का आज विधिवत रूप से समापन हो चुका है। जिसमे ंक्षेत्र के 15 देवी-देवताओं ने भाग लिया  था आज सभी देवी-देवता अपने -अपने गांव लौट चुके है। इसी दौरान यह मनमोह नजारा देखने को मिलता है। हर किसी को इस पद का इंतजार रहता है जब मिलकर देवी-देवता नाटी लगाते है। लेकिन इस मेले में सभी पांच देवता नाटी लगाते हुए नजर आ रहे है। जिनमें देवता महारूद्र काजल गसो , दत्तमहाराज बसारा, देवता दमुख डंसा, देवता साहीब छीजा कलेश्वर देवठी, देवता साहीब जाख रचोली, देवता साहेब छोटू कीम इस मेले में नाचते हुए नजर आ रहे है। 
माना जाता है कि यदि देवी-देवता मेले से खुश होकर लौटते है तो पुरा साल क्षेत्र के लिए अच्छा रहता है। जिसमें अच्छी फसल होना, क्षेत्र में सुख स्मृद्ध के साथ महामारी नहीं लगने का कोई  डर  नहीं रहता है। 


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